- यूपी में जंगल राज, लौट जाना ठीक रहेगा
- पंजाब, बिहार, मुंबई के बाद गोरखपुर में फैलाया जाल
GORAKHPUR : फायनेंस कंपनी में इनवेस्टमेंट के नाम पर फ्0 करोड़ की रकम जालसाजों ने ठग ली। मुंबई, पंजाब और जमशेदपुर में लोगों को चूना लगाने के बाद कंपनी का जाल गोरखपुर मंडल में फैलाया जा रहा है। यह शिकायत मुंबई महागिरी थाणे वेस्ट निवासी जावेद हबीब कासमानी ने डीआईजी से की है। डीआईजी ने मामले की जांच एसपी देवरिया को सौंप दी है। कासमानी ने डीआईजी को बताया कि वह ट्रेवल एजेंसी चलाते हैं। देवरिया जिले के सकरापार का रहने वाला एक व्यक्ति उनकी ट्रेवेल एजेंसी पर पहुंचा। बातचीत के दौरान उसने कंपनी में इनवेस्ट करने का लालच दिया। उसने खुद को एसएलके कंपनी का सीएमडी बताया। कंपनी में अच्छी कमाई का झांसा देकर उसने जावेद को झांसे में ले लिया। जावेद का कहना है कि उसने कंपनी में 7भ् लाख का इनवेस्ट कर दिया। अन्य लोगों की जमा रकम करीब ख्भ् करोड़ के आसपास पहुंच गई। इनवेस्टर्स का पैसा लौटाने के बजाय सीएमडी फरार हो गया। उसने अपना नया ऑफिस जमशेदपुर में बनाया।
रुपए के लिए मुंबई से गोरखपुर आया जावेद
जावेद ने अपने साथ-साथ कई लोगों ने एसएलके इंडिया इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड में इनवेस्ट कराया। अचानक कंपनी के गायब होने जावेद परेशान हो गया। तीन माह पूर्व जावेद गोरखपुर पहुंचा। कड़ी मेहनत के बाद उसने कंपनी के बारे में जानकारी जुटाई। जावेद ने दबाव बनाया तो कासिम ने उसके ख्भ् लाख लौटा दिए। उसको चुपचाप रहने की हिदायत दी। मोबाइल पर जानमाल की धमकी दी जाने लगी। जावेद की मां और उसको गोरखपुर छोड़ने को कहा। यूपी में जंगल राज चलने की बात करके डराने की कोशिश की गई। कासिम के सहयोगियों ने जावेद को मोबाइल पर जानमाल की धमकी दी। परेशान हाल जावेद ने पुलिस की मदद ली। डीआईजी के निर्देश पर देवरिया पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
मोहद्दीपुर, नरसिंहपुर में भी खोला कंपनी का ऑफिस
जावेद से ठगी करने के मामले में आई नेक्स्ट ने पड़ताल शुरू की। करीब क्भ् दिनों की मेहनत के बाद यह पता लगा कि सिटी में दो जगहों पर इसके ऑफिस खुले हैं। कैंट एरिया के मोहद्दीपुर में एसबीआई ब्रांच के सामने, नरसिंहपुर में कंपनी का ऑफिस खोला गया। इसके साथ ही सलमेपुर, पडरौना, कसया और परतावल में दफ्तर खोलकर जाल फैलाने लगा। सात अप्रैल ख्0क्ब् को मोहद्दीपुर की ब्रांच का उद्धाटन हुआ। ब्रांच आफिस खुलने के बाद दो सौ से अधिक कस्टमर्स जोड़े गए। संडे को रिपोर्टर ऑफिस पर पहुंचा। इस दौरान पता लगा कि ऑफिस बंद हो गया है। ब्रांच के एमडी विजय कुमार चौबे ने मोबाइल पर बताया कि वह कंपनी छोड़ चुके हैं इसलिए इससे उनका कुछ लेना देना नहीं। यहां का ऑफिस बंद कर दिया गया है। ऑफिस बंद होने की वजह नहीं बता सकते।
लुधियाना में मुकदमा, जमशेदपुर में वारंट जारी
गोरखपुर और आसपास एरिया में कंपनी का जाल फैलाया गया है। तीन महीने से गोरखपुर में रहकर जावेद ने कासिम से मिलने की कोशिश की। आरोप है कि कासिम के पार्टनर शंभूनाथ कुशवाहा ने मुंबई लौटने की धमकी दी। माइंस का काम करने वाली इस कंपनी पर पहले भी उंगली उठ चुकी है। पंजाब और जमशेदपुर में फर्जीवाड़े का केस दर्ज हो चुका है। जमशेदपुर की कोर्ट में इकराम वारिस ने केस किया था। आरेाप लगाया कि मोहम्मद कासिम ने ख्008 में उनको पार्टनर बनाया। फ्क् लाख 8ब् हजार का चूना लगाने के बाद कासिम फरार हो गया। क्ख् मार्च ख्008 से लेकर वह क्भ् जुलाई ख्0क्क् तक विभिन्न जगहों पर ठगी करता रहा। अमानत में खयानत, जालसाजी और साजिश रचने के आरोप में कासिम के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। इस मामले में कोर्ट से वारंट जारी हो चुका है। लुधियाना में बाबा नाम के व्यक्ति ने केस दर्ज कराया है।
बैंक की तरह जारी करते हैं एफडी का बांड
कंपनी से जुड़े लोगों ने बताया कि एसएलके इंडिया इंफ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड बैंक की तरह से बांड जारी करता है। फिक्स डिपाजिट करने पर बांड दिया जाता है। ग्राहकों को बैंक की तरह पासबुक भी इश्यू किए जाते हैं। कंपनी ने कुछ एजेंट्स को ज्यादा लाभ देने के एवज में पुरस्कृत भी किया। ज्यादा लाभ के चक्कर में कंपनी से लोग जुड़ते चले गए। देवरिया में कंपनी का ऑफिस खोजे नहीं मिल रहा।
मैं चाहता हूं कि पुलिस कार्रवाई करे ताकि कोई नया आदमी ठगी का शिकार न हो। कासिम ने सैकड़ों लोगों से ठगी की है। उसके आदमी मुझको धमकी देकर मुंबई जाने को कह रहे हैं।
जावेद हबीब, मुंबई निवासी
मैनें कंपनी छोड़ दी है। कंपनी में क्या फर्जीवाड़ा हुआ है, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं। अब मोहद्दीपुर का ऑफिस भी बंद हो चुका है।
विजय कुमार चौबे, एमडी, मोहद्दीपुर ब्रांच
आरोपी अपने गांव में नहीं रहता है। देवरिया में कंपनी का ऑफिस बंद है। उस पर लगे आरोपों की पुष्टि हुई है।
राजेश कुमार, सीओ सिटी, देवरिया
इसकी शिकायत मेरे पास आई है। देवरिया पुलिस को जांच का निर्देश दिया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
डॉ। संजीव कुमार, डीआईजी गोरखपुर रेंज