गोरखपुर (ब्यूरो)।इसमें एमए एनशिएंट हिस्ट्री में पूनम शुक्ला को टॉपर बताया गया। वह एग्जामिनेशन डिपार्टमेंट में यह पता करने गई कि उसे क्या-क्या डॉक्युमेंट्स जमा करने हैं, तो उसकी खुशी वहीं काफूर हो गई। उसे पता चला कि उसके माक्र्स गलती से ज्यादा फीड हो गए, जिसकी वजह से वह उस सब्जेक्ट की टॉपर नहीं है, बल्कि प्रियंका यादव सब्जेक्ट टॉपर है।

जल्दबाजी में हो रही गलती

यूनिवर्सिटी अपना 41वां कॉन्वोकेशन बहुत ही शॉर्ट नोटिस पर ऑर्गनाइज कर रही है। आमतौर पर कॉन्वोकेशन से एक हफ्ते पहले से ही कॉन्वोकेशन वीक के तहत डिपार्टमेंट्स में प्रोग्राम ऑर्गनाइज होते हैं। जबकि इस बार ऐसा नहीं हो रहा। हर काम जल्दबाजी में हो रहा है। इसी जल्दबाजी में यह गलती हो गई और नया रिजल्ट बनने के बावजूद पुराने के आधार पर ही लिस्ट जारी कर दी गई। इसके साथ ही बीजे के टॉपर का नाम ही इंटरिम लिस्ट में दिया ही नहीं गया है।

जनवरी में आया रिजल्ट

एमए एनशिएंट हिस्ट्री फोर्थ सेमेस्टर का रिजल्ट जारी हो गया था। इसके हिसाब से पूनम शुक्ला को 1638 माक्र्स मिले थे, जो क्लास में सबसे ज्यादा थे। 1630 माक्र्स के साथ प्रियंका यादव दूसरे नंबर पर रहीं। इसके बाद प्रियंका ने आरटीआई के जरिए यह क्लेम किया कि पूनम को एक सब्जेक्ट में 70 में से 70 माक्र्स कैसे मिले हैं? इस पर जिम्मेदारों के बीच हड़कंप मच गया, जब जांच हुई तो हकीकत सामने आई। इसमें प्रियंका के 52 माक्र्स की जगह 70 माक्र्स दे दिए गए। इससे टॉपर लिस्ट में गलती से पूनम का नाम ऊपर आ गया।

नहीं दी सूचना

पूनम ने बताया कि रिजल्ट में बदलाव के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं थी। उसने अपने एचओडी से बात की तो उन्हें भी इसके बारे में पता नहीं था। जब वे परीक्षा विभाग गईं तो वहां पर पता चला कि उसके रिजल्ट में सुधार हो रहा है और उसे कोर्स कोड 'एएसी-401Ó में 70 में से 70 नहीं बल्कि 52 नंबर मिले हैं और इसके हिसाब से 1630 माक्र्स पाने वाली प्रियंका को गोल्ड मेडल दिया जाएगा।

एक ही गलती दो बार

इस मामले में परीक्षा विभाग की बड़ी गलती देखने को मिली। यूनिवर्सिटी ने अपनी गलती तो सुधार ली, लेकिन उन्होंने गलत नंबर फीड किया रिजल्ट बिना जांच के ही जारी कर दिया। आरटीआई के बाद जब रिजल्ट में सुधार हुआ तब भी न स्टूडेंट और न ही एचओडी को जानकारी दी गई। इतना ही नहीं रिजल्ट में करेक्शन होने के बाद भी पुराने रिजल्ट के आधार पर ही गोल्ड मेडल की इंटरिम लिस्ट जारी कर दी।

दिल्ली से आई लड़की

पूनम शुक्ला दिल्ली में रहकर सिविल सर्विसेज की तैयारी करती हैं। मेडल लिस्ट में नाम देखा तो वहां से गोरखपुर आ गईं। यहां आने पर पता चला कि उसके रिजल्ट में बदलाव हुआ है और वह टॉपर नहीं है। यूनिवर्सिटी कर्मचारियों की लापरवाही से एक ब्राइट स्टूडेंट की इमोशल डिस्टर्ब होना पड़ा है।

प्रियंका यादव हैं टॉपर

एग्जामिनेशन डिपार्टमेंट की ओर से मिली जानकारी के अनुसार जनवरी में रिजल्ट जारी होने के तुरंत बाद प्रियंका ने शिकायत की थी कि पूनम को एक कोर्स में 70 में 70 माक्र्स मिले हैं। जब कॉपी को देखा गया तो उसमें 52 माक्र्स थे। जल्दबाजी में पुराने रिजल्ट के आधार पर ही मेडल लिस्ट जारी कर दी गई। इसमें सुधार कर लिया गया है। प्रियंका यादव ही टॉपर हैं।