- दर्जन भर से अधिक किताबें लिख चुके लेखक सूर्य सिन्हा से आई नेक्स्ट की खास बातचीत
- व्यक्तित्व के विकास और कॅरियर सेलेक्शन के लिए दिए जरूरी टिप्स
GORAKHPUR : पर्सनॉलिटी डेवलपमेंट, कॅरियर का चुनाव, नेटवर्क मार्केटिंग, विचारों की सकरात्मकता आदि विषयों पर दर्जन भर से अधिक किताबें लिख चुके लेखक सूर्य सिन्हा इन दिनों सिटी में हैं। दो दिन पहले टाउनहाल में लगे द्वितीय राष्ट्रीय पुस्तक मेले में उनके द्वारा लिखी गई 'कम्पलीट पर्सनैलिटी डेवलपमेंट कोर्स' का विमोचन नगर विधायक डा। राधा मोहन दास अग्रवाल ने किया। मंगलवार को आई नेक्स्ट रिपोर्टर से बातचीत में उन्होंने युवाओं के व्यक्तित्व के विकास और कॅरियर के चयन को लेकर खुलकर बात की।
क्यू- व्यक्तित्व को प्रभावी कैसे बनए जाए? कार्यस्थल और समाज में सकारात्मक प्रभाव छोड़ने वाली पर्सनॉलिटी कैसे डेवलप करें?
ए- दो तरह के व्यक्तित्व होते हैं पहला बाहरी और दूसरा आंतरिक। सफल होने के लिए दोनों तरह के व्यक्तित्व की बराबर आवश्यकता होती है। बाहरी व्यक्तित्व वो है जो लोगों को दिखाई देता है। कपड़े, हेयर स्टाइल, बात करने के तरीके आदि। आंतरिक व्यक्तित्व में सकारात्मक दृष्टिकोण, बौद्धिकता और भावनात्मकता होती है। इन सभी का निरंतर विकास करके ही अच्छे व्यक्तित्व का निर्माण किया जा सकता है। इसके लिए वक्त निकालना होगा। तमाम व्यस्तता और प्रतिस्पर्धा के बावजूद खुद के लिए सयय निकालना होगा।
क्यू- कॅरियर का चुनाव करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? ज्यादा चमक-दमक या अधिक सैलरी वाले प्रोफेशन की तरफ यूथ ज्यादा आकर्षित होता है। यह कितना ठीक है?
ए- चमक-दमक और सैलरी हर प्रोफेशन में है। जरूरत है उस प्रोफेशन में ऊंचाई तक पहुंचने की। प्राइमरी एजुकेशन से ही बच्चों की रुचि और क्षमता के आधार पर कॅरियर के चुनाव किया जाना चाहिए। कभी-कभी एक किसी खास पेशे के प्रति आकर्षित होकर यूथ उसे अपना प्रोफेशन बनाना चाहते हैं। इसके लिए उस पेशे के प्रति क्षमताओं को आंक लेना चाहिए। माता-पिता को भी अपने बच्चे पर जबर्दस्ती कॅरियर चुनने का दबाव नहीं बनाना चाहिए। अक्सर डॉक्टर का बेटा डॉक्टर बनता है, लेकिन ये हो सकता कि उस बच्चे में किसी और क्षेत्र में ज्यादा अच्छा रिजल्ट देने की क्षमता हो। उसकी रुचि और क्षमता का आंकलन उसे खुद करने देना चाहिए।
क्यू- कॅरियर में उन्नति के लिए व्यकित्व का निर्माण किस तरह किया जाना चाहिए? कभी-कभी सारे जतन करने के बाद भी लोग प्रमोशन से वंचित रह जाते हैं?
ए- दिन भर की सभी घटनाओं को दोबारा रात को दिमाग में चलाना चाहिए। उसके गुण-दोषों को कैलकुलेट करके गुणों को जारी रखिए और दोष दूर करने के लिए अगले दिन काम करना चाहिए। इससे कुछ ही दिनों में व्यक्ति के व्यक्तित्व में गुणों की मात्रा काफी बढ़ जाती है जो समाज और कार्य स्थल पर दिखती है। सकारात्मक दृष्टिकोण, लक्ष्य निर्धारण, आत्मनिरीक्षण, कार्यक्षमता का विकास, स्वप्रबंधन, समय प्रबंधन करके उन्नति के लक्ष्य को आसानी से पाया जा सकता है। कार्यक्षेत्र में आए दिन हो रही नई चीजों से खुद को अपडेट रखना चाहिए। समय के साथ अपडेट न होना भी सफलता में बाधक होता है।
क्यू- कॅरियर में शार्टकट का चलन बढ़ा है। नौकरी पाने से लेकर सरकारी और प्राइवेट ऑफिसेज में शार्टकट से बड़ी सफलता के दावे किए जाते हैं। आप इससे कितना सहमत हैं?
ए- मैं इससे बिल्कुल असहमत हूं। शार्टकट की केवल बातें ही कर सकते हैं। ये व्यक्तित्व के दोष हैं। कहीं-कहीं इसकी अंशकालिक सफलता देखने को मिलती है। सुझ-बूझ के साथ कार्यक्षमता और अच्छे गुणों को डेवलप करके ही सफलता हासिल की जा सकती है।