गोरखपुर (ब्यूरो)। ऐसे हाल में भी नगर निगम कुछ वीआईपी मोहल्लों में फॉगिंग कर सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है। ऐसे में मच्छर जनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। हेल्थ डिपार्टमेंट का मलेरिया विभाग और नगर निगम मच्छरों से निपटने के लिए फॉगिंग कराने का भले ही दावा कर रही है, लेकिन मच्छरों पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है और पब्लिक परेशान है। गोरखपुराइट्स लगातार निगम के कंट्रोल रूम में कॉल कर रहे हैं।

संकरी गलियों में नहीं जातीं फॉगिंग मशीनें

निचली और घनी आबादी वाले एरियाज में मच्छर सबसे अधिक हैं। इसके चलते लोगों की नींद हराम हो गई है। यहां पर दिन में बैठना भी मुश्किल हो जा रहा है। मोहल्ले वालों का कहना है कि सफाई कर्मी तो प्रतिदिन झाडू लगाने के बाद नालियों व गलियों में कूड़ा डाल देते हैं। नालियां जाम होने से मच्छर व संक्रमण फैलने का खतरा मंडराने लगा है। वहीं, सकरी गली होने के कारण नगर निगम मशीन से फॉगिंग कराने के बजाय सड़क से ही लौट जाते हैं। वैसे तो इन दिनों गली-मोहल्लों में मच्छरों का प्रकोप है।

25 साइकिल का इस्तेमाल

नगर निगम की फॉगिंग मशीन, जिनसे मच्छरों की मुक्ति दिलाने का दावा किया जाता है, लेकिन कॉल करने के बाद भी फॅागिंग मशीनें नहीं पहुंचतीं। इनमें सबसे इंपॉर्टेट साइकिल माउंटेड फॉगिंग मशीनें हैं। स्टोर रूम में खड़ी 30 साइकिल माउंटेड फॉगिंग मशीन में से 25 को काम में लिया जा रहा है, जबकि 5 को रिजर्व में रखा गया है। वहीं, चार बड़ी मशीनों में से दो ही काम कर रही हैं। लाखों की आबादी में बुलावे पर भी फॉगिंग नहीं हो पा रही। कम संख्या होने के कारण ये मशीनें फॉगिंग कर कब चली जाती हैं। किसी को पता ही नहीं चलता।

5-5 वार्ड में डेली फॉगिंग का दावा

शहर में मच्छरों से निजात दिलाने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। इसलिए निगम को हर साल लाखों रुपए का बजट सिर्फ मच्छरों से बचाव के लिए दिया जाता है। ताकि मलेरिया, हैजा, डेंगू जैसी खतरनाक बीमारियां न फैल सकें, लेकिन निगम सिटी को मच्छर मुक्त बनाने गंभीर नहीं दिखता। ये हाल तब है जब इन दिनों गोरखपुर में डेंगू को लेकर अलर्ट है। निगम की ओर से अलग-अलग दिन पांच-पांच वार्डों में फॉगिंग मशीनें भेजने का दावा किया जा रहा है। जबकि मानसून पीरियड में बारिश होती रही। पानी भी निकलता रहा। लेकिन जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर में फॉगिंग पर ठोस काम नहीं दिखा।

ये एरिया सेंसेटिव

रुस्तमपुर, भगत चौराहा, तारामंडल, शेषपुर, तिवारीपुर, अलीनगर, छोटेकाजीपुर, डोमिनगढ़, निजामपुर, मोहद्दीपुर, कूड़ाघाट, चरगांवा, राप्तीनगर, गीताप्रेस, बिलंदपुर, बेतियाहाता, नरसिंहपुर, खूनीपुर, बक्शीपुर, रायगंज, शाहपुर, धर्मपुर, इंजीनियरिंग कॉलेज, मानबेला, बशारतपुर, गोपलापुर, गिरधरगंज, अंधियारीबाग, तुर्कमानपुर, माधोपुर, रसूलपुर, बिछिया, धर्मशाला बाजार, विकास नगर, मियाबाजार, हांसूपुर, महुईधुरपुर, जाफरा बाजार, इलाहीबाग, दिवान बाजार, बसंतपुर आदि।

एक नजर में फॉगिंग मशीन

मशीन फॉगिंग मशीन काम कर रही मशीनें

बड़ी मशीन 04 02

छोटी मशीन 30 25

डेंगू लार्वा वाले वार्ड में लगी मशीनें----------02

जलभराव वाले इलाके में लगी मशीनें------02

लक्षण

तेज पेट दर्द, उल्टी।

सांस लेने में दिक्कत।

सिर चकराना।

बुखार आना।

नाक और मसूड़ों में ब्लड निकलना।

थकान, बेचैनी, लिवर में सूजन उल्टी या मल में ब्लड आना।

आंखों में दर्द, सिर दर्द और स्किन एलर्जी शामिल हैं।

बचाव

घरों के आसपास पानी एकत्रित ना होने दें।

घर के आसपास बड़ी झाडिय़ां या घास हो तो उसके भी कटवा दें।

सप्ताह में कूलर, फूलदान, पशु व पक्षियों के बर्तन को साफ करें।

पुराने टायर, डिस्पोजल कप, कबाड़ में पानी जमा न होने दें।

पानी के बर्तन व टंकी की पूरी तरह ढक कर रखें।

नाली व गमलों में पानी जमा न होने दें।

खिड़की पर जाली लगाएं व मच्छरदानी का प्रयोग करें ।

मच्छर के काटने से बचें, पूरे बाजू के कपड़े पहनें।

सितंबर के 16 दिनों में 111 कंप्लेन आईं -

इन एरिया से फॉगिंग न होने की कंप्लेन

- आवास विकास कॉलोनी निवासी उत्कर्ष नारायन श्रीवास्तव ने नगर निगम कंट्रोल रूम में दवा का छिड़काव और फॉगिंग कराने के लिए कंप्लेन की।

- विश्वराम त्रिपाठी ने महुईसुघरपुर में फॉगिंग कराने के लिए कंप्लेन दर्ज कराई।

- आशुतोष ने शिकायत दर्ज कराई कि तारामंडल विवेकपुरम कॉलोनी में फॉगिंग कराई जाए।

- छोटेकाजीपुर निवासी एसएन खान ने नगर निगम कंट्रोल रूम में कॉल कर फॉगिंग के लिए शिकायत की।

डेंगू को देखते हुए नगर स्वास्थ्य अधिकारी के नेतृत्व में फागिंग और एंटी लार्वा की छिड़काव लगातार कराया जा रहा है। कंट्रोल रूम में आने वाली सभी शिकायतों का तत्काल निवारण कराया जा रहा है। इसके बाद भी जिन जगहों पर छिड़काव और फॉगिंग रह गई होगी। उसमें भी फॉगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव करवाया जाएगा।

- दुर्गेश मिश्र, अपर नगर आयुक्त