- पंचायत इलेक्शन के लिए कलेक्ट्रेट में बना कंट्रोल रूम

- बेमतलब शिकायतों से ड्यूटी कर्मचारियों की हो रही सांसत

GORAKHPUR : पंचायत चुनावों के कंट्रोल रूप में आ रही ऊल-जुलूल शिकायतें कर्मचारियों के लिए सांसत बन गई हैं। बेमतलब शिकायतों का कोई जवाब कर्मचारियों को नहीं सूझ रहा। ऐसे मामलों को कर्मचारी नजरअंदाज कर रहे हैं, लेकिन उनकी टेंशन कम नहीं हो रही।

28 अगस्त को शुरू हुआ कंट्रोल रूम

पंचायत चुनाव को देखते हुए कलेक्ट्रेट कैंपस स्थित नागरिक सुरक्षा कोर के दफ्तर में कंट्रोल रूम की स्थापना की गई। 28 अगस्त को सीडीओ कुमार प्रशांत ने इसका शुभारंभ किया। वायरलेस सेट लगाने के साथ कंट्रोल रूम में बेसिक फोन इंस्टाल करके उसका नंबर भी सार्वजनिक किया गया ताकि पंचायत चुनाव में किसी तरह की गड़बड़ी की शिकायत को दूर करने में मदद मिल सके। चार सितंबर तक कंट्रोल रूम में 24 शिकायतें दर्ज की गई। कर्मचारियों ने उन शिकायतों को दर्ज किया जो पंचायत चुनाव के लिहाज से जरूरी थीं।

खेत मेड़ के झगड़े, सास-बहू की शिकायतें

कंट्रोल रूम में तमाम ऐसी शिकायतें आ रही है जिनका पंचायत चुनाव से कोई लेना देना नही। कर्मचारियों का कहना है कि खेत मेड़ के झगड़े और सास-बहू की शिकायतें आ रही है। प्रधानी इलेक्शन के बहाने लोग एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगा दे रहे हैं। इनमें पूर्व प्रधान और प्रधानी का चुनाव लड़ने वाले लोग शामिल हैं। ऐसे कर्मचारी इस मुश्किल में पड़ जा रहे कि आखिर उनको दर्ज करें या छोड़ दें।

इस तरह की शिकायतें हो रही दर्ज

- दबंग व्यक्तियों के संबंध में शिकायत

- जानबूझकर नाम काटने और गलत नाम जोड़ने

- आरक्षण का प्रकाशन कब होगा, अभी कितना दिन लगेगा

- चुनाव कब होगा, आखिर चुनाव की डेट क्यों नहीं घोषित हो रही

- नाम जोड़ने के लिए क्या क्या करना होगा।

कंट्रोल रूम का फोन नंबर सार्वजनिक किया गया है इसलिए लोग शिकायतें दर्ज करा रहे हैं। ड्यूटी कर्मचारी हर फोन अटेंड करेंगे। पंचायत चुनाव से जुड़े मामलों पर गंभीरता से कार्रवाई की जाएगी।

कुमार प्रशांत, उप जिला निर्वाचन अधिकारी