- अब गांवों में भी लगेगे मीटर, होगी यूसेज की मॉनिटरिंग
- जिले के 3 लाख कंज्यूमर्स को देना होगा यूनिट वाइज चार्ज
- होगी बिजली की बचत तो 3 घंटे एक्स्ट्रा रोशन होंगे गांव
द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : प्रदीप गोरखपुर सिटी में रहकर पढ़ाई करता है। दो दिन छुट्टी थी तो वो पिपराइच स्थित अपने गांव आ गया। शाम को खाना बनने लगा तो प्रदीप ने देखा कि मां हीटर पर खाना बना रही है। उसने मां को टोकते हुए कहा, अम्मा अब हीटर इस्तेमाल करना बंद कर दो नहीं तो तगड़ा झटका लग सकता है। कैसा झटका, मां ने पूछा तो प्रदीप ने बताया कि अब गांवों में भी बिजली के लिए मीटर लगने जा रहा है। यानि आप जितनी बिजली खर्च करेंगे, उतना पैसा देना पड़ेगा। अब बिजली जलाने की नहीं, बिजली बचाने के बारे में सोचिए। हां, इससे एक फायदा जरूर होगा। आपको करीब 3 घंटे एक्स्ट्रा बिजली मिलेगी, वो भी रोज। जी हां, गोरखपुर के गांवों में अब कुछ ऐसी ही हलचल है। बिजली बचाने के लिए लोगों ने हीटर, पानी की मोटर और बल्ब का यूज बंद कर दिया है।
महंगा पड़ेगा नया कनेक्शन लेना
रूरल एरियाज में बिजली की खपत कम करने के लिए मीटर लगाने के फरमान के साथ ही कनेक्शन लेना भी महंगा कर दिया गया है। पहले रूरल एरिया में कनेक्शन के लिए 1350 रुपए देने होते थे, वहीं अब लोड के हिसाब से कनेक्शन चार्ज वसूला जाएगा। हालांकि पुराने कंज्यमर्स के लिए थोड़ी राहत है। इलेक्ट्रिसिटी कॉर्पोरेशन जो भी कनेक्शन चार्ज वसूलता है, उसमें मीटर कॉस्ट इंक्लूडेड होती है। इसलिए रूरल एरियाज में पुराने कंज्यूमर्स से मीटर चार्ज नहीं लिया जाएगा। चीफ इंजीनियर डीके सिंह ने बताया नए कंज्यूमर्स के साथ-साथ पुराने कंज्यूमर्स के यहां भी मीटर लगाया जाएगा। नए कंज्यूमर्स को 900 रुपए मीटर चार्ज देना होगा, जबकि पुराने कंज्यूमर्स को कोई चार्ज नहीं पे करना है। इन एरियाज में मीटर लगाने के लिए पेपर वर्क शुरू हो चुका है। दिसंबर के पहले हफ्ते में मीटर लगाने का काम शुरू हो जाएगा।
रूरल एरियाज में कुछ यूं मिलेंगे नए कनेक्शन
लोड (किलोवाट में) प्रक्रिया शुल्क सिस्टम लोडेड चार्ज सिक्योरिटी सर्विस चार्ज
1 50 रुपए 150 रुपए 350 रुपए 300 रुपए
2-4 100 रुपए 200 रुपए 350 रुपए 300 रुपए
5 या ज्यादा 200 रुपए 300 रुपए 350 रुपए 2000 रुपए
नोट- नए कंज्यूमर्स को 900 रुपए बतौर मीटर चार्ज देना होगा।
यूसेज के मुताबिक होगी बिलिंग
यूसेज प्रति यूनिट चार्ज
0-150 4 रुपए
151-300 4.50 रुपए
301-500 5 रुपए
501 से अधिक 5.50 रुपए
कॉमर्शियल 6 से 6.50 रुपए
तो 3 घंटे ज्यादा होगी रोशनी
रूरल एरियाज में मीटर लगने का सबसे ज्यादा फायदा बिजली विभाग को ही होगा। दरअसल मीटर न लगा होने के चलते ग्रामीण एरियाज के कंज्यूमर्स से हर दूसरे महीने 445 रुपए का फिक्स्ड चार्ज बतौर बिजली बिल लिया जाता है। वहीं गोरखपुर जोन के चीफ इंजीनियर डीके सिंह की मानें तो मीटर लग जाने से कम से कम 30 से 40 प्रतिशत बिजली की बचत होगी। फिक्स्ड मंथली चार्ज के चलते गांवों में बिजली की खपत खूब होती है। अक्सर लोग पंखे और बल्ब ऑन करके छोड़ देते हैं, कई घरों में तो खाना भी हीटर पर ही बनता है। इस वजह से यहां लो वोल्टेजी की प्रॉब्लम बनी रहती है। मीटर लग जाने के बाद रूरल एरियाज में भी लोग कम बिजली खर्च करने की ओर प्रोत्साहित होंगे। अगर पूरे डिस्ट्रिक्ट के करीब 3 लाख कंज्यूमर्स बिजली बचाना शुरू कर दें तो ग्रामीण एरियाज को 3 घंटे एक्स्ट्रा बिजली मिल सकती है।
गोरखपुर जिले को जितनी बिजली मिलती है उससे शहर में 18 से 20 घंटे और ग्रामीण अंचल को 14 से 16 घंटे बिजली दी जा सकती है, लेकिन गांवों में अनियंत्रित बिजली की खपत के कारण 12 घंटे तक ही बिजली मिल पाती है। ग्रामीण अंचल में मीटर लगने के आदेश के बाद उम्मीद है कि इन इलाकों में भी 3 घंटा एक्स्ट्रा बिजली मिल पाएगी।
डीके सिंह, चीफ इंजीनियर, गोरखपुर जोन, पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम