- ट्रेंस की रफ्तार पर अब नहीं लगेगी ब्रेक, इंजन में लगेगा डिवाइस
- जीपीएस सिस्टम से होगा युक्त, लोको पायलट को देगा सिग्नल की जानकारी
GORAKHPUR: इस बार कोहरे के चलते ट्रेन लेट होने पर आपको घंटों इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इस समस्या से निपटने के लिए एनईआर ट्रेंस के इंजन में फॉग सेफ्टी डिवाइस लगाने की तैयारी में लगा है। जिससे घने कोहरे में भी ट्रेन ड्राइवर को सिग्नल की सटीक जानकारी मिल सके।
400 मीटर पहले ही करेगा सिस्टम
ठंड में कोहरे के चलते दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। इसके चलते लोको पायलट धीरे-धीरे ट्रेन चलाने को मजबूर होते हैं। इतनी सावधानी के बावजूद कभी-कभी कोहरे के दौरान सिग्नल न दिख पाने के कारण दुर्घटनाएं हो जाती हैं। इनको रोकने के लिए इस बार जीपीएस आधारित एक ऐसी डिवाइस का प्रयोग रेलवे करने जा रहा है, जिसके जरिए लोको पायलट को 400 मीटर पहले यह पता चल जाएगा कि आगे सिग्नल है। इससे वह ट्रेन की रफ्तार पर नियंत्रण और आगे का संकेत मिलने के मुताबिक आगे बढ़ेगा।
पहले जलाते थे पटाखा
रेलवे में अभी तक कोहरे के दौरान सफल ट्रेन परिचालन के लिए फॉग सिग्नल (पटाखा) का इस्तेमाल किया जाता रहा है। यह ऐसा उपाय है कि घना कोहरा होने पर लोको पायलट को सिग्नल न दिखाई देने पर रेलकर्मी सिग्नल से 500 मीटर पहले रेललाइन पर पटाखा जलाते हैं, जिससे लोको पायलट को पता चल जाए कि आगे कोई खतरा है अथवा सिग्नल आने वाला है। इस पटाखे की आवाज के साथ ही लोको पायलट सावधान हो जाता है और उसी के मुताबिक ट्रेन को सावधानीपूर्वक आगे बढ़ाता है।
1100 ट्रेंस में लगेगी डिवाइस
इस एक डिवाइस की कीमत 36,000 रुपए है और एनईआर सहित यह उत्तर भारत में चलने वाली 1100 ट्रेंस में रखी जाएंगी। यह डिवाइस इंजन में फिक्स्ड नहीं होगी, बल्कि जब लोको पायलट ट्रेन इंजन पर पहुंचेगा तो वह बॉक्सनुमा इस डिवाइस को अपने साथ ले जाएगा और इंजन में रख देगा। ड्यूटी के बाद वह इसे रेलवे स्टेशन पर जमा करा देगा।