-बाराबंकी में हुए शिखर हत्याकांड का मामला

- बशारतपुर के आवास पर बनी है आवाजाही

- दो मासूम बच्चों को संभाल रहे दादा-दादी

GORAKHPUR: मेरा बेटा बड़ी मेहनत से डॉक्टर हुआ है। मैंने जीवन में सिर्फ बच्चों को पढ़ाया और संस्कार दिया। साढ़े तीन लाख रुपए की रकम ऐसी नहीं कि जिसके लिए मेरा बेटा किसी का कत्ल कर दे। राजनीतिक विरोधी नहीं चाहते कि विजय आगे बढ़े। इसलिए मर्डर की साजिश रचकर बेटे और बहू को फंसा दिया। बांसगांव के बसपा विधायक डॉ। विजय कुमार के पिता जय किशोर ने यह दावा किया। उन्होंने कहा कि बेटा और बहू कहां हैं, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं। अलबत्ता, उनके दोनों बेटों की परवरिश को लेकर मैं थोड़ा परेशान जरूर हूं। पुलिस पूरे मामले की जांच कर ले, मेरा बेटा जरूर निर्दोष निकलेगा। बीमारी की हालत में बच्चों की देखभाल करना, बेटे पर हत्यारोपी होने का आरोप लगना काफी दुख दे रहा है।

शिखर की हत्या के आरोप में फंसे हैं विधायक, उनकी पत्‍‌नी

बहराइच जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष दिनेश गांधी के बेटे शिखर की डेड बॉडी ट्यूज्डे मार्निग मिली। गोली मारने, चाकू से गोदने के बाद बाराबंकी के बदोसराय एरिया के बरदरी में डेड बॉडी फेंककर बदमाश फरार हो गए थे। दिनेश गांधी ने बसपा विधायक विजय कुमार, उनकी पत्‍‌नी एडी एजुकेशन मृदुला आनंद सहित सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। आरोप लगाया कि नौकरी के लिए शिखर ने साढ़े तीन लाख रुपए दिए थे। रिश्वत लेने के बाद विधायक और उनकी पत्‍‌नी शिखर को नौकरी नहीं दिला सकी। रुपए लौटाने की बात पर शिखर को बुलाकर मार डाला। बहराइच स्थित नेशनल इनफामेटिक सेंटर पर शिखर संविदा पर काम करता था। बहराइच में तैनाती के दौरान क्8 जून से लेकर ख्ब् जुलाई के बीच मृदुला से उसकी जान पहचान हो गई। मृदुला आंनद के करीब आने पर शिखर के मधुर संबंध हो गए। इस दौरान दोनों की फोन से लंबी बात होने लगी। इस बात के सबूत पुलिस की जांच में मिले हैं। इसलिए रुपए के लेनदेन के अलावा अन्य पहलुओं पर पुलिस जांच कर रही है।

मुकदमे के बाद सुर्खियों में आ गया मकान

बशारतपुर, एल्मुनियम फैक्ट्री के पास विधायक का आवास है। जगतबेला के मूल निवासी जय किशोर चकबंदी में पेशकार रहे। अपने तीन बेटों बड़े संजय कुमार, विजय कुमार और प्रवीण को लेकर गोरखपुर आ गए। हुमायूंपुर मोहल्ले में पुराने मकान में रहने के दौरान विजय पैदा हुए। बाद में जय किशोर ने बशारतपुर में जमीन खरीद ली। मकान बनवाने के बाद हुमायूंपुर छोड़ दिया। डॉक्टर विजय के विधायक बनने के बाद इस मकान की अहमियत बढ़ गई। लेकिन मर्डर में फंसने के बाद यह उससे भी ज्यादा सुर्खियों में है। थर्सडे दोपहर मकान के भीतर सन्नाटा पसरा हुआ था। करीब ख्0 मिनट बाद जय किशोर बाहर निकले।

होनहार विजय क्यों करेगा किसी का मर्डर

जय किशोर ने बताया कि उनका बेटा मर्डर नहीं कर सकता। मैंने मना किया था कि डॉक्टरी छोड़कर राजनीति मत करो, लेकिन बहू के कहने पर वह पॉलीटिक्स में आ गया। अब इसका अंजाम भुगतना पड़ रहा है। बताया कि विजय बचपन से होनहार रहा। एमपी इंटर कालेज से क्ख्वीं पास करने के बाद वर्ष क्99क् में वह एमबीबीएस करने बीआरडी मेडिकल कालेज गए। बीएचयू के एग्जाम में थर्ड और बीआरडी मेडिकल कालेज में उनको फ‌र्स्ट पोजीशन मिली थी। विभाग में डिप्टी सीएमओ हो गए थे। आगे भी प्रमोशन मिलता रहता। जय किशोर ने कहा कि वह अपने दो पोतों और पत्‍‌नी के साथ यहां पर हैं। थर्सडे तक पुलिस उनके घर छापेमारी करने नहीं पहुंची। पूछताछ के लिए किसी के आने पर उसका सहयोग करेंगे।

पत्‍‌नी के प्रयास से बसपा ने दिया टिकट

डॉक्टर विजय और मृदुला आनंद के आवास पर आमतौर पर सन्नाटा पसरा हुआ है। लेकिन इक्का दुक्का करके क्षेत्र के लोग पहुंच रहे हैं। कुछ रिश्तेदारों की आवाजाही भी बनी हुई है। पूछने पर हर कोई एक स्वर से डॉक्टर विजय को बेकसूर बता रहा है। लोगों का कहना है कि विधायक जी को किसी चीज की कमी नही। इस वजह से रुपए के लिए किसी का मर्डर करना गले से नीचे नहीं उतर रहा। लोगों ने बताया कि क्0 दिसंबर ख्00म् से लेकर ख्ब् दिसंबर ख्0क्क् तक मृदुला आनंद गोरखपुर में एडी बेसिक रही। इस दौरान उनकी गोरखपुर में खासी पैठ हो गई। बताया जाता है कि पत्‍‌नी के प्रयास से बसपा ने ब्रजेश कुमार का टिकट काटकर विजय को बांसगांव से दिया गया। मृदुला के प्रयास पर ही बहराइच से लोकसभा चुनाव लड़ने का मौका मिला। हालांकि मोहल्ले के लोगों ने कहा कि कुछ साल पहले दंपति के बीच संबंध ठीक नहीं थे। कई बार उनका झगड़ा मोहल्ले में सड़क पर भी आ जाता था।