- पार्ट पेमेंट करने पर ऑनलाइन अपडेट नहीं कर रहे विभाग के कर्मचारी
- कंज्यूमर्स जमा कर रहे पैसा लेकिन शो कर रहा पूरा बकाया
GORAKHPUR: बिजली विभाग अपने कारनामों को लेकर अक्सर चर्चा में रहता है। विभाग कंज्यूमर्स को प्रॉपर बिजली सप्लाई तो नहीं ही दे पा रहा, बिल देने और बकाया जमा करने में भी लापरवाही बरत रहा है। हालत यह है कि पार्ट पेमेंट करने वाले कंज्यूमर्स का बिल ही अपडेट नहीं हो पा रहा। मसलन, यदि किसी कंज्यूमर्स का दस हजार रुपए बकाया है और उसने पांच हजार रुपया जमा कर दिया तो भी उसका बिल 10 हजार से नीचे नहीं जा रहा। काउंटर पर बैठे कर्मचारी कंज्यूमर्स को केवल एक रसीद थमा दे रहे हैं। यदि यह रसीद भूल गई तो फिर कंज्यूमर्स का पैसा डूबा समझिए। बिजली विभाग की इस लापरवाही के कारण कंज्यूमर्स परेशानी से जूझ रहे हैं।
12 हजार से अधिक हैं परेशान
फरवरी से लेकर अभी तक 12 हजार से अधिक कंज्यूमर्स ने पार्ट पेमेंट के रूप में पैसा जमा किया है लेकिन इनमें अधिकांश कंज्यूमर्स के बिल से वह राशि कम नहीं की गई। यानी पैसा जमा होने के बाद भी बिल वही रहा। बिजली विभाग की इस लापरवाही का खामियाजा पब्लिक को भुगतना पड़ रहा है। पैसा जमा करने के बाद पब्लिक डेली विभाग के ऑफिस का चक्कर लगा रही है ताकि उसका बिल सुधर जाए। लोगों को यह भी डर है कि यदि उन्हें दी गई रसीद खो गई तो विभाग यह कैसे मानेगा कि उन्होंने उसे रुपए जमा किए। कर्मचारी इसकी कहीं ऑनलाइन फीडिंग कर ही नहीं रहे।
कहने को है ऑनलाइन
बिजली विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही से पब्लिक परेशान है। जब पब्लिक पार्ट पेमेंट जमा करती है तो उसको एक्सईएन के लॉगइन से परमिशन लेनी पड़ती है। इसके बाद पार्ट पेमेंट जमा करने पर कंज्यूमर्स से 350 रुपए आरसीडीसी चार्ज भी लिया जाता है। कर्मचारी इसमें खेल कर देते हैं। बिना एक्सईएन की स्वीकृति के ही पार्ट पेमेंट जमा कर लेते हैं और इस डर से डाटा का ऑनलाइन नहीं करते हैं कि कोई अधिकारी इसे देख न ले। अधिकारियों से अपनी करतूत छुपाने के चक्कर में कर्मचारी पब्लिक को परेशान कर रहे हैं।
केस नंबर 1
गंगा नगर कॉलोनी निवासी रीता द्विवेदी को फरवरी माह में 12 हजार रुपए का बकाया बिल आया। जिस पर उन्होंने सात हजार रुपए पार्ट पेमेंट जमा कर दिया। उसके बाद मई माह में उनके यहां 16 हजार रुपए का बिल आया। जुलाई माह में उनका बकाया बिल 20 हजार रुपए हो गया। पीपी पैसा जमा करने के बाद रीता द्विवेदी के घर जो भी बिल आया, उसमें कहीं भी जमा पीपी पैसे ही जानकारी नहीं दी गई थी। अब वह परेशान होकर विभाग का चक्कर लगा रहीं है।
केस नंबर 2
महादेवपुरम कूड़ाघाट के रहने वाले अश्वनी दूबे पर 25 हजार रुपए बकाया था। मार्च माह में बिजली चेकिंग करने गई टीम ने बिजली काट दिया, उसके बाद उन्होंने 12 हजार रुपए जमा किया। इससे कनेक्शन तो जुड़ गया लेकिन जुलाई में उनके यहां बिल गया तो 19790 रुपए बकाया था। हुआ यह कि बिल में 12 हजार जमा रुपए जोड़े ही नहीं गए। अब वह बिल सुधरवाने के लिए विभाग का चक्कर लगा रहे हैं।
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