- एसडीएम की इजाजत के बिना हटा दिए थे नाम
GORAKHPUR : वोटर लिस्ट को लेकर उठे विवाद के बीच सोमवार को एक सनसनीखेज मामला सामने आया। वोटर लिस्ट तैयार करने की जिम्मेदारी संभालने वाली एक फर्म ने मनमर्जी से वोटर लिस्ट ने नाम हटा दिए। ग्रामीणों ने शिकायत की तो निर्वाचन अधिकारियों ने जांच कराई। जांच में शिकायत सही पाई गई तो हड़कंप मच गया। एडीओ जेएन मौर्या ने डीएम के निर्देश पर सोमवार को कैंट में फर्म के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। साथ ही मामले की रिपोर्ट स्टेट इलेक्शन कमीशन को भेजी गई है। लापरवाही को देखते हुए प्रशासन ने अंतिम प्रकाशित मतदाता सूची के बाद बढ़े-घटे नामों की जांच कराने का फैसला किया है।
दबाव में हटाया नाम
गोरखपुर जिले की वोटर लिस्ट के लिए वोटर्स का डाटा तैयार कर आयोग की वेबवाइट पर नाम जोड़ने-घटाने का जिम्मा बस्ती के वेंडर शिवम ट्रेडर्स एवं कंप्यूटर के पास है। इस फर्म को पंचायत चुनाव 2010 में भी वोटर लिस्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी। ग्रामीणों की शिकायत पर हुई जांच में निर्धारित प्रक्रिया का पालन न करने की बात सामने आई।
ये था मामला
बीते दिनों बेलघाट ब्लॉक व खजनी तहसील की ग्राम पंचायत नकौड़ी खास के ग्रामीणों ने शिकायत की थी कि कई मतदाताओं के नाम अवैध रूप से काट दिए गए हैं। जबकि वे लोग गांव में परमानेंटली रहते हैं। वोटर लिस्ट से नाम कटने वालों की लिस्ट में बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी थे जो पिछले पंचायत चुनाव में कैंडिडेट थे। वे नामांकन के अंतिम दिन तक वोटर लिस्ट में अपना नाम डलवाने के लिए अधिकारियों के पास दौड़ते दिखे। शिकायत की जांच उप जिला निर्वाचन अधिकारी व सीडीओ कुमार प्रशांत ने एआर कोआपरेटिव से कराई तो मामला सही मिला। चुनाव आयोग का नियम है कि सब डिविजनल मजिस्ट्रेट की रिकमेंडेशन पर ही नाम घटाए-बढ़ाए जा सकते हैं। इस मामले में प्रक्रिया का पालन किए बिना ही नाम खारिज कर दिए गए।
जुड़वाइए वोटर लिस्ट में नाम
स्टेट इलेक्शन कमीशन ने 29 सितंबर को अपनी वेबसाइट लॉक कर दी थी।
राज्य निर्वाचन आयोग ने उन वोटर्स को, जिनका नाम गलत ढंग से काटा गया है, एक मौका दिया है। तीसरे व चौथे चरण के मतदाताओं के लिए 10 अक्टूबर तक का समय दिया गया है। हालांकि इस बार नाम जोड़ने-घटाने के लिए अप्लिकेंट को अपने एरिया के एसडीएम से फारवर्ड कराना जरूरी होगा।
वेंडर की मनमानी सामने आई है। उसने अवैध रूप से मतदाताओं के नाम काट दिए थे। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई है। इस प्रकरण को देखते हुए अन्य ग्राम पंचायतों की भी रैंडम जांच कराई जाएगी।
कुमार प्रशांत, उप जिला निर्वाचन अधिकारी