- स्टर्लिग कंपनी के कर्मचारियों ने बनाया गड़बड़ बिल
- सबसे ज्यादा गड़बड़ी महानगर विद्युत वितरण निगम के प्रथम खंड में
GORAKHPUR: बिजली का बिल बनाने वाली कम्पनी सिटी केकंज्यूमर्स को बिजली विभाग के आफिस का चक्कर लगाने के लिए मजबूर कर रही हैं। स्थिति यह है कि सिटी में कभी बिल नहीं निकलता है तो कभी बिल पहुंचता है तो बिल देखकर कंज्यूमर्स के पसीने छूटने लगते हैं। मई माह में सिटी के लगभग 18 हजार कंज्यूमर्स के बिल में गड़बड़ी हुई है। हालांकि अभी इसकी जानकारी केवल अफसरों तक है, क्योंकि इसमें अधिकांश बिल कंज्यूमर्स के यहां नहीं पहुंचा है। जैसे ही यह बिल 18 हजार कंज्यूमर्स के यहां पहुंचेगा। इसमें महानगर विद्युत वितरण निगम के प्रथम खंड में 8 हजार, द्वितीय खंड में 7 हजार और तृतीय खंड में 3 हजार कंज्यूमर्स को करंट लगेगा है।
100 कर्मचारियों की कमी
महानगर विद्युत वितरण निगम के एसई आरआर सिंह का कहना है कि स्टर्लिग कंपनी के साथ विभाग का जो अनुबंध हुआ है, उसमें कहा गया है कि सिटी में बिलिंग करने के लिए लगभग 172 कर्मचारी चाहिए, लेकिन अभी तक कंपनी ने केवल मात्र 72 कर्मचारियों की तैनाती की है। जिसके कारण बिलिंग की स्थिति गड़बड़ाई है। इसको लेकर कंपनी को पत्र भी लिखा गया है कि वह अपनी स्थिति ठीक कर लें, नहीं तो अनुबंध रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।
टेबल बिलिंग की कंप्लेन आने पर मंडे को स्टर्लिग कंपनी से बात की गई है। उनको चेतावनी भी दी गई है कि जल्द से जल्द अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ा ले और पूरे कंज्यूमर्स की बिलिंग शुरू कर दें। कंपनी वाले जल्द ही कोई कदम नहीं उठाते हैं तो उच्चाधिकारियों को कंप्लेन किया जाएगा।
आरआर सिंह, एसई महानगर विद्युत वितरण निगम