- मेडिकल एमबीबीएस स्टूडेंट व कार चालक की हालत गंभीर
- गगहा के राउतपार पुलिया के पास ट्रक की टक्कर से कार के परखच्चे उड़े
GORAKHPUR:
गगहा एरिया के राउतपार में मंगलवार की आधी रात ट्रक और कार में जोरदार भिड़ंत हो गई। हादसे में कार सवार गोरखपुर स्थित पीएनबी में कार्यरत असिस्टेंट मैनेजर और उनकी बेटी की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। बेटी बीएचयू में एमबीबीएस फाइनल इयर की स्टूडेंट थी। वहीं कार चालक व सवार एक अन्य एमबीबीएस स्टूडेंट का गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है।
बेटी को लाने गए थे बनारस
कोतवाली एरिया मूलत: बेनीगंज निवासी हरिशंकर शुक्ला (55) ने 20 साल पहले पुर्दिलपुर गैस गोदाम गली में मकान बनवा लिया और फैमिली के साथ यही रह रहे थे। वह उर्दू बाजार स्थित पीएनबी बैंक में असिस्टेंट ब्रांच मैनेजर के पद पर कार्यरत थे। सोमवार को ड्यूटी करने के बाद घर चले गए। उनकी इकलौती बेटी भव्या शुक्ला बीएचयू में एमबीबीएस फाइनल ईयर की स्टूडेंट थी। वे मंगलवार को सुबह बेटी को लाने के लिए बनारस गए। वहां से शाम करीब 5 बजे वह चले तो रिश्तेदार अनमोल भी साथ हो लिया। मध्य प्रदेश के मुरैना जिला निवासी अनमोल शर्मा बीएचयू में ही एमबीबीएस कर रहा है। इंटर्नशिप पूरा होने के बाद अनमोल शर्मा और भव्या को एमसीआई में रजिस्ट्रेशन के लिए लखनऊ जाना था। इसलिए वह भी उसके साथ गोरखपुर आ रहा था। कार तिवारीपुर के अंधियारीबाग निवासी चालक मनोज चला रहा था।
12.30 बजे हुई टक्कर
रात करीब 12.30 बजे कार गगहा गगहा और राउतपार के बीच थी। चालक ने एक ट्रक को ओवरटेक करने की कोशिश की तभी गोरखपुर की तरफ से आ रहे ट्रक से आमने-सामने टक्कर हो गई। इसी बीच कार को ओवरटेक करने की की कोशिश कर रहे दूसरे ट्रक ने पीछे से कार में टक्कर मार दी। दोनों ट्रकों के बीच कार पिस गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार सिकुड़कर छोटी हो गई और उसके दरवाजे, डिक्की आदि के लोहे टूटकर अलग हो गए।
100 नंबर पर जाती रही रिंग
जोरदार टक्कर और कार में दब जाने से हरिशंकर शुक्ला और भव्या की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं चालक व अनमोल बेहोश हो गए। कुछ देर बाद होश आया। उसने जब कार के अंदर अपनी और सबकी हालत देखी तो उसके होश उड़ गए। दर्द से उसका बुरा हाल था। वह यही समझ रहा था कि सभी उसकी तरह बेहोश हुए हैं। वह उन्हें होश में लाने की कोशिश करता रहा। इसके बाद उसने अपने मोबाइल से 100 नंबर पर भी कॉल किया लेकिन फोन नहीं उठा। काफी देर तक रिंग जाती रही। एंबुलेंस के लिए वह 102 नंबर पर भी कॉल करता रहा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आसपास से ही गाडि़यां गुजरती रहीं लेकिन किसी ने गाड़ी रोककर उनका हाल नहीं पूछा।
घंटों बाद पहुंची पुलिस
अंत में अनमोल ने अपने दोस्त मुन्ना सिंह के पास फोन लगाया। उन्होंने हादसे की जानकारी कंट्रोल रूम को दी। इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई। इस दौरान दो-तीन घंटे गुजर गए थे। तब तक दो शव और बेहोश चालक के साथ अनमोल कार में ही बंद रहा। उसे लग रहा था कि अब वह भी नहीं बच पाएगा। अहले सुबह पुलिस मौके पर पहुंची।
गैस कटर से काटी गई कार
मौके पर पहुंचने के बाद भी पुलिस को समझ नहीं आ रहा था कि वह घायलों को बाहर कैसे निकाले। इस बीच लोगों की भीड़ जुट गई। वहां जो नजारा था उसे देखकर किसी का भी दिल दहल जाए। खून से लथपथ चालक और अनमोल बाहर निकलने के लिए छटपटा रहे थे वहीं दो बॉडी शांत पड़ी थी। थोड़ी देर में गैस कटर की व्यवस्था की गई। कार की बॉडी को काटकर दोनों शव व घायलों को बाहर निकाला गया। पुलिस ने घायल चालक और अनमोल को मेडिकल कॉलेज भेजा।
शोक की लहर
असिस्टेंट मैनेजर और उनकी बेटी की मौत की सूचना गोरखपुर पहुंचते ही शोक की लहर दौड़ गई। पीएनबी उर्दू बाजार शाखा के कर्मचारी और रिश्तेदार सदमे में आ गए। बॉडी लाने के लिए लोग घटनास्थल पर पहुंच गए। बैंक एंप्लाइज बार-बार कह रहे थे कि मौत की सूचना हरिशंकर शुक्ला की पत्नी रेनू शुक्ला को न दी जाए, वरना वह सदमे से ही चल बसेंगी। सभी परिवार की मदद में लगे रहे।
तो शायद न होता हादसा
इंडिको में ड्राइविंग सीट के बगल में हरि शंकर शुक्ला, पीछे वाली सीट पर भव्या और अनमोल बैठे हुए थे। भव्या कार के अंदर सो गई थी। अनमोल ने चालक को कार साइड कर थोड़ी देर आराम करने के लिए भी कहा लेकिन उसने उसकी बात नहीं मानी। कुछ ही देर बाद यह हादसा हुआ। अब उसे इस बात का अफसोस है कि काश उसने उसकी बात मान ली होती।
वर्जन
ओवरटेक के चक्कर में ट्रक वाले ने पीछे से कार में टक्कर मारी है। डेड बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। चालक ट्रक लेकर फरार है। उनकी तलाश की जा रही है।
गिरिजेश तिवारी, एसओ, गगहा