- जिला अस्पताल के पैथोलॉजी रिपोर्ट में पांच पेशेंट्स की पुष्टि
-147 एलाइजा टेस्ट में अब तक 26 डेंगू के मरीज
GORAKHPUR: शहर में डेंगू का कहर बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को जिला अस्पताल के पैथोलॉजी की जांच में पांच नए पेशेंट्स में डेंगू की पुष्टि हुई है। वर्तमान में डेंगू वार्ड में छह मरीजों का इलाज चल रहा है। रोज बढ़ रही मरीजों की संख्या के बीच स्वास्थ्य महकमा अलर्ट होने का दावा तो कर रहा है लेकिन व्यवस्था अभी दुरुस्त नहीं नजर आ रही।
बढ़ रही संख्या
जिला अस्पताल में डेंगू के मरीजों के आने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को गोरखपुर जिले के बांसगांव की तारा देवी (46) पत्नी चंद्रप्रकाश, विशुनपुर निवासी नमृता (21) पुत्री विनोद राय, अमित कुमार शर्मा (22) पुत्र सुनील कुमार शर्मा निवासी बासडिह जिला बलिया, अमित कुमार पांडेय (23) पुत्र भोला नाथ निवासी धनघटा जिला संतकबीरनगर और आशुतोष अग्रहरि (22) पुत्र देवेंद्र नारायण निवासी आनंद नगर जिला महराजगंज को डेंगू की पुष्टि हुई है।
147 में से 26 पीडि़त
जिला अस्पताल के पैथोलॉजी में अब तक 147 मरीजों का एलाइजा टेस्ट करवाया गया है। इसकी रिपोर्ट में गोरखपुर, बलिया, संतकबीरनगर, महराजगंज, देवरिया, बिहार के 26 लोगों में डेंगू पाया गया है। हर रोज यहां बुखार के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। तेजी से बढ़ते इस आंकड़े को देख हेल्थ डिपार्टमेंट के होश उड़ गए हैं।
अलर्ट के बाद भी नतीजा सिफर
सीएमओ ने डेंगू मरीजों की तेजी से बढ़ रही संख्या को देखते हुए जिले में अलर्ट जारी किया। लेकिन हकीकत में व्यवस्थाओं पर गौर किया जाए तो नतीजा सिफर है। तमाम निर्देशों के बावजूद हेल्थ विभाग व नगर स्वास्थ्य अधिकारी की टीम एरियाज में दवा छिड़काव, फॉगिंग और सफाई अभियान में फेल नजर आ रही है।
डेंगू के प्रमुख लक्षण
- तेज बुखार जो तीन से सात दिन तक रह सकता है।
- मितली आना या उल्टी होना
- सिर, आंखों, बदन जोड़ों में दर्द
- शरीर में लाल चक्कते पड़ना
- भूख ना लगना
- चिड़चिड़ापन महसूस करना
- ब्लड प्रेशर में गिरावट
- डेंगू की गंभीर स्थिति में आंख या नाक से खून आना।
ऐसे करें बचाव
- घर और आस-पास पानी जमा ना होने दें।
- आसपास साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें।
- अगर घर में बर्तन में पानी भर कर रखते हैं तो उसे ढक कर रखें।
- खाली बर्तनों को भी ढक कर रखें।
- कूलर, गमले का पानी रोज बदलते रहें।
- अगर जरुरत ना हो तो कूलर में पानी भर कर ना रखें।
- ऐसे कपड़े पहनें जो शरीर के अधिकतम हिस्से को ढक कर रखें।
- सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
वर्जन
डेंगू की रोकथाम के लिए डॉक्टर्स व हेल्थ एंप्लाइज को सचेत कर दिया गया है। साथ ही अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाओं का प्रबंध कर इलाज करने के लिए कहा गया है। डेंगू की पुष्टि होने के बाद मरीजों का इलाज सुचारु रूप से किया जा रहा है।
- डॉ। रविंद्र कुमार, सीएमओ