गोरखपुर (ब्यूरो).सिटी की प्रमुख सड़कों का चौड़ीकरण हो गया। यातायात भी सुलभ हो गया, लेकिन वार्ड के भीतर की सड़कों का बुरा हाल है। गड्ढे में तब्दील हो चुकी सड़कें और उखड़ी हुई सड़कों के लिए नगर निगम ने टेंडर भी निकाला है, लेकिन काम नहीं शुरू हो सके। ठेकेदार भी बजट नहीं मिलने का रोना रहे हैैं। ऐसे में मोहल्ले के लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
लचर स्वास्थ्य सेवाएं
जिला अस्पताल व जिला महिला अस्पताल छोड़ बाकी के पीएचसी-सीएचसी पर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं लचर हैैं। शासन-प्रशासन की तरफ से तमाम संसाधन मुहैया कराने के बाद भी पीएचसी-सीएचसी पर आने वाले मरीजों को सुविधाओं से वंचित कर दिया जाता है। आलम यह है कि समय से डाक्टर नहीं बैठते हैैं।
भ्रष्टाचार
हेल्थ डिपार्टमेंट व रजिस्ट्री डिपार्टमेंट हो या फिर आरटीओ आफिस। अक्सर यहां करप्शन के मामले सामने आते हैं। रजिस्ट्री डिपार्टमेंट में जहां रजिस्ट्री के नाम पर धनउगाही का खेल बदस्तूर जारी है। वहीं, आरटीओ दफ्तर में लाइसेंस और टैक्स जमा के नाम पर करप्शन जारी है। तत्कालीन डीएम विजय किरण आनंद ने स्टिंग आपरेशन के जरिए इसका खुलासा भी कराया था।
जलसंकट
हर घर जल योजना के तहत सभी को पानी उपलब्ध कराए जाने की प्लानिंग है, लेकिन सिटी के दर्जन भर से अधिक वार्ड हैैं, जहां वाटर सप्लाई की आज तक व्यवस्था जिम्मेदार नहीं सके हैैं। वह भी तब जब चार साल पहले ही बेतरतीब सड़कें खोंदकर पाइप लाइन बिछाई जा चुकी है। बावजूद इसके पब्लिक को कोई लाभ नहीं मिल सका।
बेतरतीब परिवहन
यूनिवर्सिटी चौराहे से रेलवे स्टेशन जाने वाली सड़क पर बेतरतीब खड़ी होने वाली रोडवेज बसों को डिपो के भीतर नहीं कराया जा सका। जबकि पीपीपी मॉडल के तहत बस स्टेशन को बनाया जाना था। आलम यह है कि एक साइड की सड़क पर रोडवेज बस ड्राइवर कब्जा किए रहते हैैं। वहीं डग्गेमार बसों का संचालन आरटीओ डिपार्टमेंट स्टेशन रोड के आसपास से नहीं हटा सका है।
ट्रैफिक जाम
गोरखपुर शहर के 21 चौराहे पर कैमरे लगाकर ट्रैफिक मैनेज किया जा रहा है। लेकिन आज भी जाम के झाम से निजात नहीं मिल सकी है। शहर के मोहद्दीपुर, असुरन, बेतियाहाता, टीपी नगर, गोलघर और खासतौर से पुराने शहर के इलाके अलीनगर, रेतीचौक, घंटाघर, बक्शीपुर में भी जाम की स्थिति बनी रहती है।
महिला अपराध
बीते दिनों गोरखपुर में लगातार कई जगहों पर गैंगरेप की घटना सामने आई। वहीं छेड़छाड़ और रेप के मामले भी आते रहे। छेड़छाड़ की घटना से भी शहर शर्मशार हुआ है। वहीं एक तरफ महिला शक्ति दल महिलाओं को अवेयर कर रहा है। लेकिन उसका असर अभी कहीं दिख नहीं रहा है। कई मामले में तो पीडि़त महिला न्याय के लिए भी दौड़ती भागती रहती हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं होती।
दागदार शिक्षा
गोरखपुर में सरकारी स्कूलों में फ्री में शिक्षा देने के लिए महंगे टीचर हैं। वहीं, कुछ स्कूल के टीचर और उनके काम दिखते हैं। अधिकतर स्कूलों में आज भी टीचर गायब रहते हैं। वहां पर चपरासी या किराए के टीचर से काम चल रहा है। वहीं इधर तो कई स्कूलों में महिला टीचर और छात्राओं के साथ छेड़खानी की घटनाएं भी हुई हैं। ये कलंक आखिर कब धुलेगा।
अधूरी खेल सुविधाएं
गोरखपुर में खेल को बढ़ावा देने के लिए कागज पर तो ढेरों प्रोजेक्ट आए। लेकिन सही मायने में गोरखपुर में खेलने के लिए गिने चुने ही ग्राउंड हैं। जहां पर रजिस्ट्रर्ड प्लेयर ही प्रैक्टिस करते हैं। वहीं गली मोहल्ले के खिलाड़ी के अंदर प्रतिभा होने के बाद भी वे ग्राउंड और सुविधा के अभाव में उनका टैलेंट दम तोड़ दे रहा है। खेल में अभी भी गोरखपुर सुविधाओं के मामले में अन्य महानगरों से काफी पीछे है।
महंगाई
बढ़ती महंगाई ने आम आदमी का बजट बिगाड़ रखा है। बाजारों में खाने का तेल, कपड़े धोने के उत्पाद, बिस्कुट और चॉकलेट समेत कई जरूरी वस्तुओं की बिक्री में 5 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसके अलावा पर्सनल हाइजीन प्रॉडक्ट्स की बिक्री भी कम हुई है। सीए राशिद मुस्तफा ने बताया, हाल ही में एक रिपोर्ट में कहा गया है कि गिरावट दिसंबर 2021 और जुलाई 2022 के बीच दर्ज की गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़ी संख्या में ग्रामीण उपभोक्ता घरेलू बजट बनाए रखने के लिए ब्रांड के छोटे पैक खरीद रहे हैं।
दशहरा आज, अहंकार का होगा अंत
दशहरा पर्व बुधवार को धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाएगा। दशहरे पर रावण का पुतला जलाया जाएगा। सिटी के बर्डघाट स्थित रामलीला ग्राउंड और मानसरोवर रामलीला ग्राउंड में दशहरा आयोजित होगा। मंगलवार को देर शाम तक रावण के पुतलों को फाइनल टच देने का काम जारी रहा। दशहरा पर्व पर शहर में शोभायात्रा निकालने की भी तैयारी है।