गोरखपुर (ब्यूरो)।रूल्स तोडऩे वाली गाडिय़ों को समझाकर हटाने की जगह उनकी फोटो खींचकर चालान कर जवान अपनी डयूटी निभा रहे हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने सोशल मीडिया की जरिए पब्लिक से जाम का कारण पूछा तो लोगों ने अपनी अलग-अलग प्रतिक्रिया दी। आइए जानते हैं पब्लिक जाम की वजह किसे मानती है।
ई-रिक्शा-ऑटो, अतिक्रमण जाम की वजह
सोशल मीडिया पर पूछे गए सवाल में मो। ताल्हा खान, ब्रिजेन्द्र सिंह, जय प्रकाश ओझा, पंडित अरविंद शास्त्री, बृजेश शुक्ला, सुनील गुप्ता और सतीश शुक्ला ने ई-रिक्शा-ऑटो, अतिक्रमण को शहर में जाम की वजह बताया है। इनका कहना है कि बीच सड़क पर कहीं भी ई रिक्शा और ऑटो रोककर पैसेंजर बैठाने लगते हैं। इन दोनों ही गाडिय़ों को नाबलिग भी चलाते दिख जाएंगे। सब्जी बेचने से लगाकर ठेला लगाने वाला भी जब मनचाहा ई रिक्शा लेकर सड़क पर निकल जा रहे हैं। उन्हें ट्रैफिक रूल के बारें में कुछ भी पता नहीं होता है जिसकी वजह से आए दिन जाम तो लगता ही है, साथ ही दुर्घटनाएं भी होती हैं।
पार्किंग में नहीं खड़ी करते गाड़ी
विवेक सराफ, जीतेन्द्र अग्रवाल जीतू, टीपू सैनी और हिमांशु हरीशंकर दूबे का कहना है कि शहर में पार्किंग होते हुए भी लोग गाड़ी सड़क पर ही खड़ी होती है। नो पार्किंग लिखा होने का भी कोई नतीजा नहीं निकलता है। इनकी वजह से सड़क पर जाम लगता है।
सड़क पर अतिक्रमण भी जिम्मेदार
डॉ। अमिताभ पाण्डेय, विष्णु स्वरूप श्रीवास्तव, अयूब खान, ब्रिजेन्द्र सिंह, सर्वेश चौरसिया ने लिखा है कि सड़क पर अतिक्रमण जस का तस रहता है। सड़क पर आधे हिस्से पर ठेला और बेतरतीब खड़ी प्राइवेट और टैक्सी गाडिय़ां खड़ी रहती हैं। जब कोई वीआईपी आता है तब इन्हें हटाया जाता है। इनकी वजह से लगे जाम की वजह से पब्लिक रोज परेशान होती है लेकिन रेगुलर की इस समस्या को कोई समाधान नहीं होता है।
फेसबुक पर फूटी पीड़ा
अल्का होरा ने लिखा कि सही तरीके से ट्रैफिक रूल का पालन न करना, सरकारी बस और ऑटो रिक्शा रोड पर रोकर सवारी उतारना और बैठाना। इसकी सजा सख्त हो, जब ये सुधरेंगे तब अपने आप जाम खत्म हो जाएगा।
अभिषेक नायक ने लिखा कि मोहद्दीपुर चौराहे पर अंडर पास की जरूरत है। यहां पर जाम झेल पाना बहुत मुश्किल है। एक बार में लंबी-लंबी लाइन लगती है। जबकि शहर का एयरपोर्ट और एम्स का रास्ता भी यही एक मात्र है।
उमैर खान ने लिखा कि शहर के अंदर अभी भी अधिकतर जगहों पर पतले रास्ते हैं। ऐसे रास्तों पर फोर व्हीलर की नो एंट्री होनी चाहिए। या फिर दिन में वन वे कर देना चाहिए। तभी जाम से निजात मिल पाएगा।
अभिषेक गुप्ता ने लिखा कि
18 साल से कम उम्र के बच्चे भी बिना हेलमेट लगाए बाइक लेकर फर्राटा भर रहे हैं। अगर कोचिंग स्कूल में ये बैन कर दिया जाए तो इससे भी जाम में कमी आएगी।
ट्विटर पर आई प्रतिक्रिया
@aforaditya गोरखनाथ से बरगदवां जाने वाली सड़क शाम को आधी हो जाती है। आधी सड़क पर अवैध अतिक्रमण हो जाता है। जो डेली जाम का कारण बनता है।
@Anilsahnigkp गोरखपुर शहर को जाम से निजात पाना है तो हाबर्ट बांध और माधोपुर बांध को फोरलेन में बदलना होगा। इससे गोरखनाथ से बेतियाहाता, बक्शीपुर और रूस्तमपुर भी जा सकते हैं।
@Anilkum32908540 सड़कों पर लगी दुकाने, अवैध टैक्सी स्टैंड का संचालन जाम को बढ़ावा दे रहा है। ऐसा करने और करवाने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। यही सब कुछ जाम के जिम्मेदार हैं।
@VivekSingh0240 ट्रैफिक रूल के प्रति जानकारी का अभाव, शहरवासियों का गैर जिम्मेदाराना रवैया, शहर के प्रमुख चौराहों पर होने वाला अतिक्रमण।