- फर्जीवाड़े को लेकर सतर्क रहे मतदान कर्मचारी
- अंतिम चरण में बूदाबांदी ने किया थोड़ा परेशान
GORAKHPUR : जिले में पंचायत चुनाव के अंतिम चरण में मतदान कर्मचारी सजग रहे। फर्जी वोट डलवाने के आरोप-प्रत्यारोप से बचने के लिए मतदान कर्मचारियों ने पूरी सतर्कता बरती। घूंघट में वोट डालने पहुंची महिलाओं से निवेदन करके पहचान पत्र मिलान किया। इसके बाद ही किसी को वोट डालने दिया। कई बार कर्मचारियों को कहना पड़ा कि घूंघट उठाइए, चेहरा दिखाइए। फोटो से मिलान में किसी तरह की प्रॉब्लम आने पर मतदान एजेंट का सहयोग भी लिया।
खास गांव पर रही सबकी नजर
बेलघाट ब्लाक के मीरपुर गांव पर सबकी नजर दिनभर बनी रही। गोरखपुर ग्रामीण के विधायक विजय बहादुर के गांव मीरपुर में सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ। मतदान शुरू होते ही फर्जी वोट डालने की सूचनाएं चलने लगी। जिला पंचायत के वार्ड नंबर 39 से विधायक के भाई अजय बहादुर यादव जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रहे हैं। मीरपुर गांव भी इसी वार्ड में है। इसी वार्ड से पूर्व राज्य मंत्री जय प्रकाश यादव की बेटी ललिता यादव भी चुनाव लड़ रही हैं। इसलिए इस गांव को अंति संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया। यहां पुलिस-पीएसी के साथ सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। सुबह मतदान शुरू होने के बाद फर्जीवाड़े की सूचनाएं चलने लगी। विधायक के भाई के समर्थकों का पूरा जोर रहा कि सभी वोट उनके पक्ष में पड़े। पूर्व मंत्री जय प्रकाश यादव ने भी इस गांव में एड़ीचोटी का जोर लगाया। दोनों पक्ष एक दूसरे के एजेंट्स पर फर्जी वोट डलवाने का आरोप लगाते रहे। इससे परेशान होकर सेक्टर मजिस्टेट शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने कैंप ज्यादातर समय वहीं डटे रहे। पूर्व मंत्री के समर्थकों ने मीरपुर के अलावा सोहनाग में फर्जी वोट डलवाने के आरोप लगाए। पूर्व मंत्री जयप्रकाश यादव ने कहा कि कोई कितना फर्जी वोट डाल ले। जनता सबके बारे में जानती है।
बड़ी बदबू आ रही साहब
जिले में कई जगहों पर बूथ बनाने में कोताही नजर आई। उरुवा ब्लाक के ग्राम गोविंदपुर और केशवपुर में सालों से बंद पड़े पंचायत भवन को बूथ बना दिया। गोबर फेंके जाने वाली जगह के पास बने बूथ से कर्मचारी परेशान हो गए। मतदान ड्यूटी के दौरान कर्मचारियों को काफी परेशानी हुई। कर्मचारियों ने कहा बदबू से बैठना मुहाल है। उधर गांव के लोगों ने पंचायत भवन में मतदान केंद्र बनाने पर आपत्ति जताई। कहा कि बगल में तीन सौ मीटर दूरी पर प्राइमरी स्कूल है। लोकसभा की पोलिंग वहां हुई थी। उसको मतदान केंद्र बनाने के कूड़ेदान बने पंचायत भवन को पोलिंग स्टेशन बना दिया।
किया चेहरे का मिलान
बेलघाट ब्लाक के भाटाडीहा स्थित प्राइमरी स्कूल में कर्मचारियों ने एक एक वोट पहचान कर पोल कराया। घूंघट में वोट डालने आई महिलाओं को चेहरा मिलाया। वोट के लिए साथ लाए गए पहचान पत्र से पुष्टि की। इसके बाद ही वोट डालने दिया जिससे मतदान में काफी देरी हुई। पोलिंग में देरी में प्रत्याशियों के एजेंट्स परेशान रहे। बूथ का इंस्पेक्शन करने पहुंचे कमिश्नर पीगुरु प्रसाद और डीआईजी आरके चतुर्वेदी से सुस्त मतदान की शिकायत की। कमिश्नर ने मतदान केंद्र पर अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती का आदेश दिया।
उम्र बढ़ाकर पहुंची वोट डालने
बेलघाट ब्लाक के बसही में एक किशोरी फर्जी तरीके से वोट डालने पहुंची। एक एजेंट की मदद से वह राशन कार्ड के सहारे वोट डालने गई। 16 साल की किशोरी की उम्र को फर्जी तरीके से 24 साल बनाया गया था। एक प्रत्याशी के एजेंट की मदद से वोट देने की किशोरी की चालाकी दूसरे प्रत्याशी के एजेंट ने पकड़ ली। हंगामा होने पर मतदान कर्मचारियों ने उसे वोट देने से मना कर दिया। बेलघाट के ढकवा में वोटर लिस्ट में नाम न होने से निराश होकर मतदाताओं को लौटना पड़ा।
बीडीसी सदस्य प्रत्याशी ने दांत काटा
पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों, समर्थकों और कार्यकताओं के बीच छिटपुट विवाद होते रहे। उरुवा ब्लाक के हमीदपुर में जहां क्षेत्र पंचायत सदस्य के दो प्रत्याशी भिड़ गए। वहीं बेलघाट में पीठासीन अधिकारी पर फर्जी वोट डालने का आरोप लगाकर लोगों ने हंगामा किया। बेलघाट के रतनपुरा में सुबह करीब 11 बजे दो प्रत्याशी भिड़ गए। दोनों के बीच हुए विवाद में एक प्रत्याशी ने दूसरे का हाथ काट लिया। मतदान केंद्र पर प्रत्याशियों की बीच विवाद को पुलिस ने शांत कराया। इस बीच लोगों ने अफवाह फैला दी कि एक प्रत्याशी ने दूसरे का गाल काट लिया है। इससे पूरे एरिया में इसकी चर्चा होने लगी।
बैट्री वाला लालटेन न होता तो
अंतिम चरण के मतदान में बैटी वाले लालटेन की जरूरत पड़ी। दिनभर की बदली छाई रहने से मतदान केंद्रों पर अंधेरा पसरा रहा। बिजली के अभाव में ज्यादातर जगहों पर कर्मचारियों ने बैटी वाले लालटेन से काम चलाया। दिन में वोट डालने के साथ-साथ मतदान खत्म होने के बाद मतपेटिकाएं सील करने में लालटेन की मदद ली।
बारिश, ठंड ने किया परेशान
तीन चरण के चुनाव में तो बिना गर्म कपड़ों के काम चल गया। लेकिन चौथे चरण में चुनाव में गर्म कपड़ों का सहारा लेना पड़ा। बिना तैयारी के पोलिंग स्टेशन पर पहुंचे मतदान कर्मचारी और सुरक्षा कर्मचारियों को काफी परेशानी हुई। मौसम बदलने से ठंड का अहसास होने पर कर्मचारियों ने पास पड़ोस के गांवों से कंबल का इंतजाम किया। ऊनी कपड़े न होने से दिनभर ठंड से जूझते रहे।
मां ड्यूटी पर, साथ में बच्चे
इलेक्शन ड्यूटी में कई जगहों पर महिला पुलिस कर्मचारी दुधमुंहे बच्चों के साथ पहुंची। मौसम बदलने से महिला पुलिस कर्मचारियों को अपने बच्चों की देखभाल में पसीना छूट गया। पोलिंग सेंटर पर खेलनेकूदने के लिए बच्चों ने खूब तंग किया। किसी तरह से बच्चों को संभालकर महिलाओं ने ड्यूटी पूरी की।