- लोको पायलट को मार देने पर गोंडा स्टेशन पर खड़ी रही शहीद और बाघ
- 1 घंटे बवाल और अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद चल सकीं ट्रेंस
GORAKHPUR : रेल यात्री उपभोक्ता पखवाड़ा, वेंस्डे को रेलवे मिनिस्ट्री का यह अभियान बेमायने नजर आने लगा। रेलवे के गार्ड और आरपीएफ के जवान के बीच हुई हाथापाई में करीब 1.30 घंटे रेल पैसेंजर्स भारी गर्मी के बीच उबलते रहे, लेकिन उनके बारे में सोचने वाला कोई नहीं था। गोंडा स्टेशन पर हुए इस बवाल की वजह से तीन ट्रेंस भी डिस्टर्ब रहीं और तय शेड्यूल से लेट अपने डेस्टिनेशन को पहुंची। विभागीय अधिकारियों और पैसेंजर्स के बीच बचाव के बाद रेल संचलन दोबारा पटरी पर वापस आ सका।
टॉयलेट में घुसने पर शुरू हुई गर्मा-गर्मी
गोंडा के रहने वाले मेल-एक्सप्रेस के लोको पायलट बीवी त्रिपाठी लखनऊ डिविजन में 2007 से कार्यरत हैं। वह वेंस्डे को 14674 शहीद एक्सप्रेस लेकर गोरखपुर आ रहे थे। इस दौरान ट्रेन जब गोंडा जंक्शन पर पहुंची, तो वह टॉयलेट के लिए इंजन से सटे ब्रेक वैन में चले गए। इस बीच गोंडा आरपीएफ में तैनात रमेश यादव वहां पहुंचा और दरवाजा खट-खटाकर उन्हें बाहर निकलने के लिए कहने लगा। बीवी त्रिपाठी की मानें तो उन्होंने सिपाही को बताया कि वह इसी एक्सप्रेस के लोको पायलट हैं और टॉयलेट के लिए आए हैं, लेकिन सिपाही ने उनकी एक न सुनी और उन्हें अपशब्द कहने लगा।
बाहर निकलते ही बढ़ गई बात
टॉयलेट से निकलने के बाद दोनों के बीच बहस शुरू हो गई। लोको पायलट ने बताया कि बातचीत के दौरान ही आरपीएफ के सिपाही ने उनका कॉलर पकड़ लिया। बात बढ़ गई और दोनों के बीच हाथापाई शुरू हो गई। इस मामले में लोको पायलट का आरोप है कि सिपाही ने उन्हें काफी मारा है। वहीं गोंडा आरपीएफ प्रभारी एमके खान की मानें तो सिपाही ने बयान में बताया है कि लोको पायलट ने टॉयलेट से निकलने के बाद गुस्से में सिपाही को गाली दी और कॉलर पकड़ लिया। इसके बाद आरपीएफ के सिपाही को उन्होंने वॉकी-टॉकी से मारा है। ड्राइवर और सिपाही दोनों ने ही जीआरपी गोंडा में तहरीर दी है। जीआरपी मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।
1.30 घंटे खड़ी रही तीन ट्रेंस
मामले की सूचना मिलने पर गोरखपुर आ रही तीन ट्रेंस के ड्राइवर भी विरोध में वहीं रुक गए। सुबह 9.00 बजे से 10.44 तक तीन ट्रेंस हंगामे की वजह से स्टेशन पर खड़ी रही। इस दौरान लोको पायलट्स 14674 शहीद एक्सप्रेस के साथ ही 13020 बाघ एक्सप्रेस और मालगाड़ी भी गोंडा स्टेशन पर खड़ी कर सिपाही के निलंबन की मांग करने लगे। इस बीच पैसेंजर्स कड़ी धूप और गर्मी में ट्रेंस में ही उबलते रहे।
मैंने स्लीपर में रिजर्वेशन करा रखा है। करीब डेढ़ घंटे तक हंगामा होता रहा। गर्मी की वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
चंदन, पैसेंजर
मैं जयनगर जा रहा हूं। सिपाही और लोको पायलट, दोनों के बीच काफी देर तक हाथापाई हुई। अधिकारियों के आने के बाद मामला शांत हुआ।
गया प्रसाद, पैसेंजर