- गोरखपुर में एक प्रोग्राम में शामिल होने आए बॉलीवुड कॉमेडी स्टार राजपाल यादव ने शेयर किए एक्सपीरियंस

GORAKHPUR: काम में अगर संघर्ष शब्द आ जाता है, तो फिर काम करने का मजा खत्म हो जाता है। यह शब्द सहानुभूति का अहसास कराता है और आदमी को आलसी बनाता है। बॉलीवुड कॉमेडी स्टार राजपाल यादव ने कुछ इस तरह अपने एक्सपीरियंस शेयर किए। वह गोरखपुर में ऑर्गनाइज एक प्रोग्राम में बतौर चीफ गेस्ट शिरकत करने पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि मैं रोज सुबह उठता हूं, अपने आपको पांच बार आई लव यू बोलता हूं, फिर उसके बाद सोचता हूं कि आज क्या नया सीखूंगा, क्या कर सकता हूं। राजपाल ने बताया कि एवरीडे इज बिगनिंग डे फॉर मी। रात में जब सोता हूं तो यह सोचकर सोता हूं कि क्या पता कल आंख खुलेगी या नहीं। उन्होंने बताया कि 11 नवंबर को 'यह है लॉलीपॉप' मूवी आ रही है, इसमें सिलेंडर वाले का रोल है। यह काफी एंटरटेनिंग मूवी है।

रंगमंच हमेशा ही मजबूत

यूपी के रंगमंच से निकले इस कॉमेडी आर्टिस्ट ने एक सवाल के जवाब में कहा कि रंगमंच कभी भी न तो कमजोर था और न होगा। इसमें हमेशा ही विवेचनाएं और समीक्षाएं होती हैं। हां, समय बदलने के साथ ही रंगमंच और सिनेमा में काफी बदलाव जरूर आए हैं। मैंने बचपन में पढ़ा था कि आत्मविश्वास, परिश्रम और प्यार सफलता की कुंजी हैं। फिल्म, थियेटर, क्रिकेट या और भी कोई सेग्मेंट हो, यह बात सभी पर लागू होती है। अगर आप में 100 परसेंट हार्डवर्क और आत्मविश्वास है, तो सफलता एक दिन मिल ही जाएगी। कभी सफलता एक दिन पहले मिलती है, तो कभी एक दिन बाद मिलती है।

मैनें कॉमेडी भी गंभीरता से की है

कॉमेडी और सीरियस फिल्म के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि मेरी हॉलीवुड की भी फिल्म आ चुकी है। प्रेयर फॉर रेड में मैंने काफी सीरियस एक्टिंग की है। अंडर ट्रायल में हमने सीरियस एंटरटेनमेंट किया है। मैं माधुरी दीक्षित बनना चाहती हूं, इन सब में मैने लीड भूमिका सीरियसली निभाई है। राजपाल यादव को बॉलीवुड में वेरायटी भरा एक्टर बोला जाता है। राजपाल कॉमेडी भी बहुत अच्छी कर लेते हैं और संवेदनशील रोल भी बहुत अच्छे से कर लेते हैं। अब रियल्टी की बात होती है। चमत्कार को नमस्कार हो चुका है।

अब यूपी हमारी जिम्मेदारी

यूपी मेरी जन्म भूमि है। कोई होली और दिवाली ऐसी नहीं गुजरी जो यूपी में न मनाई हो। हम जिस गांव में पैदा हुए थे, वह गांव नहीं छोड़ा है। हमारे माता-पिता और भाई वहां किसान है। मुंबई हमारी कर्म भूमि है, यूपी हमारी जन्म भूमि है। अभी तक मैं परिवार और व्यापार देख रहा था, वहां एक एक्टर के रूप में नहीं, बल्कि नागरिक के रूप में जिम्मेदारी है। अब जन्म भूमि के लिए कुछ किया जाए। यह सही समय है जन्मभूमि के लिए उसका कर्ज उतारने का। पचासों देशों से बड़ा प्रदेश पचासों साल पीछे है। हम निंदा की राजनीति करते हैं, विवाद की राजनीति करते हैं, अब इनको छोड़कर संवाद की राजनीति करने का समय आ गया है। आंदोलन छोडि़ए। आदोलन से कुछ नहीं होना। हम अपने घर में नाराज होते हैं, तो कोई तोड़-फोड़ नहीं मचाते हैं। तो क्यों हम आंदोलन के माध्यम से तोड़-फोड़ मचाकर सरकारी चीजों का नुकसान करते हैं।

यूपी की सड़कों पर गुजरेगा 60 दिन

यूपी की तस्वीर बदलने के लिए हमारे बड़े भाई श्रीपाल सिंह यादव के नेतृत्व में सर्वसंभव पार्टी बनाई है, जो 400 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इस पार्टी की स्थापना एक साल पहले वृंदावन धाम में हो चुकी थी। एक साल से हम इसकी नीति, रणनीति और नियती पर काम कर रहे थे। मैं खुद किसी भी जगह से नहीं लड़ रहा हूं। मगर पार्टी के जितने भी डिजर्विग कैंडिडेट्स लड़ रहे हैं, समझिए कि राजपाल यादव लड़ रहे हैं। मैं सबके लिए प्रचार करूंगा। यूपी की सड़कों पर अपना सिनेमा छोड़कर दिसंबर-जनवरी 60 दिन मिलेंगे। हमारा कमिटमेंट यूपी के लिए है।