गोरखपुर (ब्यूरो)।परिवहन विभाग 50 सीसी व उससे कम क्षमता वाले वाहनों को ही बिना गियर वाला मानता है और इन वाहनों को चलाने के लिए 16 से 18 वर्ष की आयु वाले किशोर का ही बिना गियर वाला ड्राइविंग लाइसेंस जारी करता है।
आवेदन में कमी नहीं
इसे जानकारी का अभाव कहें या विभागीय उदासीनता, आरटीओ ने भले ही विदआउट गियर वाला ड्राइविंग लाइसेंस बनाना बंद कर दिया है, लेकिन आवेदन में कमी नहीं आ रही है। गोरखपुर आरटीओ को ही बिना गियर वाले ड्राइविंग लाइसेंस के लिए प्रत्येक माह 60 से 70 आवेदन प्राप्त होते हैं। 16 से 18 वर्ष के किशोर ही नहीं वरिष्ठ जन भी आवेदन करते रहते हैं। लाइसेंस नहीं बनता है तो वे चालक प्रशिक्षण केंद्र चरगांवा भी पहुंच जाते हैं.आवेदन निरस्त होने के साथ उनका फीस वापस नहीं होता।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल्स मैन्यूफैक्चर्स (सियाम) ने शासन को अवगत करा दिया है कि उसने 50 सीसी से कम क्षमता वाले दो पहिया वाहनों का निर्माण ही बंद कर दिया है। सियाम की इस जानकारी, शासन की सख्ती और आरटीओ के नियमों ने प्रत्यक्ष तो नहीं लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से बिना गियर वाला ड्राइविंग लाइसेंस जारी करना बंद कर दिया है। जानकारों का कहना है कि जब 50 सीसी से कम क्षमता वाले वाहन ही नहीं है तो लाइसेंस किसके लिए। हालांकि, शासन का कहना है कि अगर अभ्यर्थी या उनके परिजन के नाम से 50 सीसी से कम क्षमता वाला दो पहिया वाहन रजिस्टर्ड है तो बिना गियर वाला ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जा सकता है, लेकिन 50 सीसी से अधिक क्षमता वाले वाहनों के लिए विदआउट गियर वाला ड्राइविंग लाइसेंस जारी नहीं किए जाएंगे। जिले में 16 से 18 वर्ष तक के किशोरों के नाम 50 सीसी से कम क्षमता वाले दो पहिया वाहन हैं ही नहीं। अगर किसी के परिजन के नाम रजिस्टर्ड हैं वह चलने लायक नहीं (अनफिट) हैं।
नई व्यवस्था के तहत अभ्यर्थी या उनके परिजन के नाम 50 सीसी से कम क्षमता वाला दो पहिया वाहन रजिस्टर्ड होने पर ही 16 से 18 वर्ष के किशोरों का विदआउट गियर वाला ड्राइविंग लाइसेंस बनेगा।
- राघव कुशवाहा, डीटीआई, आरटीओ चरगांवा