गोरखपुर (ब्यूरो)। पुलिस ने इनकी पहचान गिरोह के मुख्य सरगना बांसगांव धनौड़ा निवासी राहुल सिंह और उसका दूसरे नंबर का बेटा अवनीश सिंह उर्फ अवनीश राय और बड़हलगंज बेदौली के चांद मोहम्मद के रूप में की है।
बाजार में फैला चुके लाखों रुपए
पुलिस लाइन में गैंग का पर्दाफाश करते हुए एसपी साउथ अरुण कुमार सिंह ने बताया कि राहुल का बड़ा बेटा विकास और देवरिया के गड़ही का रहने वाला विक्रम जायसवाल फरार है। यह गैंग बीते 7 साल से नकली नोट बनाने का कारोबार कर रही थी और लोगों के माध्यम से अब तक बाजार में लाखों रुपए उतार चुकी है। राहुल व विक्रम इसके पहले भी जेल जा चुका है।
असली के बदले दोगुना नकली नोट का सौदा
गगहा पुलिस को इंटरनेट पर एक वीडियो मिला था, जिसमें एक व्यक्ति द्वारा नकली नोट बनाने का काम कर रहा था। वीडियो की जांच में जुटी पुलिस को हाटा बाजार में नकली नोट चलाने वाले एक युवक के बारे में पता चला। लोगों से पूछताछ करते हुए पुलिस ने आशंका में चांद मोहम्मद को हिरासत में लिया और उससे पूछताछ की। चांद के द्वारा बताया कि उसे एक अन्य व्यक्ति द्वारा बाजार में नकली नोट चलाने के लिए दिया जाता है। पुराने मामलों की जांच करते हुए पुलिस को राहुल के बारे में पता चला। पुलिस ने उसके घर का पता लागते हुए बांसगांव के धनौड़ा से उसे गिरफ्तार किया। इसके बाद से पूरी घटना का पर्दाफाश हुआ। राहुल ने पूछताछ में बताया कि वह अपने बड़े बेटे विकास और दूसरे नंबर के बेटे अवनीश के साथ नकली नोट बनाने का काम कर रहे हैं। उसके बेटे और देवरिया का विक्रम ग्राहकों को लाते थे और असली नोट लेकर ब्लैक पेपर और केमिकल देकर उन्हें दोगुना नकली नोट देता था।
वाराणसी का रहने वाला है राहुल
गिरोह का सरगना राहुल मूल रूप से वाराणसी के जनसा थाना के सरौनी गांव का रहने वाला है, लेकिन जब वह एक वर्ष का था तभी मां के साथ ननिहाल बांसगांव धनौड़ा चला आया। पहले वह गगहा में किराए के कमरे में रहता था। 20 वर्ष पहले धनौड़ा में मकान बनवाने के बाद परिवार के साथ रहने लगा। राहुल ने बताया कि वह 56 वर्ष का है। उसकी दादी धनेश्वरी देवी विधायक थी और मामा वन विभाग में अधिकारी थे। इस समय वह वाकर के सहारे चलता है, उसकी किडनी का डालसिस हो चुका है। बेटों के सहारे वह इस धंधे को चला रहा था। राहुल ने बताया कि इनके पास एक ब्लैक कागज है, जिस पर एक केमिकल डालकर एक ही सीरीज के 10, 20, 50, 100, 200 व 500 रुपए के नकली नोट बनाते थे।
कुछ ही दिन में गल जाता है नोट
मुख्य सरगना लोगों से पांच या दस हजार रुपए लेकर 20 हजार ब्लैक पेपर और केमिकल देता था और एक दो नकली नोट उनके सामने बनाकर बताता था। राहुल ने बताया कि अब तक उसने 100 से अधिक लोगों से ठगी कर चुका है। यह नोट तैयार होने के कुछ ही दिन बाद गलकर समाप्त हो जाता है। नकली नोट बनाने के लिए ये काला पेपर बाहर से मंगवाते थे। इसके अलावा अन्य सामान वह बाजार से खरीद लेते थे।
इनके पास से पुलिस ने बरामद किया ये सामान
10 रुपए के चार नोट, 20 के एक नोट, 50 रुपए के एक नोट, 100 रुपए के 98 नोट, 200 के छह नोट। एक मोबाइल। एक बंडल 200 रुपए के नोट के साइज का काले रंग का पेपर मिला है।
पहले भी नकली नोट संग पकड़े जा चुके लोग -
- 28 मई 2018 को झंगहा पुलिस ने नकली नोट चलाते हुए गौरीबाजार के पपु निषाद को पक?ा था।
- 31 अगस्त 2019 को बांसगांव पुलिस ने दो नाबालिग, दो महिला समेत कुल सात लोगों को नकली नोट चलाने के आरोप में पकड़ा। जिनमे सिकरीगंज की उषा चौहान, वंदना, आजमगढ़ का भीमल निषाद शामिल थे।
- कैंट पुलिस ने तीन जुलाई 2021 को दिव्यनगर व सिंघडिय़ा से नकली नोट चलाते हुए बांसगांव निवासी फकरुदीन व सिवान बिहार के दिलशेर को पकड़ा था। उन्हें यह नकली नोट बिहार का राजन देता था।
- गगहा पुलिस नौ अक्टूबर 2022 को देवरिया के गड़ही निवासी विक्रम जायसवाल और गौरीबाजार
निवासी जग्गा उर्फ जगरनाथ को पकड़ा था। मामले में बाद में कुल 5 लोग जेल गए थे। विक्रम नोट चलाता था। आज पकड़े गए राहुल के नकली नोट को भी यही विक्रम चलाता था जिसकी तलाश में पुलिस लगी है।