- मेडिकल कॉलेज में इंसेफेलाइटिस से बढ़ता जा रहा मौतों का आंकड़ा
- सुविधाओं से लेकर दवाओं तक का भारी अभाव
- जनप्रतिनिधि व अफसरों के आने का भी नहीं निकला कोई नतीजा
GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इंसेफेलाइटिस का कहर बरपना चालू है। विभिन्न वार्डो में हो रही मौतों पर कोहराम मचा है। आंकड़े बढ़ने से परेशान अधिकारी बीआरडी का दौरा कर रहे हैं। बकायदा आदेश दे रहे हैं, लेकिन नतीजा नहीं निकल रहा है। अब भी व्यवस्था पुराने ढर्रे पर ही है। मरीजों को इलाज के नाम पर महज दिखावे का मरहम लगाया जा रहा है। इससे मौत के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं।
बदतर होती जा रही स्थिति
पूर्वाचल के अकेले मेडिकल कॉलेज में पड़ोसी देश नेपाल के साथ बिहार और आसपास जिले के जेई व एइएस से पीडि़त मरीजों के आने का सिलसिला जारी है। 38 साल से हर वर्ष सैकड़ों मासूमों को मौत की नींद सुला रही ये बीमारी इस बार भी बेकाबू हो चुकी है। लगातार हो रही मौतों के बावजूद अभी तक बचाव और उपाय नदारद हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो अब तक 158 की मौतें हो चुकी है। जबकि, 833 मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पतालों में एडमिट हैं। मंडल के विभिन्न जिलों में 667 मरीज बीआरडी मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पताल में एडमिट हुए हैं। यहां के हालात देखे जाएं तो मौतों की संख्या काफी अधिक है।
होते रहे दौरे पर हुअा कुछ नहीं
- राज्य मंत्री चिकित्सा शिक्षा राधेश्याम सिंह ने 100 नंबर वार्ड का किया था इंस्पेक्शन। मरीजों को बेहतर इलाज का दिलाया था भरोसा।
- पिछले महीने शासन के निर्देश पर डीएम ने 100 बेड वार्ड का लिया जायजा। कमियां गिनाते हुए दूर करने की बात कही। साथ ही दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
- नवागत कमिश्नर ने इंसेफेलाइटिस मरीजों का जाना हाल, उन्हें स्वच्छ पानी पीने की दी सलाह। मातहतों से अन्य खामियां सुधारने का दिया था आदेश।
- राज्य मंत्री चिकित्सा शिक्षा राधेश्याम सिंह ने दूसरी बार इंसेफेलाइटिस वार्ड का किया निरीक्षण फिर जताया भरोसा।
- केंद्र से आई टीम ने एइएस क्या है इसके शोध के लिए इकट्ठा किए नमूने।
- दिल्ली, बंगाल समेत कई राज्यों से आए वैज्ञानिकों ने एइएस पर किया मंथन, नतीजा शोध के बाद।
- प्रमुख सचिव व एनएचएम महानिदेशक ने भी जाना हाल, फिर ओआरएल घोल और दवा की उपलब्धता की बात कह चले गए वापस। मातहतों को सुधरने का दिया था सख्त निर्देश।
- सदर सांसद योगी आदित्यनाथ ने भी इंसेफेलाइटिस मरीजों का जाना हाल। मेडिकल कॉलेज में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के आगमन की तैयारियों पर भी किया फोकस। इलाज की बेहतरी का जताया भरोसा।
जिलावार मौतों की संख्या
जिला भर्ती मौत
गोरखपुर 169 38
देवरिया 221 12
कुशीनगर 197 30
महराजगंज 89 9
बस्ती 13 3
संतकबीरनगर 32 11
सिद्धार्थनगर 33 8
बिहार 62 15
हर साल मौत का तांडव
वर्ष मौतें
2015 474
2014 675
2013 497
2012 608
2011 655
2010 543
2009 568
2008 515
2007 547
2006 434