- रूट डायवर्जन के प्लान की वजह से बढ़ी पैसेंजर्स की मुश्किलें

- पेशेंट्स की बढ़ी प्रॉब्लम, वहीं इंटरव्यू और नौकरी के लिए जाने वालों को फेस करनी पड़ी परेशानी

- रोड जाम होने की वजह से एलपीजी ट्रक भी रास्ते में फंसे, वेंस्डे को कंज्यूमर्स ने किया प्रदर्शन

GORAKHPUR : प्लानिंग जितनी सटीक हो, राहें उतनी ही आसान हो जाती हैं। अयोध्या में शिवभक्तों के हुजूम और उन राहों से गुजरने वाले मुसाफिरों की प्रॉब्लम को कम करने के लिए गवर्नमेंट ने रूट डायवर्जन का प्लान बनाया। स्मूदली टै्रफिक कंट्रोल करने के लिए सिटी में जगह-जगह इसके लिए इंतजाम भी किए, मगर बड़े हुजूम को कंट्रोल करने की यह प्लानिंग औंधे मुंह गिर गई। रूट डायवर्जन तो हुआ, लेकिन इस प्लान से पब्लिक को बजाए राहत के दर्द ही मिला। प्लानिंग फेल्योर होने से जहां बसों के चक्के थमकर बढ़े, तो वहीं मरीजों को खासी सांसत झेलनी पड़ी। इतना ही नहीं पांच दिनों से चल रही गैस की किल्लत भी यूं ही जारी रही।

रोडवेज बसों की राहें हुई तंग

गोरखपुर से लखनऊ की राह पर जाने वाले मुसाफिरों के लिए रोडवेज काफी अहम साधन है। इंटरव्यू, कॉलेज और नौकरी के लिए लखनऊ जाने वाले लोगों की प्लानिंग धरी की धरी रह गई। बसों के डायवर्जन से जहां सफर मुश्किल हो गया, वहीं बस स्टेशन पर मुसाफिर जाने के साधन देखते नजर आए। रूट डायवर्जन से सबसे ज्यादा परेशानी मरीजों को हुई। लखनऊ रेफर होने वाले पैसेंजर्स भी दिक्कतों के साथ लखनऊ पहुंचे। मंडे नाइट लखनऊ के लिए रेफर पेशेंट को छोड़कर आए एंबुलेंस ड्राइवर बलराम पटवार ने बताया कि उन्हें रूट डायवर्ट होने की वजह से रोका तो नहीं गया, लेकिन रोड के दोनों ओर भारी भीड़ की वजह से एंबुलेंस की स्पीड कंट्रोल कर चलानी पड़ी, जिससे 4 घंटे का सफर 6 घंटों में पूरा हुआ। वहीं इलाहाबाद रूट भी डायवर्जन की वजह से लोगों को 14 किमी एक्स्ट्रा सफर करना पड़ रहा है। आंकड़ों पर नजर डालें तो इन दो दिनों में डेली करीब 200 बसों पर इफेक्ट पड़ा, वहीं इससे दो दिनों में करीब 20 हजार से ज्यादा पैसेंजर्स प्रभावित हुए। इतना ही नहीं रूट डायवर्जन का एक साइड इफेक्ट यह भी पड़ा कि पैसेंजर्स को अपनी जेब भी आम दिनों के मुकाबले ज्यादा ढीली करनी पड़ी।

रूट डिस्टर्बेस की वजह से बढ़ी एलपीजी क्राइसिस

रूट डायवर्जन ने जहां राहें तंग कर रखीं है, वहीं इसकी वजह से घरों में चूल्हे भी ठंडे पड़ गए हैं। सभी गैस एजेंसीज पर टाइमली गाडि़यां न पहुंचने से जबरदस्त मारामारी मची हुई है। गोरखपुराइट्स के घरों में दो जून की रोटी के लिए लोगों को दुकानदारों की मांगी गई कीमत अदा करनी पड़ रही है। पिछले 5-6 दिनों से एलपीजी ट्रक शहर में नहीं पहुंच रहे हैं, जिसकी वजह से बैकलॉग लगातार बढ़ता जा रहा है। वेंस्डे मॉर्निग 8 बजे से खंजाची चौराहा स्थित हिमांशु गैस सर्विस पर कंज्यूमर्स की जबरदस्त भीड़ उमड़ पड़ी, सभी गैस की डिमांड कर रहे थे। पिछले 5-6 दिनों से एलपीजी सिलेंडर के लिए चक्कर लगा रहे कंज्यूमर्स को जब सिलेंडर नहीं मिला, तो उनके सब्र का बांध टूट गया। नाराज कंज्यूमर्स ने गैस गोदाम छोड़ खंजाची चौराहे पर ही सिलेंडर रखकर रोड जाम कर दी। मामले की सूचना के बाद शाहपुर पुलिस मौके पर पहुंची, उन्होंने कंज्यूमर्स को काफी समझा-बुझाकर शांत कराया।

रूट डायवर्जन के साथ भीड़ भी डायवर्ट

फैजाबाद हाईवे रूट बंद होने से जहां लखनऊ रूट ब्लॉक रहा। इसकी वजह से पैसेंजर्स ने रोडवेज का साथ छोड़कर ट्रेन प्रिफर की। इसकी वजह से लखनऊ रूट पर जाने वाली ट्रेंस ओवर लोडेड रहीं, गोरखधाम सुपरफास्ट एक्सप्रेस से जा रहे विकास कुमार श्रीवास्तव की मानें तो यूपीएसआरटीसी मैनेजमेंट ने रूट डायवर्जन की वजह से बस का किराया बढ़ा दिया है, इसलिए मैंने ट्रेन से लखनऊ जाने का डिसीजन लिया। मुंबई रूट भी डिस्टर्ब होने की वजह से पहले से ही ट्रेंस कैंसिल चल रही है। ऐसे में रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन को पैसेंजर्स कंट्रोल करने और उन्हें फैसिलिटी प्रोवाइड करने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। हालांकि यात्रियों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो इसके लिए स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर हेल्प बूथ बना दिया गया है, ताकि वह प्रॉपर ट्रेन पकड़ सके।

वेंस्डे को दो बजे तक रूट डायवर्ट कर बसेज चलाई गई। शाम को कुछ बसेज बस्ती फैजाबाद रूट से भेजा गया है। थर्स डे तक रूट स्मूद हो जाएगा।

- एसके राय, आरएम रोडवेज

गैस आने में थोड़ा प्रॉब्लम हो रही है, अभी यह कुछ दिन बनी रहेगी। कोशिश की जा रही है कि दूसरी जगह से गैस मंगवाकर बैकलॉग को खत्म किया जाए।

- चेतन पटवारी, एरिया मैनेजर, आईओसी

इधर कुछ दिनों भीड़ बढ़ी है, लेकिन पूरी कोशिश है कि यात्रियों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो।

- राममूर्ति, स्टेशन मैनेजर