गोरखपुर ब्यूरो। कोरोना के तीसरी लहर में अब तक 6860 केसेज हो चुके हैैं। अब तक 9 की मौत हो चुकी है। जबकि 64838 स्वस्थ हो चुके हैैं। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ। एएन प्रसाद ने कहा कि संक्रमित पाए गए व्यक्तियों के टीकाकरण में तीन महीने की देरी होगी। इसमें प्रिकॉशन डोज भी शामिल है। जिन व्यक्तियों की जांच में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है। अब उन्हें ठीक होने के तीन महीने बाद खुराक दी जाएगी। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन केआने के बाद एक बार फिर वैक्सीनेशन स्पीड तेज कर दी गई है। वायरस से बचाव के लिए कई माध्यमों के जरिए जागरुकता फैलाई जा रही है।
नौ महीने तक बनी रहेगी एंटीबॉडी
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ। अमरेश कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीज ठीक होने या वैक्सीन के दोनों डोज लेने केबाद करीब 9 महीने तक एंटी बॉडी मौजूद रहती है। आईसीएमआर गोरखपुर के रीजनल डायरेक्टर डॉ। रजनीकांत ने बताया कि वैक्सीन से मिली इम्यूनिटी को लेकर भारत में भी स्टडी हुई और ग्लोबल स्तर पर भी रिसर्च हुई। इन स्टडी से साफ हुआ कि एंटीबॉडी करीब 9 माह तक शरीर में जीवित रहती है।
एंटीबॉडी जांच के लिए दिखा रहे इंट्रेस्ट
कोरोना के तीसरी लहर में संक्रमित व्यक्ति के स्वस्थ होने के बाद अब एंटीबॉडी की जांच के लिए पैथोलोजी सेंटर पर लोगों की भीड़ उमड़ रही है। पैथोलोजिस्ट डॉ। अमित गोयल ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित व्यक्तियों के एंटीबॉडी जांच के साथ-साथ सभी प्रकार की जांच करवाई जा रही थी। इस बार तीसरी लहर में भी लोग अपने एंटीबॉडी की जांच के लिए फिर से जांच करवाना शुरु कर दी है। वहीं पैथोलोजिस्ट डॉ। अजय द्विवेदी ने बताया कि दाउदपुर स्थित उनके एसआरएल लैब पर एंटीबॉडी की जांच के लिए लोगों में जागरुकता बढ़ी है।
डेट - प्रिकॉशन डोज
5 फरवरी - 780
4 फरवरी - 819
3 फरवरी - 1217
2- फरवरी - 1385
1- फरवरी - 1515
फैक्ट फीगर.
हेल्थ केयर वर्कर्स - 33,285
फ्रंट लाइन वर्कर्स - 30,183
60 वर्ष से उपर के सीनियर सिटीजन 4,49,077
कोरोना की चपेट में आने वाले लोगों को तीन महीने तक प्रिकॉशन डोज के लिए इंतजार करना होगा। ऐसे छह हजार के करीब लोग हैैं। जो तीन महीने बाद बूस्टर डोज ले सकेंगे। क्योंकि वह एंटीबॉडी बना चुके हैैं।
डॉ। आशुतोष कुमार दुबे, सीएमओ