-टेंडर बदलने के लिए पूर्व उपसभापति ने चैंबर में घूसकर एक्सईएन से किया दु‌र्व्यवहार

-नगर निगम में फर्जी एफडीआर का मामला गरमाया

-रातभर मैनेज कराने में लगे रहे कई अधिकारी और ठेकेदार

GORAKHPUR: बढ़ती ठंड में शुक्रवार को नगर निगम का उस समय माहौल गरमा गया, जब एक नेताजी ने अधिकारी को चैंबर में घूसकर पीट दिया। बताया जाता है कि दोपहर में पूर्व उपसभापति चंद्रशेखर सिंह ने कूड़ा पड़ाव केंद्र के टेंडर को लेकर एक्सईएन वीसी पटेल से दु‌र्व्यवहार किया।

हालांकि वहां मौजूद लोगों ने किसी तरह बीच-बचाव किया। एक्सईएन का कहना है कि पूर्व उपसभापति गलत कार्य के लिए दबाव बना रहे थे, जिसको मैंने मना कर दिया था। मारपीट की सूचना मिलते ही नगर आयुक्त भी मौके पर पहुंचे और इसकी सूचना पुलिस को दी।

कूड़ा पड़ाव बना बवाल का कारण

28 नवंबर को शहर में कूड़ा पड़ाव केंद्र का टेंडर हुआ था। इसमें एक कार्य था वार्ड नं 59 गोडधोईया पुल के पास सीवर स्टेशन परिसर में 14 लाख रुपए की लागत से कूड़ा पड़ाव केंद्र के निर्माण का। इसके लिए दो फर्म ने टेंडर डाला था। एक सप्ताह बाद टेंडर खुल गया। इसमें एक फर्म को टेंडर तो मिल गया, लेकिन दूसरे फर्म को टेंडर नहीं मिला। उसमें फर्म का नाम किसी पुरुष के नाम से था और हस्ताक्षर महिला के नाम से हुआ था, जिसकी जांच करने के बाद एक्सईएन वीसी पटेल ने उसे निरस्त कर दिया था। वीसी पटेल का कहना है कि दोपहर लगभग दो बजे के करीब चंद्रशेखर सिंह दो तीन लोगों के साथ कार्यालय में आए और कूड़ा पड़ाव केंद्र के टेंडर के बारे में बात करने लगे। उनका कहा है कि हस्ताक्षर गलत वाले फर्म को कार्य दिलाना चाह रहे थे, लेकिन गलत होने के कारण मना कर दिया तो वे मारपीट पर उतर आए।

दबंगई का अडडा है निगम

- दिसंबर 2012 में पथ प्रकाश विभाग में पार्षद रामभवन निषाद ने कर्मचारियों से मारपीट की

- अप्रैल 2013 में चंद्रशेखर सिंह ने चीफ इंजीनियर जितेंद्र केन को कार्यालय में मारपीट की

- सिंतबर 2014 में फिर जितेंद्र केन पर नगर निगम परिसर में हमला, कुछ लोगों ने कार से उतारकर मारा, इसमें वर्तमान सपा महानगर अध्यक्ष जियाउल इस्लाम का नाम आया

-फरवरी 2015 में पार्षद राजेश जायसवाल ने सूचना विभाग के बाबू के साथ किया दु‌र्व्यवहार, कई दिन तक हंगामा

- सितंबर 2015 में बोर्ड की बैठक में चीफ इंजीनियर पर हमला, फिर कई कर्मचारियों को पार्षदों ने दौड़ाकर पीटा

वार्ड नं 59 घोसीपुरवां के एक कार्य के टेंडर में फर्म का नाम अलग और हस्ताक्षर अलग था, जिसको निरस्त करने की तैयारी शुरू कर दी गइ है। इस फर्म को कार्य दिलाने के लिए चंद्रशेखर सिंह दोपहर में चेंबर में आए। जिसको मैंने मना कर दिया। इस पर मेरे साथ दु‌र्व्यवहार किया और मारने के लिए हाथ उठाया।

वीसी पटेल, एक्सईएन

जनप्रतिनिधि हूं। अपने एरिया के कार्य के लिए अधिकारियों के खिलाफ धरना दूंगा और जनता के लिए लडूंगा भी। दो साल से एक सड़क का प्रस्ताव पड़ा था। इस मामले को लेकर एक्सईएन से बात करने गया था। बातचीत के दौरान ही बेवजह वे मुझसे उलझ गए।

चंद्रशेखर सिंह, पूर्व उपसभापति, नगर निगम

घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए। दोनों पक्षों को बुलाकर समझौता करा दिया गया है। दोनों एक दूसरे से हाथ मिलाकर गले मिल लिए हैं।

बीएन सिंह, नगर आयुक्त