गोरखपुर (ब्यूरो)।कुछ पुलिसकर्मी एसी की हवा में सोते भी मिले। अब यह कैदी चोरी के आरोप में सजा काट रहे हैं या फिर किसी अन्य अपराध मेें। यह तो पुलिसकर्मी ही जानेें, लेकिन सिस्टम के दुरुपयोग की यह पराकाष्ठा है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के रियलिटी चेक में यह तस्वीर सामने आई। वहीं, जब इस बात की सूचना आरपीएफ इंस्पेक्टर राजेश कुमार सिन्हा को हुई तो उन्हें तत्काल प्रभाव से एसी लाउंज को खाली कराया।
कैदियों और पुलिस कर्मियों का रहता कब्जा
ट्रेन पकडऩे के लिए आने वाले एसी यात्रियों की सुविधा के लिए एसी थर्ड वेटिंग हॉल है। उसी के बगल में एसी फस्र्ट और एसी सेकेंड वेटिंग रूम बनाया गया है, लेकिन एसी फस्र्ट और एसी सेकेंड वेटिंग रूम में जब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम सुविधाओं का हाल देखने पहुंची तो मौके पर तैनात रेलवे की महिला कर्मचारी ने बताया कि रजिस्ट्रर में 26 अप्रैल की डेट में सिर्फ 3 एसी यात्रियों की एंट्री हुई है, लेकिन एसी फस्र्ट वेटिंग हाल में पिछले कई घंटे से पुलिस कर्मी पेशी पर आए कैदियों के साथ बैठे हुए हैैं, हटाने पर हटते भी नहीं हैैं। सूचना पर आरपीएफ इंस्पेक्टर ने इन्हें हटवाया।
रनिंग स्टाफ के लिए भी सुविधा नहीं
गोरखपुर इण्डियन रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ आर्गनाइजेशन पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर के जोनल संरक्षक टीएन पांडेय ने बताया, इन दिनों टीटीई विश्राम गृहों की हालत बद्तर हो गई है। गर्मी बढ़ती जा रही है, लेकिन उससे बचने के पर्याप्त उपाय ही नहीं हैं। लखनऊ रनिंग रूम एसी तो है, लेकिन दो कमरों की एसी खराब है, जिससे कर्मचारी परेशान होते हैं। उन्होंने बताया, इस समस्याओं पर रेलवे के जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं देते। राष्ट्रीय संयुक्त सचिव पवन कुमार राय ने कहा, रेस्ट हाउस जाते हैं तो पूरा मन ही खराब हो जाता है। बिस्तर तो गंदा रहता ही है बाथरूम से दुर्गंध आती है। कुछ रूम में एसी खराब है तो कुछ रूम में पंखा धीरे-धीरे चलता है। ऐसे में टिकट चेकिंग स्टाफ को आराम नहीं मिल पाता है।
एसी लाउंज में अनाधिकृत लोगों की एंट्री नहीं होनी चाहिए। यह यात्रियों के लिए है। वह भी एसी में सफर करने वाले यात्रियों के सुविधा के लिए बनाया गया है। इसकी रोकथाम के लिए स्टेशन डायरेक्टर से बात की जाएगी।
पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ एनईआर