- दिल्ली से आई टीम ने इंसेफेलाइटिस को लेकर की चर्चा

- 24 घंटे में इंसेफेलाइटिस से बीआरडी में दो की मौत, जनवरी से अब तक 89 मरे

GORAKHPUR: मेडिकल कॉलेज में बुधवार को दिल्ली से आई आठ सदस्यीय टीम ने जेई व एईएस के 100 बेड वाले वार्ड का गहन अध्ययन किया और एक-एक मरीज का हाल जाना। डॉक्टर्स से बातचीत की और मंथन किया। टीम इस फिक्र में दिखी कि इंसेफेलाइटिस से मौतों को कैसे रोका जाए। इधर, 24 घंटे के अंदर बीआरडी में दो इंसेफेलाइटिस पेंशेंट्स ने दम तोड़ दिया वहीं 10 नए पेशेंट्स और एडमिट किए गए हैं। इंसेफेलाइटिस से मौतों और उसके इंतजामों की तुलना करने के लिए सिर्फ यही बता देना काफी है कि जनवरी से अब तक 89 मरीजों की मौत हो चुकी है।

दो पेशेंट्स की गई जान

बीआरडी में एडमिट दो मासूमों की मौत के बाद इंसेफेलाइटिस वार्ड परिजनों के चित्कार से दहल गया। देवरिया के कृष्णा ओझा (3.5), कुशीनगर के सत्यम (2) की मौत से अन्य पेशेंट्स के परिजन भी घबरा गए। वहीं इस बीच बुधवार को सुबह 11 बजे केन्द्रीय टीम इंसेफेलाइटिस के लिए किए गए इंतजामों की पड़ताल करने पहुंच गई। 100 बेड वाले वार्ड का निरीक्षण किया। डॉ। आकाश श्रीवास्तव नेतृत्व में 8 डॉक्टर्स के दल ने वार्ड में पहुंचकर एडमिट मरीजों का अध्ययन किया। एक-एक पेशेंट के बारे में जानकारी ली। यह महज संयोग ही रहा कि एक तरफ केन्द्रीय टीम इंतजामों की पड़ताल कर रही थी, दूसरी तरफ 24 घंटों में 2 मौतों ने सारे इंतजाम की हकीकत खुद बयां कर दी।

गुरुवार को भी रहेगी टीम

डॉ। आकाश श्रीवास्तव के नेतृत्व में आई आठ सदस्यीय डॉक्टर्स की टीम इंट्रो वायरल के बारे में रिसर्च के लिए पहुंची है। साथ ही उसके कारण व निवारण की जांच कर रही है। इसकी मरीज के रीड की हड्डी का पानी निकलवा कर सैम्पलिंग कराकर वह इसे अपने साथ ले जाएगी। गुरुवार को भी टीम मेडिकल कॉलेज में ही मौजूद रहेगी।

जेई-एईएस (जनवरी से अब तक)

340 पेशेंट्स हुए एडमिट

89 पेशेंट्स की मौत

64 मेडिकल कॉलेज में ऑन बेड पेशेंट्स

वर्जन

डॉक्टर्स की टीम ने पूरे दिन जेई-एईएस का अध्ययन किया। गुरुवार को भी टीम मौजूद रहेगी।

- डॉ। राजीव मिश्रा, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज