- ओटीएस का लाभ देकर वसूलने थे 184 करोड़ रुपए
- अफसरों ने नहीं दी कंज्यूमर्स को जानकारी
GORAKHPUR: बिजली बिल के सरचार्ज (एक मुश्त सामाधान योजना)में 100 प्रतिशत की छूट अफसरों की लापरवाही की भेंट चढ़ गई। पिछले 45 दिन से चल रही बिजली विभाग की इस महत्वाकांक्षी योजना के बारे में कंज्यूमर्स को जानकारी न होने के कारण मात्र 24 हजार कंज्यूमर्स ही इसका लाभ ले सके हैं। अगर इस योजना का प्रचार-प्रसार हुआ होता और कंज्यूमर्स को जोड़ा गया होता, तो बिजली विभाग को जहां करोड़ों रुपए का फायदा होता। वहीं जिले में लगभग 1.63 लाख कंज्यूमर्स को भी हजारों रुपए की बचत होती।
प्रचार-प्रसार के बिना छूटे पीछे
ग्रामीण अंचल में इस योजना का प्रचार-प्रसार न होने के कारण कंज्यूमर्स को ओटीएस स्कीम के बारे में जानकारी नहीं हो सकी। ग्रामीण अंचल के एक एसडीओ ने बताया कि हमने प्रचार वाहन मांगे थे, लेकिन चीफ ऑफिस से आदेश आ गया कि आप अपने खर्च से प्रचार कर सकते हैं, विभाग इसके लिए पैसा नहीं देगा। इसकी वजह से योजना का प्रचार-प्रसार नहीं हो सका। वहीं दूसरी तरह केवल 24027 हजार कंज्यूमर्स के पंजीयन की सूचना मिलने पर पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम के एमडी ने लोकल अफसरों की जमकर क्लास ली है। अफसर अगर सक्रिय हुए होते तो विभाग को लगभग 100 करोड़, वहीं कंज्यूमर्स को करीब 50 करोड़ रुपए का फायदा मिलता।
क्या पूरा हो पाएगा टारगेट?
पिछले साल ओटीएस योजना शहर और ग्रामीण दोनों अंचलों में शुरू किया गया था। जिसमें करीब एक अरब रुपए वसूली हुई थी। जिसमें 60 करोड़ रुपए केवल ग्रामीण अंचल से थे। उस हिसाब से देखें तो इस साल अभी तक केवल 7 करोड़ रुपए की वसूली हो पाई है। अगर यही हाल रहा तो इस योजना में मात्र तीन दिन बचे हुए हैं, ऐसे में पिछले साल के टारगेट के आधा भी नहीं पहुंच पाएगा।
खंड बकाया पंजीकरण संख्या जमा धनराशि
ग्रामीण विद्युत वितरण खंड 159.13 करोड़ 24027 7.09 करोड़
ओटीएस योजना के तहत कंज्यूमर्स को रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कहा जा रहा है। अब जिले के ग्रामीण अंचल में जो भी 10 हजार रुपए से अधिक के बकायदार हैं, उनका कनेक्शन काटने के सभी जेई को टारगेट दे दिया गया है। मार्च क्लोजिंग तक हम लोग 100 करोड़ का पार कर जाएंगे।
डीके सिंह, चीफ इंजीनियर, गोरखपुर जोन