गोरखपुर (ब्यूरो)।उधर, आरोपी बनाए गए ठेकेदार ने 65 लाख रुपए बकायेे को मांगने पर धमकी देने का आरोप लगाते हुए कैंट थाने में तहरीर दी है। ठेकेदार ने बताया कि अपना पैसा मांगने के लिए वीसी को कॉल किया तो वो नाराज होकर बोले कि तुम्हारी इतनी हिम्मत कैसे पड़ी फोन करने की। फिलहाल इस पूरे मामले की पुलिस जांच कर रही है।

प्रॉक्टर की तहरीर पर एफआईआर

जानकारी के मुताबिक, कैंट पुलिस ने मुख्य नियंता प्रो। गोपाल प्रसाद की तहरीर पर केस दर्ज किया है। वहीं, गुरुवार को देर शाम डीडीयूजीयू प्रशासन ने लेटर जारी कर बताया है कि यूनिवर्सिटी में सफाई का ठेका फातिमा रोड निवासी श्रीप्रकाश शुक्ला की फर्म काशी ट्रेडर्स को दिया गया था। 30 सितंबर 2022 में अनुबंध समाप्त हो गया। अब ठेकेदार बकाया रकम को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव बना रहे हैं। सभी सफाई कर्मी का भुगतान किया जा चुका है। एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है उसकी जांच चल रही है। जांच के बाद कोई बकाया निकलेगा तो इसका भुगतान किया जाएगा। इसी सिलसिले में ठेकेदार ने बुधवार की रात में कुलपति को फोन किया और फिर जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

65 लाख बकाया न देना पड़े, इसलिए रची जा रही साजिश

ठेकेदार श्रीप्रकाश शुक्ला ने बताया कि काशी ट्रेडर्स व वित्त अधिकारी गोरखपुर यूनिवर्सिटी के बीच सफाई का करार हुआ था। 29 फरवरी 2021 के पत्र के अनुपालन में पांच लाख चालीस हजार रुपये की दर से परिसर की सफाई काम निर्धारित मानक पर कराया जाता रहा गया। शुरू में भुगतान भी किया गया, लेकिन बाद में भुगतान रोक दिया गया। बुधवार को दोपहर एक बजे मैं कुलसचिव से मिलने गया। उस समय ऑउटसोर्सिंग मॉनिटरिंग कमेटी के पीके तिवारी भी थे। उनके द्वारा कहा गया कि कुलपति ने रजिस्टर मांगा है। फिर कहा गया कि फर्म ने कोई काम नहीं किया है। इसके बाद रात में मैंने कुलपति से संपर्क करने की कोशिश की। मुलाकात नहीं होने पर रात में फोन पर अपनी बात रखी, लेकिन कुछ देर बाद कैंट थाने से धमकी दिए जाने की जानकारी देते हुए बुलाया गया।