गोरखपुर (ब्यूरो)।रफ्तार के लिए वंदे भारत को चुनने वाले पैसेंजर्स को निराशा नहीं हुई और वह निर्धारित टाइम से पहले ही डेस्टिनेशन तक पहुंच गए। एनई रेलवे की पहली वंदे भारत ट्रेन पहले दिन ही 16 मिनट पहले अयोध्या और 12 मिनट पहले लखनऊ पहुंच गई। लखनऊ में इसकी टाइमिंग 04.15 थी, लेकिन यह 04.03 घंटे में ही गोरखपुर पहुंच गई। प्लेटफार्म नंबर दो से निर्धारित समय सुबह 06.05 बजे गोरखपुर से रवाना हुई वंदे भारत रवाना होकर ट्रेन बस्ती 06.46 बजे, अयोध्या 07.59 और 10.08 बजे लखनऊ (उत्तर रेलवे) पहुंची।
530 सीटें, सभी फुल
वंदे भारत ट्रेन गोरखपुर से पूरी तरह फुल होकर रवाना हुई। चेयरकार और एग्जीक्यूटिव कार की सभी 530 सीटें भरी हुई थी। क्रू मेंबर्स डीके श्रीवास्तव और डीपी मौर्या ने पैसेंजर्स का वेलकम किया। इसके बाद ट्रेन लखनऊ के लिए रवाना हुई। स्टेशन यार्ड में प्लेटफॉर्म से निकलने के बाद ट्रेन सिर्फ 52 सेकेंड में ही 100 की रफ्तार पर पहुंच गई। रास्ते में 110 की रफ्तार से चलती रही। इस दौरान लोगों ने रील भी बनाई और फोटोग्राफ भी लेते रहे। पैसेंजर रील बनाकर व सेल्फी लेकर ट्वीटर और फेसबुक पर डाल रहे थे।
अब प्लेफॉर्म 2 से होगी रवाना
इंटरनेट मीडिया पर वंदे भारत छाई हुई है। लोग वंदे भारत के साथ फोटो डालकर आनंदित हो रहे हैं। गोरखपुर से लखनऊ तक की यात्रा कर रहे डॉ। अमित मिश्रा ने कहा कि वंदे भारत की यात्रा का अनुभव बहुत ही सुखद है। सफर के दौरान चाय, नाश्ता और खाने की व्यवस्था बहुत अच्छी है। ट्रेन की सीटें एरोप्लेन की तरह आरामदायक है। एग्जीक्यूटिव कार की सीटें 180 डिग्री तक घूम जा रही हैं। ट्रेन मैनेजर रितेश सिंह ने बताया कि पहली वंदे भारत को पहले दिन संचालित कर काफी गर्व हो रहा है। ट्रेन शाम को निर्धारित 07:15 से पांच मिनट विलंब 07:20 बजे लखनऊ से रवाना होकर रात 11:25 बजे गोरखपुर पहुंच गई। अब यह ट्रेन शनिवार को छोड़कर प्रतिदिन प्लेटफॉर्म नंबर दो से निर्धारित समय से रवाना होगी।
लुभाएंगे मिलेट्स के पराठे और रागी के लड्डू
रेलवे ने वंदे भारत के पैसेंजर के सेहत का भी ख्याल रखा है। वंदे भारत के पैसेंजर्स को मिलेट्स (श्री अन्न यानी मोटे अनाज) के पराठे और रागी के लड्डू लुभाएंगे। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) ने वंदे भारत ट्रेन में पैसेंजर्स को खानपान के प्रति लोगों का अट्रैक्ट करने और हेल्थ को लेकर अवेयर करने के इरादे से श्रीअन्न को अपने खानपान शामिल किया है। आईआरसीटीसी ने शताब्दी व राजधानी एक्सप्रेस की तरह वंदे भारत में भी ऑप्शनल कैटरिंग सर्विस के तहत चाय, काफी, नाश्ता और डिनर की सुविधा देनी शुरू कर दी है।
भर गई है चेयरकार, एग्जीक्यूटिव खाली
दस जुलाई को गोरखपुर से जाने वाली वंदे भारत को लेकर भी पैसेंजर्स उत्साहित रहे। चेयरकार भर गई थी। टिकट वेटिंग में पहुंच चुका है और खबर लिखे जाने तक सीसी में करंट कोटे की 14 और ईसी में 30 सीटें अवेलबल थीं। 11 जुलाई को चेयरकार में 265 और एग्जीक्यूटिव कार में 24 सीटें खाली हैं।
वंदे भारत ट्रेन गोरखपुर से लखनऊ और शाम को वापस लखनऊ से गोरखपुर की यात्रा का अनुभव बहुत ही सुखद रहा है। यात्रा के दौरान चाय, नाश्ते और खाने की व्यवस्था बहुत अच्छी रही है।
डॉ। अमित मिश्रा, आईएम सचिव
वंदे भारत ट्रेन की सीटें हवाई जहाज की सीटों की तरह ही आरामदायक थी और एग्जीक्यूटिव क्लास से सीटें 180 डिग्री तक घूम जाती है। इस ट्रेन में सफर करके काफी अच्छा लगा।
डॉ। एएल राजन, पैसेंजर
यात्रा के दौरान सभी रेलवे स्टेशनों पर और रेलवे क्रॉसिंग्स पर खड़े लोग ट्रेन का वीडियो बनाते हुए नजर आए। उन्हें देखकर लग रहा था कि आम आदमी में इस ट्रेन के प्रति काफी अट्रैक्शन है।
डॉ। भारतेंद्र जैन, पैसेंजर