गोरखपुर (ब्यूरो)। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई जांच में पता चला है कि तीन वायरस आंखों पर वार कर रहे हैं। कुछ मरीजों में दो तरह के बैक्टीरिया इंफेक्शन भी मिले हैं। करीब चार परसेंट लोगों में वायरल व बैक्टीरियल के साथ फंगल इंफेक्शन भी मिला है।

90 परसेंट में वायरल इंफेक्शन

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग में आई फ्लू के लिए 32 सैंपल में से 90 परसेंट में वायरल इंफेक्शन मिला है। इनमें 70 परसेंट इंटेरो के साथ काकसेकी या एडीनो वायरस पाए गए हैं। दो परसेंट में तीनों वायरस मिले हैं। चार परसेंट सैंपल में वायरस के साथ स्टेप्लोकाकस व स्टेप्लोकाकस निमोनी बैक्टीरिया व फंगल तीनों तरह के इंफेक्शन से प्रभावित मिले हैं। डॉक्टर्स के अनुसार इंफेक्शन ज्यादा होने से आंखों की नसें फट जा रही हैं और ब्लड जम जा रहा है, जिससे आंखे लाल हो रही हैं।

बच्चों में गंभीर हो रही बीमारी

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पहुंच रहे आई फ्लू से ग्रसित बच्चों में 10 से 12 परसेंट ज्यादा गंभीर मिल रहे हैं। उनकी आंख में संक्रमण होने के साथ ही गले व कान में संक्रमित पाए गए हैं। उनकी दोनों पलकों में भी ज्यादा सूजन थी। साथ ही नाक से हमेशा पानी गिरने की समस्या पाई गई है।

घर पर रहने की सलाह

बीआरडी मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल की ओपीडी में डेली 40 परसेंट मरीज आई फ्लू के पहुंच रहे हैं। वहीं चिकनपॉक्स के चार से पांच मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। डॉक्टर्स उन्हें उचित सलाह देने के बाद दवा के सेवन के बाद घर पर रहने की सलाह दे रहे हैं। जिला अस्पताल के स्किन रोग विशेषज्ञ डॉ। नवीन कुमार वर्मा ने बताया कि जुलाई में चिकनपॉक्स के 25 से 35 मरीज इलाज के लिए पहुंच थे।

अपने मन से आंख में बिल्कुल दवा न डालें। इससे आंख को नुकसान पहुंच सकता है। आंखों में कुछ ऐसे बैक्टीरिया होते हैं जो फंगस या नुकसानदायक बैक्टीरिया-वायरस से सुरक्षा करते हैं। अपने मन से ली गई दवाएं इस सुरक्षा घेरे को नष्ट कर सकती है और वायरल, बैक्टीरियल या फंगल इंफेक्शन हो सकता है।

डॉ। राजकुमार जायसवाल, पूर्व एचओडी नेत्र रोग विभाग बीआरडी

अब तक आई फ्लू के लगभग 32 सैंपल की जांच की गई है। 90 परसेंट में केवल वायरस इंफेक्शन मिला है। कई मरीजों में दो या तीन वायरस पाए गए हैं। कुछ में बैक्टीरिया व फंगल इंफेक्शन की भी पुष्टि हुई है। कुछ मरीजों में वायरस का लोड बहुत ज्यादा था।

डॉ। अमरेश कुमार सिंह, एचओडी माइक्रोबायोलॉजी विभाग बीआरडी

चिकनपॉक्स भी दे रहा दस्तक

आई फ्लू के साथ ही चिकनपॉक्स के मामले भी मिल रहे हैं। अगस्त में एक हफ्ते के अंदर चार से पांच मरीज चिकनपॉक्स के पहुंचे, जिन्हें दवा के साथ साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी जा रही है। उन्होंने बताया कि जुलाई में ही एक साथ 20 पुलिसकर्मी भी चिकनपॉक्स की जद में आ चुके थे। उनका इलाज किया गया। हालांकि इस समय वह बिल्कुल ठीक हैं। सावधानी के साथ साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। झाड़-फूंक के चक्कर में नहीं पडऩा चाहिए। यदि शरीर पर लाल चकत्ते हों तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

जुलाई में चिकनपॉक्स के केस अधिक मिले थे। अगस्त में एक हफ्ते के अंदर पांच केस आए। हालांकि इस समय लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। यदि चिकनपॉक्स के लक्षण दिखें तो तत्काल डॉक्टर्स से संपर्क कर दवा शुरू कर दें।

डॉ। नवीन कुमार वर्मा, स्किन रोग विशेषज्ञ