गोरखपुर (ब्यूरो)।पहली लहर में कोरोना से ठीक होने के बाद कुछ ही लोगों में यह प्रॉब्लम देखी गई थी, लेकिन दूसरी लहर में इसके मामले बढ़ गए। दरअसल, स्किन रोग विभाग में 250 मरीजों की ओपीडी होती है। इसमें 10 मरीज ऐसे हैं, जो कोविड से ग्रसित थे। उन्हें बाल झडऩे की बीमारी हो गई, जिनका इलाज किया जा रहा है।

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के स्किन डिजीज डिपार्टमेंट के एक्सपर्ट डॉ। राजकुमार ने बताया, कोरोना रिकवर होने के बाद बाल झडऩे की प्रॉब्लम देखने को मिल रही है। अमूमन इलाज शुरू करने के डेढ़ से दो महीने बाद इस प्रॉब्लम से निजात मिल जाती है। उनका कहना है कि पोस्ट कोविड में बाल झडऩे का मुख्य कारण डिप्रेशन और स्ट्रेस और फेफड़े तक ऑक्सीजन का ना पहुंचना है।

हेयर ग्रोथ के दो फेज

हेयर ग्रोथ के दो फेज होते हैं। पहला ग्रोइंग फेज और दूसरा रेस्टिंग फेज। हमारे 72 से 80 परसेंट बाल ग्रोइंग फेज होते हैं और बाकी बचे रेस्टिंग फेज में होते हैं। जब हमें डिप्रेशन होता है या अन्य किसी तरह से तनाव बढ़ता है और यह कुछ दिनों तक जारी रहता है तो हमारे ग्रोइंग फेज के 50 परसेंट बाल रेस्टिंग फेज में चले जाते हैं और 50 परसेंट बाल रेस्टिंग फेज में जाएंगे तो उसके बाद हेयर लॉस जैसी प्रॉब्लम पैदा हो जाती है। इस प्रॉब्लम को मेडिकल टर्म में टेलोजन एफ्लूवियम कहते हैं।

हेल्दी डाइट जरूरी, मेंटल स्ट्रेस न पालें

स्किन रोग विशेष डॉ। राजकुमार ने बताया, कोरोना संक्रमित होने की वजह से पोस्ट कोविड में हेयर लॉस की प्रॉब्लम हो रही है तो इसे घर पर रहकर ही दो चीजों से दूर किया जा सकता है। पहला हेल्दी डाइट और दूसरा मेंटल स्ट्रेस को कम करके। हेल्दी डाइट लेना बेहद जरूरी है, जिसमें प्रोटीन, आयरन जैसी चीजें मौजूद हों। यदि कोरोना की वजह से बाल झड़ रहे हैं तो किसी अन्य तरह की दवा की जरूरत नहीं है। लेकिन यदि लंबे समय तक हेयर लॉस की समस्या रहती है तो मेडिकेशन के जरिए ही इलाज करना पड़ता है।

कोरोना की पहली और दूसरी लहर में पॉजिटिव 90 परसेंट मरीजों में बाल झडऩे की शिकायत मिली है। यह मरीज लंबे समय तक ऑक्सीजन पर रहे हैं। ऐसे मरीज डिडोरा की चपेट में आ गए। शुरुआती दौर में स्किन रोग विभाग में ज्यादा मरीज इलाज के लिए आए, लेकिन अब 10 में से दो मरीज बाल झडऩे के आ रहे हैं। सामान्य बाल झडऩे के 20 से 25 मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं। ऐसे मरीजों को मल्टी विटामिन और योगा करना चाहिए।

डॉ। राजकुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर, स्कीन रोग विभाग बीआरडी मेडिकल कॉलेज