गोरखपुर (ब्यूरो)।ऐसे मरीजों को हेल्थ कर्मी अपने सामने ही गोली खिलाएंगे, ताकि वह पूरी तरह से स्वस्थ्य हो सके। फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है। इसके संक्रमण से लिम्फोडिमा (हाथ, पैर, स्तन में सूजन) और हाइड्रोसील की शिकायत होती है।
दी गई है ट्रेनिंग
सीएमओ डॉ। आशुतोष कुमार ने बताया कि अभियान को सफल बनाने के लिए हेल्थ कर्मियों को ट्रेनिंग दी गई है। फाइलेरिया विश्व में दिव्यांगता का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। एमडीए अभियान को मजबूती प्रदान करने की दिशा में काम शुरू हो चुका है ताकि जिले में एक भी नया संक्रमण न फैलने पाए। दो वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को (गर्भवती और अति गंभीर बीमार लोगों को छोड़ कर) फाइलेरिया से बचाव के लिए दवाएं खिलाई जाएगी।
रोजाना 125 लोगों को दवा
अभियान 10 से 28 अगस्त तक सोमवार, मंगलवार, गुरूवार और शुक्रवार को चलेगा। किसी को भी खाली पेट दवा नहीं खिलाई जाएगी। इसी वजह से अभियान का समय सुबह 11 बजे से शाम चार बजे तक रखा गया है। अभियान के लिए बनाई गई प्रत्येक टीम प्रतिदिन 25 घरों का विजिट कर कम से कम 125 लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाएगी। दवा सेवन कराने के बाद दाएं हाथ की अंगुली पर मार्कर से निशान भी लगाया जाएगा। प्रत्येक दिन खिलाई गई दवा की डिटेल्स ई कवच पोर्टल पर फीड करना अनिवार्य है।
ढूंढे जाएंगे नये मरीज
जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि पहली बार 17 से 31 जुलाई तक प्रस्तावित दस्तक पखवाड़े के दौरान नये फाइलेरिया रोगी भी ढूंढे जाएंगे। नए हाथीपांव के मरीजों को एमएमडीपी किट दी जाएगी और मरीज को तरीके सिखाए जाएंगे, जबकि हाइड्रोसील के मरीजों को सर्जरी की सुविधा दिलवाई जाएगी। एमडीए अभियान के दौरान पर नए मरीजों को ढूंढने पर जोर होगा। जिले में 51.23 लाख की आबादी को दवा खिलाने का लक्ष्य है और इसके लिए 4099 टीम बनाई गई हैं।