- दिन में फाइनेंस कर्मचारी, रात में ट्रक पर निशाना

- कानपुर तक लूटपाट करते रहे बाइक सवार बदमाश

GORAKHPUR: जिले में लूटपाट करने वाले नए गैंग को पुलिस ने पकड़ा है। गैंग के मेंबर्स दिन में माइक्रो फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों को, तो वहीं रात में हाइवे पर ट्रक ड्राइवर को निशाना बनाते रहे। छह माह के भीतर चार बदमाशों के गैंग ने 140 वारदातें की। एसएसपी अनंत देव ने बताया कि दो बदमाशों की तलाश की जा रही है। लूटपाट करने वाले गैंग का सरगना पोल्ट्रीफार्म चलाता है। पकड़े गए दोनों बदमाश कर्मचारी थे।

गगहा एरिया में मिली कामयाबी

जिले में अचानक लूटपाट की वारदातें बढ़ गई। दिन में माइक्रो फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों से वारदातें होने लगी, तो रात में ट्रक वाले निशाना बनते रहे। मामूली लूटपाट की शिकायतों को पुलिस ने दर्ज नहीं किया। अन्य मामलों में बदमाशों की तलाश शुरू की। क्राइम ब्रांच के सीओ अभय मिश्रा टीम के साथ गगहा पुलिस ने बदमाशों की धरपकड़ में जुट गई। मंगलवार की सुबह गगहा के कराहकोल घाट पुल के पास पुलिस को काली बाइक सवार दो युवकों की सूचना मिली। पुलिस की जांच में युवकों के पास से तमंचा, कारतूस और मोबाइल बरामद हुआ। पूछताछ में उनकी पहचान गगहा एरिया के सोनइचा निवासी कुशल मिश्रा, जौनपुर जिले के चंद्रवक, श्याममणि निवासी विवेकानंद उर्फ गोलू के रूप में हुई। दोनों ने बताया कि दिन में फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों तो रात में ट्रक वालों से लूटपाट करते थे।

सरगना अब भी है फरार

बदमाशों से पूछताछ में पुलिस हैरान रह गई। बदमाशों ने बताया कि सोनइचा निवासी प्रदीप पांडेय गैंग का सरगना है। वह पोल्ट्री फार्म चलाता है। कुशल और विवेकानंद उससे जुड़े हैं। दोनों एक साल से वहां पर काम करते थे। प्रदीप पांडेय के कहने पर उसके साथ मिलकर लूटपाट करने लगे। गांवों में काम करने वाले माइक्रो फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों को लूटना आसान लगा। मामूली सी रेकी के बाद वह लोग आसानी से टारगेट पूरा कर लेते थे। छोटी रकम लूटने पर कोई शिकायत नहीं हुई तो मन बढ़ता चला गया। इसलिए रात में हाइवे पर खड़ी ट्रकों को लूटने लगे। पेट्रोल पंप और ढाबों के किनारे खड़े ट्रक चालकों को पीटकर लूट लेते थे। रात में 11 बजे से सुबह तीन बजे ट्रक वालों का लूटते तो दोपहर बाद फाइनेंस कर्मचारियों के पीछे लगते थे।

कई रूट्स पर की वारदात

बदमाशों ने बताया कि छोटी लूट पर पुलिस ध्यान नहीं दे रही थी। आईटीआई पास कुशल ने इसका फायदा उठाया। उसने अपने साथियों को बताया कि पुलिस बड़े बदमाशों की तलाश करती रही। उनको भरोसा था कि वह पुलिस के जाल में नहीं फंसेगे। माइक्रो फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी निर्धारित समय पर गांवों में जाते हैं। इसलिए वह आसानी से शिकार बनते रहे। बेलीपार, गगहा, पचलड़ी चौराहा से कौड़ीराम, बेलीपार, बड़हलगंज, गोला, बांसगांव और खजनी रुट पर बदमाशों ने ज्यादातर वारदातें की। एसएसपी के सामने बदमाशों ने कबूला कि 140 से अधिक लूट वह लोग कर चुके हैं। एक हजार, दो हजार के लूटपाट की शिकायत किसी ने पुलिस से नहीं की। ट्रक से लूट के चक्कर में बाइक से कानपुर तक चले गए। वहां से कई ट्रक वालों को लूटकर गोरखपुर लौटे।

प्रेमिकाओं को करते रहे खुश

लूट की रकम से बदमाश शान-शौकत बघारते थे। हर आरोपी के पास दो से अधिक प्रेमिकाएं हैं। रुपए खर्च करके वह अपनी प्रेमिकाओं के लिए उपहार खरीदते थे। उनके साथ घूमना मौज मस्ती करने में पूरा पैसा खर्च कर देते थे। एसएसपी ने बताया कि बदमाशों के पास से तमंचा, कारतूस, आठ मोबाइल, नकदी, माइक्रो फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों से लूटा गया बैग, ट्रक ड्राइवर का लाइसेंस भी बरामद हुआ बदमाशों ने छह माह में 150 से अधिक वारदातें की। जुलाई 2015 से 31 जनवरी 16 के बीच सिर्फ 13 घटनाएं दर्ज हैं। इनमें गगहा एरिया की 11 और बेलीपार तीन घटनाएं शामिल हैं। बदमाशों ने देवरिया जिले के कोतवाली में भी एक वारदात की थी।

बदमाशों के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई की जाएगी। उनका दावा है कि उन्होंने 150 घटनाओं को अंजाम दिया है। गोरखपुर में दर्ज 13 घटनाओं का खुलासा करने में पुलिस कामयाब हुई। इसके लिए सीओ क्राइम ब्रांच अभय मिश्र बधाई के पात्र हैं।

अनंत देव, एसएसपी, गोरखपुर