गोरखपुर (ब्यूरो)। जो आगरा में अब्दुल कलाम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट नाम से एनजीओ खोलकर पैरामेडिकल कॉलेज की फ्रेंचाइजी दे रहा था। उसने प्रदेश के आगरा, प्रयागराज, गोरखपुर समेत 12 जिलों में 14 फर्जी पैरामेडिकल कॉलेज खुलवाकर 800 बच्चों का फ्यूचर खराब कर दिया। जालसाज की पहचान गणेश नगर सुचेता थाना शाहगंज जिला आगरा निवासी पंकज पोरवाल के रूप में हुई। सोमवार को एसएसपी डॉ। गौरव ग्रोवर, सीओ मानुष पारिख और एसपी नॉर्थ ने विस्तार से सारी बात बताई।
साल 2013 में एनजीओ कराया रजिस्टर्ड
अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि शातिर पंकज पोरवाल ने बकायदा आगरा के शाहगंज में अब्दुल कलाम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के नाम से बोर्ड ऑफिस खोल रखा है। इसका रजिस्ट्रेशन साल 2013 में एनसीटी दिल्ली चिट फंड से कराया था। जिसमें 13 पदाधिकारी हैं और सभी उसके परिवार के सदस्य या मित्र हैं। इसके बाद बतौर सोसाइटी बायलॉज बनवाकर प्रदेश भर में पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट खोलने के लिए फ्रेंचाइजी देने लगा। इसके बदले 2 से 3 लाख रुपए सम्बन्धित पैरामेडिकल कॉलेज से लेता था। साथ ही प्रत्येक छात्र /छात्रा की प्रवेश फीस और एग्जाम फीस से 30 प्रतिशत खुद ले लेता था।
फर्जी कॉलेजों से कराया जाता था यह कोर्स
। एएनएम
। जीडीए
। मेडिकल ड्रेसर
। सीएमएस एंड ईडी
। डीएमएलटी
। डीएमआरटी
। एक्स रे
। ईसीजी
। सीएमएलटी
। डेंटल नर्सिंग
। डेंटल हाइजीनिस्ट
। डीओटीटी
। डायलिसिस टेक्नीशियन
। डिप्लोमा इन हेल्थ सैनिटरी
। ऑप्थलमिक असिस्टेंट
। डीपीटी
। एचडीएचएम
बचाव के लिए स्टूडेंट से लेते थे शपथ पत्र
शातिर जालसाज कोर्स कराने के नाम पर मोटी रकम लेकर अब्दुल कलाम इंस्टीट्यूट और आयुष पैरामेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के नाम से अवैध और कूटरचित अंक पत्र, प्रमाण पत्र दे देते थे। अपने बचाव के लिए स्टूडेंट्स से प्रवेश के समय ही शपथ पत्र ले लेते थे। जिसकी सत्यता स्टूडेंट नहीं जानते थे। एक स्टूडेंट से सेल्फ इम्प्लामेंट कोर्स के डिप्लोमा के लिए 50 हजार से 2 लाख लेते थे।
इस तरह हुआ पर्दाफाश
फर्जी डिग्री के आरोप में कुशीनगर की हाटा पुलिस ने चौरीचौरा के विशम्भरपुर निवासी विजय प्रताप सिंह को जेल भेजा था। जेल से छूटने के बाद गिरोह के बारे में उसने कोर्ट द्वारा 156(3) के तहत चौरीचौरा थाने में जनवरी 2023 में केस दर्ज कराया। केस गुलरिहा पुलिस को ट्रांसफर हुआ। जिसके बाद जांच में आया कि सभी कोर्स बिना किसी विधिक मान्यता के कराया जा रहा था। जिसकी कोई भी शासकीय व गैर शासकीय संस्था मे विधिक मान्यता नहीं है।
ये हैं 13 पदाधिकारी
एनजीओ में 13 पदाधिकारी हैं। जिसमे सचिव शातिर जालसाज पंकज पोरवाल है। इसके आलावा उसका भाई इन्दीवर पोरवाल, पत्नी कंचन पोरवाल, चाचा जयवीर प्रसाद, मित्र अनिरुद्ध कुमार, नरेश कुमार, निखिल कुमार, कमलकान्त, कुलदीप वर्मा, सुरेन्द्र कुमार, रुची गुप्ता, दर्शन कुमार खट्टरी, प्रेमचन्द्र, मोहित कुमार सदस्य है। यह सब भी नामजद आरोपी बनाए गए है।
इन 14 पैरामेडिकल कॉलेज को दी थी फ्रेंचाइजी
कॉलेज संचालक
1. जीवन छबि पैरा मेडिकल कॉलेज प्रयागराज - निरंकार त्रिपाठी
2. शम्भूनाथ तिवारी कॉलेज ऑफ नर्सिंग अयोध्या - चन्द्रदेव तिवारी
3. छत्रपति शिवाजी कॉलेज ऑफ साइन्स एण्ड पैरामेडिकल देवरिया - प्रशान्त कुमार कुशवाहा
4. वंश पैरा मेडिकल कॉलेज फिरोजाबाद- कमल किशोर
5. प्रतिभा पैरा मेडिकल एण्ड नर्सिंग कॉलेज ट्रस्ट देवरिया -प्रतिभा सिंह
6. जननी पैरा मेडिकल नर्सिंग साइंस कुशीनगर -विजय प्रताप सिंह
7. शौम्य साक्य पैरामेडिकल देवरिया- रमाकान्त कुशवाहा
8. मां विन्धवासिनी पैरामेडिकल कॉलेज रानीडिहा गोरखपुर -गिरिजा त्रिपाठी
9. अन्नपूर्णानन्द पैरामेडिकल बलिया -गुप्तेश्वर पाण्डेय
10. रुद्रा पैरामेडिकल कॉलेज वाराणसी- डॉ। पवन साहनी
11. ऑल इंडिया पैरामेडकल सीतापुर -राजीव विश्वास
12. सतीश चंद्र इन्सीटीट्यूट चांदपुर शाहजहापुर- मुकेश शुक्ला
13. सांन हॉस्पिटल नरियावल अड्डा बरेली- डॉ। फहीम खान
14.वाशु पैरामेडिकल बुलन्दशहर - रुचि