- जिले में 100 में केवल 48 कंज्यूमर्स जमा कर रहे बिजली का बिल

- 52 लोगों को बिजली सेंटर्स तक लाने के लिए प्रयास कर रहा विभाग

GORAKHPUR: बिजली बिल, विभाग के अफसरों के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। लाख कवायद के बाद भी बिल वसूली में गोरखपुर अब भी पिछड़ा साबित हो रहा है। पिछले एक साल से बिजली बिल वसूली के लिए ऑफिस में बैठने वाले अफसर डोर-टू-डोर चक्कर लगा रहे हैं। लाख कोशिशों के बाद भी विभाग अपने टारगेट को पूरा करने में असफल साबित हो रहा है।

सभी नहीं जमा करते बिल

बिजली विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले में लगभग 4.50 लाख कंज्यूमर्स हैं। इनमें 90 हजार शहरी कंज्यूमर्स के घर हर माह और लगभग 3.10 लाख ग्रामीण कंज्यूमर्स के घरों में प्रत्येक दूसरे माह बिजली का बिल पहुंचता है। बिजली विभाग के राजस्व विभाग का कहना है कि इनमें हर माह लाभ 1.75 लाख कंज्यूमर्स हर माह अपना बिल जमा करते हैं। इसकी वजह से बिजली प्रॉपर नहीं मिल पाती और लोगों को भीषण कटौती झेलनी पड़ती है। अगर बिल जमा करने वाले कंज्यूमर्स की संख्या तीन लाख के उपर पहुंच जाए तो बिजली विभाग जो लॉस में जा रहा है उससे उबर जाता, लेकिन कंज्यूमर्स के बिल जमा करने की वालों की संख्या कम होने के कारण बिजली सप्लाई भी प्रभावित हो रही है।

गांव में दूर और शहरों भीड़

ग्रामीण अंचल में बिजली बिल जमा करने वाले सेंटर्स बहुत दूर पर हैं तो शहरों में बिजली बिल जमा करने वाले सेंटर्स की कमी। इसकी वजह से बिलिंग सेंटर्स पर बहुत अधिक भीड़ जमा हो जाती है। वहीं अक्सर सेंटर्स की इंटरनेट कनेक्टिविटी फेल होने से लोग बिल जमा करने के लिए जाते तो हैं, लेकिन उन्हें बगैर बिल जमा करे ही वापस लौटना पड़ता है। वहीं शहर में बिलिंग रिकॉर्ड को देखें तो 1.43 लाख कंज्यूमर्स में 90 हजार कंज्यूमर्स का बिल हर माह बनता है, जिसमें से केवल 45 हजार लोग ही बिल जमा करने पहुंचते हैं। इस 45 हजार में से हर माह केवल 38 हजार कंज्यूमर्स बिल जमा करते हैं, जबकि सात हजार कंज्यूमर्स दो या तीन माह गैप करके बिल जमा करते हैं।

कैंप और अभियान का सहारा

बिजली विभाग अपने बिल की अधिक से अधिक वसूली करने के लिए कई योजनाएं चला रहा है। कंज्यूमर्स को बिल जमा करने के लिए विभाग का चक्कर न लगाना पड़े, इसके लिए समय-समय पर मोहल्लों और गांवों में कैंप लगाया जाता है और बिल वसूली के लिए अभियान भी चलाया जाता है। इस अभियान के बाद भी बिल जमा करने वाले कंज्यूमर्स की संख्या नहीं बढ़ रही है।