- झंगहा और पिपराइच एरिया की लूट का खुलासा
- रेलवे में नौकरी मांगने वाले युवक का किया मर्डर
GORAKHPUR : लुटेरों ने दो लाख रुपए के लिए निरीह व्यक्ति की जान ले ली। उसका गला कसकर मार डाला। डेड बॉडी को बोरे में भरकर फोरलेन पुल से राप्ती नदी में फेंक दिया। लाश ठिकाने लगाने के बाद ऐसी कहानी गढ़ी कि पुलिस घनचक्कर हो जाए। लेकिन बदमाशों की योजना पर पुलिस ने पानी फेर दिया। लूट और मर्डर के पांच आरोपियों को क्राइम ब्रांच ने संडे को दबोच लिया। उनके पास से तमंचे, नकदी, मोबाइल और बाइक बरामद हुई। गिरफ्तार बदमाशों के दो अन्य साथियों की पुलिस तलाश कर रही है।
एसबीआई ग्राहक सेवा केंद्र के संचालकों को बनाया निशाना
बाइक सवार बदमाशों ने झंगहा और पिपराइच में लूटपाट किया। एसबीआई ग्राहक सेवा केंद्र के संचालकों से दो लाख से अधिक नकदी लूट ली। वारदात से परेशान पुलिस ने बदमाशों की तलाश शुरू कर दी। संडे को सीआईयू के प्रभारी राजेश मिश्र और झंगहा के एसओ सौरभ राय, सर्विलांस सेल के एसआई धर्मेद्र सिंह, कांस्टेबल सुबाष सिंह, विपेंद्र मल्ल, शशिकांत राय, रसीद अख्तर, सनातन सिंह, राकेश यादव, सत्य प्रकाश वर्मा, अमित कुमार और प्रदीप कुमार की टीम एक्टिव हो गई। कुड़वा बंधे पर पुलिस ने बाइक सवार तीन युवकों को रोका। उनके पास से असलहे और एक लाख सात हजार नकदी बरामद हुई। पूछताछ में बदमाशों की पहचान देवरिया जिले के एकौना एरिया स्थित खैरवा तिघरा निवासी दिगंबर सिंह, झंगहा एरिया के राउतपार निवासी गोविंद और लडुआपार के झीनक के रूप में हुई।
बाइक से खुला हत्या का राज, दो अन्य चढ़े हत्थे
रुपए और असलहे के बाद बाइक की जांच हुई। तब तीनों ने पुलिस को बताया कि चिलुआताल एरिया के टिकरिया के सत्यनारायण उर्फ विजय यादव की बाइक है। उसकी हत्या शाहपुर एरिया के शिवपुर साहबाजगंज में रहने वाले राकेश कुमार के कमरे पर क्फ् अप्रैल को कर दी। डेड बॉडी को बोरे में भरकर राप्ती के बाघागाड़ा पुल से नदी में फेंक दिया। मर्डर में शिवपुर सहबाजगंज निवासी प्रेम कुमार, जगतबेला के मझगांवा का राकेश, ठेकेदार सतीश सिंह और पिंटू शामिल हैं। रेलवे के डिपो में फोर्थ क्लास कर्मचारी प्रेम करीब भ्0 लोगों से नौकरी के नाम पर लाखों रुपए ऐंठ लिया है। प्रेम ने सत्य नारायण उर्फ विजय से साढ़े क्ख् लाख रुपए लिए थे। सत्य नारायण ने अपने भाई अजय सहित कई लोगों का रुपए इकट्ठा करके प्रेम को दे दिया।
हकीकत जानने के बाद रुपए मांगने लगा था सत्य नारायण
सत्यनरायण को पांच हजार रुपए के पगार की नौकरी प्रेम ने दे दी। उसको खुद ही दो माह का वेतन दिया। पे स्लिप मांगने पर टकराता रहा। लेकिन बाद में सत्यनारायण की हकीकत सामने आ गई। उसने प्रेम से क्0 लाख रुपए वापस ले लिया। ढाई लाख देने के लिए प्रेम ने सत्यनारायण को राकेश के कमरे में बुलाया। वहां अन्य लोगों की मदद से हत्या करके डेड बॉडी को ठिकाने लगा दिया। सत्यनारायण के गायब होने पर घरवालों ने शाहपुर में गुमशुदगी दर्ज कराई। सहजनवां निवासी ठेकेदार सतीश सिंह के माध्यम से प्रेम, राकेश, दिंगबर और गोविंद की आपस में जान पहचान हुई थी। सतीश सिंह ने सबको आपस में मिलवाया था।
तो कभी पकड़ में न आते बदमाश
सत्यनारायण का मर्डर करने वाला गैंग शातिर है। रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर प्रेम रुपए जुटाकर ठेकेदारी, प्रापर्टी की खरीदफरोख्त और सूद का कारोबार करता है। सत्यनारायण का मर्डर करने के बाद उसका मोबाइल दिल्ली जाने वाली ट्रेन में रख दिया। गुमशुदगी दर्ज होने के बाद जब पुलिस ने तलाश की तो लोकेशन दिल्ली में मिली। पुलिस को लगा कि सत्यनारायण घूमने फिरने चला गया है। यदि लूट की वारदातें नहीं होती को मर्डर का खुलासा भी नहीं हो पाता। दिगंबर सिंह, गोविंद और झीनक के खिलाफ झंगहा, पिपराइच, देवरिया के एकौना थानों में विभिन्न मामले दर्ज हैं। एक विधायक का करीबी झीनक अक्सर उनके नाम पर खुद को बचा लेता है। नौकरी दिलाने के खेल में शामिल अन्य लोगों की पुलिस तलाश कर रही है।
बदमाशों को अरेस्ट करने वाली टीम को एसएसपी की तरफ से पांच हजार का इनाम दिया गया है। फरार दो अन्य बदमाशों की तलाश की जा रही है।
मानिक चंद सरोज, एसपी क्राइम