-आई नेक्स्ट ने उठाया था आरटीआई का जवाब न देने का मुद्दा

-राज्य सूचना आयुक्त ने डीएम को दिया आदेश, वेतन से की जाए कटौती

-जुर्माना नहींदिया तो होगी दंडात्मक कार्रवाई

GORAKHPUR: बिजली विभाग में अफसर जो कहते हैं वही कानून होता है। ये कानून से ऊपर हैं। जब भी कुछ पूछा जाता है तो वे टालमटोल करते हैं। इतना ही नहींजब पब्लिक आरटीआई लगाती है तो उसे भी दरकिनार कर दिया जाता है। इसका ताजा उदाहरण प्रमोद टिबड़ेवाल हैं। ख्0क्ख् में प्रमोद टिबड़ेवाल ने अपना बिल रिवाइज करने को लेकर महानगर विद्युत वितरण निगम के फ‌र्स्ट डिविजन से जवाब मांगा। सितंबर ख्0क्ब् तक उन्हें कोई जानकारी नहींदी गई तो प्रमोद टिबड़ेवाल ने राज्य सूचना आयुक्त के यहां अपील की। इसक बाद राज्य सूचना आयुक्त ने कठोर कदम उठाते हुए ख्8 फरवरी को तत्कालीन एसडीओ डीके त्रिपाठी के विरुद्ध ख्भ् हजार रुपए का जुर्माना लगा दिया।

बार-बार कर रहे थे उल्लंघन

तीन साल पहले खोवा मंडी गली के रहने वाले बिजनेसमैन प्रमोद टिबडे़वाल की दुकान का बिजली मीटर बदला गया। मीटर बदलने के एवज में उनसे क्ख्00 रुपए मांगे गए। इस पर प्रमोद टिबड़ेवाल ने रसीद की मांग की। इसके बाद बिजली विभाग के जेई सुनील कुमार और कर्मचारी उन्हें बार-बार परेशान करने लगे। कभी मीटर तेज के नाम पर तो कभी रसीद को लेकर। इन सबसे आजिज आकर प्रमोद टिबड़ेवाल ने भ् सितंबर ख्0क्ख् को कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और याचिका दायर कर दी। महानगर विद्युत वितरण निगम के फ‌र्स्ट डिवीजन में क् जनवरी ख्0क्क् से ख्9 दिसंबर ख्0क्फ् तक जितने भी बिल रिवाइज हुए, इसकी जानकारी मांगी। बिजली विभाग ने इसको लेकर टालमटोल की। इसके बाद प्रमोद टिबड़ेवाल द्वितीय अपील के लिए लखनऊ गए। इसके बाद बिजली विभाग के अफसरों की कुंभकर्णी नींद नहींखुली। एक माह बीत जाने के बाद प्रमोद टिबड़ेवाल को जवाब के लिए घुमाना शुरू किया गया। यह सिलसिला पूरे दो साल तक चला। इतना होने के बाद भी प्रमोद ने हार नहींमानी। उन्होंने राज्य सूचना आयुक्त के सामने अपनी बात रखी और अपील की। वहां सुनवाई के दौरान एसडीओ डीके त्रिपाठी की ओर से कोई पेश नहींहुआ। इसके बाद ख्8 जनवरी ख्0क्भ् को राज्य सूचना आयुक्त सैय्यद हैदर अब्बास रिजवी ने फ्क् मार्च ख्0क्भ् तक उनके वेतन से तीन किश्तों में जुर्माना वसूलने का आदेश दिया। पूरे मामले पर आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने डीके त्रिपाठी से बात की।

रिपोर्टर- क्या आरटीआई का जवाब न देने पर राज्य सूचना आयुक्त ने आप पर ख्भ् हजार रुपए का जुर्माना लगाया है?

डीके त्रिपाठी- मैं इस समय बनारस में तैनात हूं, इस संबंध में अभी तक मुझे कोई जानकारी नहीं मिली है।

रिपोर्टर- राज्य सूचना आयुक्त ने तो आपके नाम से आदेश जारी किया है?

डीके त्रिपाठी- मुझे इस संबंध में पता नहीं है। मैं मई ख्0क्ख् में गोलघर में एसडीओ था। आरटीआई की जिम्मेदारी तैनात एक्सईएन की होती है। वर्तमान में जो एक्सईएन तैनात हैं, उनको सूचना देनी चाहिए।

रिपोर्टर- लेकिन जुर्माना तो आप पर लगाया गया है, इस पर आपका क्या कहना है?

डीके त्रिपाठी- आरटीआई के तहत जानकारी मांगने वाले व्यक्ति ने सूचना आयुक्त को दिग्भ्रिमित करने का काम किया है। मैं सूचना देने के लिए कतई जिम्मेदार नहीं हूं।

(डीके सिंह वर्तमान में पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम बनारस में एक्सईएन पद पर तैनात हैं.)