गोरखपुर (ब्यूरो)।इस साल पुरुषोत्तम माह की वजह से ऐसा होगा। इसे अधिकमास भी कहा जाता है। इसके कारण सावन का महीना दो माह का होगा।

होगी विशेष आराधना

सावन माह 4 जुलाई से प्रारंभ होकर 31 अगस्त तक चलेगा। इस बीच 18 जुलाई से 16 अगस्त तक पुरुषोतम्म माह होगा। इसलिए सावन के दो माह में भगवान भोलेनाथ ओर भगवान विष्णु की विशेष आराधना होगी। इसी प्रकार चातुर्मास भी चार के बजाए पांच माह का होगा। अधिकमास के कारण होली का पर्व पिछले साल की तुलना में इस साल जहां दस दिन जल्दी आ जाएगा, वहीं दिवाली का पर्व 17 दिन की देरी से आएगा। सावन माह और अधिकमास के पहले जितने भी तीज त्योहार आएंगे।

भगवान करेंगे पांच माह विश्राम

चातुर्मास में भगवान विष्णु क्षीर सागर में चार माह तक विश्राम करते हैं। इसे चातुर्मास कहा जाता है। लेकिन इस साल पुरुषोत्तम माह होने के कारण भगवान का विश्राम भी चार के बजाए पांच माह का होगा। देवशयनी एकादशी के साथ 29 जून से चातुर्मास की शुरुआत हो जाएगी। चातुर्मास 23 नवंबर देवउठानी एकादशी के साथ समापत होगा।

हर तीसरे साल आता है अधिकमास

आचार्य पंडित शरद चंद मिश्र के अनुसार तीज त्योहारों की गणना हिन्दी पंचांगों के हिसाब से की जाती है। जिसके लिए हिन्दी का माह और तिथि निर्धारित है। हिन्दी पंचांग के अनुसार उसी तिथि पर यह त्योहार आते हैं, लेकिन अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार आगे पीछे इसलिए हो जाते हैं कि हिन्दी कैलेंडर में हर तीसरे साल अधिकमास होता है। इस स्थिति में एक माह की अवधि बढ़ जाती है। इसलिए अंग्रेजी कैलेंडर की गणना के हिसाब से त्योहार आगे पीछे होते हैं और उनका क्रम बदलता है। जिस तरह अंग्रेजी में लीप ईयर होता है। उसी तरह हिन्दी कैलेंडर में अधिकमास होता है।

पर्व 2022 2023

महाशिवरात्रि 1 मार्च 18 फरवरी

होली 18 मार्च 08 मार्च

चैत्र-नवरात्र 2 अप्रैल 22 मार्च

अक्षय तृतीया 3 मई 22 अप्रैल

गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई 03 जुलाई

सावन माह 14 जुलाई 04 जुलाई

नागपंचमी 2 अगस्त 21 अगस्त

रक्षाबंधन 11 अगस्त 30 अगस्त

कृष्ण जन्माष्टमी 19 अगस्त 07 सितंबर

गणेश चतुर्थी 31 अगस्त 18 सितंबर

विजयादशमी 5 अक्टूबर 24 अक्टूबर

शरद पूर्णिमा 9 अक्टूबर 28 अक्टूबर

दिवाली 24 अक्टूबर 12 नवंबर

एकदाशी 4 नवंबर 23 नवंबर