- बीआरडी मेडिकल कॉलेज इमरजेंसी को बेसिक फोन बंद

- दीपावली में इमरजेंसी हालात को लेकर तैयारियों के दावे हैं झूठे

GORAKHPUR: दीपावली को लेकर बीआरडी में तमाम इंतजामों के दावे किए गए हैं। कहा जा रहा है कि किसी भी इमरजेंसी से निपटने के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं लेकिन हकीकत कुछ और ही है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन के दावों की जब आई नेक्स्ट ने पड़ताल की तो पता चला कि इमरजेंसी तैयारी तो छोडि़ए, यहां तो फोन लाइन के ही पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। हाल ये है कि इमरजेंसी सेवा के लिए यहां लगा लैंडलाइन नंबर काफी दिनों से बंद पड़ा है।

बिना इंतजाम चला रहे काम

शुक्रवार दोपहर 12.30 बजे त्योहार को लेकर बीआरडी की तैयारियों की हकीकत जानने आई नेक्स्ट रिपोर्टर ट्रामा सेंटर पहुंचा। यहां दो पेशेंट्स गंभीर हालत में बेड पर कराह रहे थे। तीमारदारों के चेहरे पर परेशानी साफ झलक रही थी। बात करने पर उन्होंने बताया कि डॉक्टर अभी देखकर गए हैं। इंजेक्शन लगना बाकी है। वहीं, केबिन में डॉक्टर और फार्मासिस्ट अपने काम में मशगूल थे। वार्ड ब्वॉय ने मरीजों को इंजेक्शन लगाया और फिर केबिन के अंदर गया। यहां फार्मासिस्ट बीएसटी फॉर्म भरने में लगे थे। यहां इमरजेंसी फोन लाइन के संबंध में जब कर्मचारियों से पूछा गया तो उनका कहना था कि ट्रामा सेंटर में फिलहाल इमरजेंसी कॉल के लिए कोई सुविधा नहीं है। यहां लगा बेसिक फोन काफी समय से खराब पड़ा है। किसी से बात करनी ही तो कर्मचारी अपने मोबाइल से ही काम चलाते हैं।

और कट गया फोन

कर्मचारियों की बत सुन रिपोर्टर ने जब इमरजेंसी लाइन पर कॉल किया तो बार-बार कॉल डिस्कनेक्ट हो जा रही थी। एक कर्मचारी ने बताया कि बेसिक फोन काफी दिनों से खराब था। कुछ दिन पहले ठीक कराया गया, लेकिन फिर खराब हो गया है।

बंदर को दे रहे दोष

वहीं, रिपोर्टर ने जब इस संबंध में बीआरडी के जिम्मेदारों से बात करने की कोशिश की तो वे लाइन खराब होने का ठीकरा बंदरों के सिर फोड़ने लगे। एसआईसी एके श्रीवास्तव का कहना है कि जब भी लाइन ठीक कराई जाती है, बंदर तार तोड़ देते हैं। यही कारण है कि इमरजेंसी का फोन खराब पड़ा है। उनका कहना है कि जल्द इसे ठीक कराया जाएगा। लेकिन त्योहार में होने वाले हादसों को बिना इमरजेंसी नंबर मेडिकल प्रशासन कैसे हैंडल करेगा, इसका जवाब उनके पास भी नहीं था।

जिला अस्पताल में है सुविधा

इमरजेंसी के लिए जिला अस्पताल में लगाए गए लैंडलाइन फोन को समय रहते ठीक करवाया गया है। फोन ठीक होने से जहां अब सूचनाएं मिलनी शुरू हो गई हैं। वहीं, मरीज के साथ आए तीमारदारों को भी भी सहुलियत हुई है।

वर्जन

लैंडलाइन फोन को हर बार ठीक करवाया जाता है लेकिन बंदर के आतंक की वजह से तार टूट जाते हैं। इसके लिए कंप्लेन की गई है। जल्द ही ठीक हो जाएगा।

- एके श्रीवास्तव, एसआईसी