शाहपुर में प्रॉपर्टी डीलर पर फायरिंग रहस्य के साए में
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- दोस्त के साथ स्कूटर से ऑफिस जा रहे थे रत्नेश
- कार सवारों ने पीछा करके बरसाई गोलियां
GORAKHPUR: शाहपुर एरिया के गंगा नगर में कार सवार बदमाशों ने प्रॉपर्टी डीलर रत्नेश मिश्रा को गोली मार दी। घटना गुरुवार दोपहर करीब सवा 12 बजे की है। गंभीर हाल प्रॉपर्टी डीलर को मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स ने लखनऊ के लिए रेफर कर दिया। प्रॉपर्टी विवाद की वजह मानकर पुलिस जांच में जुटी है। हालांकि रत्नेश को गोली किसने मारी यह रहस्य बना हुआ है। इस बारे में न तो परिवारीजन मुंह खोल रहे हैं और न ही पुलिस कुछ बता रही है। सीओ कैंट का कहना है घटना की छानबीन की जा रही है। वजह जल्द सामने आ जाएगी।
ऑिफस जाते समय हुआ हमला
अशोनगर, बशारतपुर मोहल्ला निवासी रत्नेश कुमार मिश्र प्रॉपर्टी का कारोबार करते हैं। गंगानगर बशारतपुर में उन्होंने प्रॉपर्टी डीलिंग के लिए ऑफिस खोला है। रत्नेश के साथ आवास-विकास कॉलोनी निवासी प्रशांत सिंह भी साझेदारी में काम करते हैं। गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे रत्नेश अपने बिजनेस पार्टनर प्रशांत के साथ ऑफिस जा रहे थे। गंगा टोला पहुंचे तभी पीछे से आए कार सवारों ने स्कूटर पर पीछे बैठे रत्नेश को निशाना बनाकर गोली दागनी शुरू कर दी। इससे वह सड़क पर गिर गए। आसपास के लोगों के जुटने के पहले हमलावर कार लेकर फरार हो गए। प्रशांत ने घटना की सूचना पुलिस को दी।
छह गोली लगने से बिगड़ी हालत
बदमाशों के हमले में घायल रत्नेश को लेकर प्रशांत और उनके सहयोगी मेडिकल कॉलेज पहुंचे। पीठ, कूल्हे, कंधे, कमर आदि जगहों पर छह गोली लगने से रत्नेश की हालत गंभीर है। डॉक्टरों ने उनको लखनऊ ले जाने की सलाह दी। मेडिकल कॉलेज से रेफर करने के बाद परिजन उनको लेकर शहर के एक नर्सिग होम में चले गए। उधर मामले की जानकारी मिलने पर शाहपुर पुि1लस जांच में जुट गई।
सौदे से हटने का था दबाव
स्कूटर सवार रत्नेश पर हमले के पीछे पुलिस प्रॉपर्टी का विवाद मानकर छानबीन कर रही है। जांच में सामने आया कि एक सौदेबाजी में रत्नेश की दखल कुछ ज्यादा बढ़ गई थी। दूसरे गुट के लोग सौदे से हटने के लिए उन पर दबाव बना रहे थे। पुलिस का कहना है कि हमले के पीछे प्रॉपर्टी की कुछ वजहें सामने आई हैं। उनको ध्यान में रखते हुए जांच-पड़ताल चल रही है।
वर्जन
हालत गंभीर होने से प्रॉपर्टी डीलर से बात नहीं हो सकी। उनसे जुड़े लोगों से जानकारी जुटाई जा रही है। जल्द पुलिस किसी नतीजे पर पहुंच जाएगी।
-अभय कुमार मिश्रा, सीओ कैंट
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घंटों बाद किसी नतीजे पर नहीं पहुंची पुलिस
प्रॉपर्टी डीलर पर हमले को लेकर तरह-तरह की बातें हो रही है। शहर के बड़े लोगों से ताल्लुक रखने वाले रत्नेश पर हमले की वजह तलाशने में पुलिस को घंटों लग गए। परिजनों से बातचीत करके पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। कुछ प्रभावशाली लोगों के बीच में आने से पूछताछ में विलंब हुआ। प्रॉपर्टी डीलर पर गोलियां चलाने वाले बदमाश मर्डर सुनिश्चित करना चाहते थे। इसलिए ब्रर्स्ट फायरिंग करके बदमाश फरार हो गए। अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि सामने से आने पर रत्नेश निश्चित रूप से किसी न किसी हमलावर को पहचान लेते। इसलिए बदमाशों ने पीछे से हमला किया।
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सूद के कारोबार से भी जुड़ाव
हमले की जांच में जुटी पुलिस सूद के कारोबार में भी वजह की जड़ें खोद रही है। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि एक माफिया से रत्नेश की अच्छी जान-पहचान है। अपने कारोबार में उसके पैसों का इस्तेमाल भी रत्नेश करते हैं। हालांकि परिवार के लोगों से बात करके जानकारी जुटाने में पुलिस नाकाम रही।
पत्नी को जाना था मायके
गुरुवार को रत्नेश की पत्नी अपने मायके जाने की तैयारी कर रही थीं। लेकिन पति पर हमले के बाद उन्होंने अपना कार्यक्रम रद कर दिया।
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संगम चौराहे पर भूमि, चल रहा विवाद
शाहपुर एरिया के संगम चौराहे पर एक विवादित भूमि को लेकर पुलिस जांच कर रही है। इस भूमि के टुकड़े की सौदेबाजी को लेकर कई शातिर आमने-सामने हैं। भूमि के चक्कर में पूर्व छात्र नेता प्रदीप सिंह सहजनवां और छोटू सिंह को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। एक माफिया उस भूमि पर कब्जा करना चाहता है। लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस के मोस्ट वांटेड बदमाश की नजर भी उस पर है। प्रॉपर्टी डीलर पर हमले के बाद उसके नाम की चर्चा तेजी से हो रही है। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि प्रॉपर्टी डीलर की ओर से कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। उनसे जुड़े लोग भी कुछ बताने से कतरा रहे हैं।
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इन सवालों का जवाब सुलझाएगा मामला
- रत्नेश स्कूटी पर सवार थे। आखिर यह कैसे संभव है कि चलती गाड़ी में छह की छह गोलियां सटीक निशाने पर लग जाएं?
- प्रॉपर्टी के किस टुकड़े को लेकर चल रही थी तनातनी?
- क्या मारने वाले को रत्नेश की पूरी दिनचर्या पता थी?
- आखिर परिवारवाले मामले में पुलिस के सामने मुंह क्यों नहीं खोल रहे?
- अगर खतरा था तो रत्नेश स्कूटी पर सवार होकर क्यों गए?
-रत्नेश के पास लाइसेंसी असलहा होने की बात कही जा रही है। घटना के वक्त उनका असलहा कहां था?
पुलिस वाले क्यों चुप रहे?
सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि आखिर इतने बड़े मामले में शाहपुर पुलिस ने उच्चाधिकारियों को तत्काल क्यों नहीं सूचित किया? आईजी को दो घंटे के बाद जानकारी मिली तो उन्होंने इस पर नाराजगी भी जताई। आखिर शाहपुर पुलिस पर किसका दबाव था?