- यूपी गवर्नमेंट में खेल राज्यमंत्री रह चुके जितेंद्र जायसवाल उर्फ पप्पू को आजीवन कारावास

-सितंबर 1994 में जंगल धूषड़ के प्रधान खदेरू निषाद की गोली मारकर हुई थी हत्या

- पूर्व मंत्री के कहने पर मारी गई थी गोली, साजिशकर्ता और शूटर दोनों को मिली सजा

GORAKHPUR: प्रदेश सरकार में खेल राज्यमंत्री रह चुके जितेंद्र जायसवाल उर्फ पप्पू गुरुवार को सलाखों को पीछे पहुंच गए। जितेंद्र जायसवाल पर निचली अदालत में हत्या का मुकदमा कई साल से चल रहा था। गुरुवार को अपर सत्र न्यायाधीश, सीताराम वर्मा की अदालत में केस की सुनवाई हुई। सभी साक्ष्यों के अवलोकन और दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने सजा सुनाई। जितेंद्र जायसवाल के अलावा, शूटर मिराज को भी सजा सुनाई गई है। पूर्व मंत्री 1994 में जंगल धूषण के प्रधान खदेरू निषाद की हत्या के मामले में दोषी पाए गए हैं। गौरतलब है कि उनसे पूर्व एक अन्य पूर्वमंत्री अमरणमणि त्रिपाठी, मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में पत्‍‌नी समेत आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे हैं। इस तरह जिले के दो पूर्व मंत्री सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं।

सात सितंबर को हुई थी वारदात

वारदात सात सितंबर 1994 को सुबह करीब 11 बजे हुई थी। पिपराइच एरिया के जंगल धूसड़ गांव के प्रधान खदेरु निषाद किसी काम से जा रहे थे। पूर्व मंत्री के पादरी बाजार स्थित कार्यालय के सामने से गुजरे तभी बदमाशों ने उनको गोली मार दी। गोली लगने से पूर्व प्रधान की मौके पर ही मौत हो गई। बताया जाता है कि पूर्व मंत्री के कार्यालय से निकलकर हत्यारों ने वारदात की। इसको लेकर क्षेत्र में तनाव भी फैला था।

खुलेआम दी थी हत्या की धमकी

प्रधान के पिता भग्गन ने पूर्व मंत्री जितेंद्र जायसवाल उर्फ पप्पू पर बेटे की हत्या का आरोप लगाया। बताया कि भूमि को लेकर पप्पू से उनके बेटे की रंजिश चल रही थी। इसको लेकर पप्पू ने कई बार खुले मंच से धमकी दी। उन्होंने सरेआम कहा था कि खदेरू के सुलह न करने पर उसकी हत्या करवा दूंगा। इसकी सूचना आईजी, डीएम, एसपी और सीएम तक को दी गई थी। घटना के बाद लोगों ने शूटर को पकड़ लिया था। पुलिस की पूछताछ में उसकी पहचान घोषीपुरवा निवासी मिराज के रूप में हुई थी। उसके पास से हत्या में इस्तेमाल तमंचा भी बरामद हुआ। पत्रावली पर मौजूद साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने सजा सुनाई।

----------------

बॉक्स आइटम

--------------

कारोबार से सियासत, अब जेल

- प्रमुख शराब कारोबारी बद्री प्रसाद जायसवाल के बेटे हैं पप्पू

- पूर्वाचल के प्रमुख व्यवसायियों में शुमार हैं पूर्व मंत्री

- 1991 में पहली बार बने निर्दल विधायक बने।

- 91 से 2007 तक 17 साल पिपराइच के विधायक रहे

- 90 के दशक में सपा की गवर्नमेंट में मुख्यमंत्री मुलायम ने खेल राज्यमंत्री बनाया।

राजनीतिक गलियारों में होती रही चर्चा

जितेंद्र जायसवाल को पूर्वाचल के व्यवसायियों के साथ यहां राजनीति में एक बड़ा नाम माना जाता है। सूत्रों के मुताबिक आगामी विधानसभा चुनाव में वह भाजपा से चुनाव लड़ने की मंशा पाले हुए थे। अब इस फैसले से उनके राजनीतिक भविष्य पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है। हालांकि जितेंद्र जायसवाल ने अपने बेटे विवेक जायसवाल को सियासी रूप से सक्षम बनाया हुआ है। हालिया जिला पंचायत चुनाव में वार्ड नंबर दो से विवेक ने चुनाव लड़ा था और नंबर दो पर थे।