गोरखपुर (ब्यूरो)।उन्हें ट्रेनिंग के लिए कानपुर का सफर तय नहीं करना होगा। इस मॉडल की सभी जगहों पर तारीफ की गई है। इसलिए अन्य मंडल में भी ट्रेनिंग सेंटर बनाने की पहल की गई है। यह ट्रेनिंग सेंटर आजमगढ़, गोंडा, वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ, झांसी आदि मंडल में सेंटर खोले जाएंगे।
एमडी ने की सराहना
ड्राइविंग सेंटर में न सिर्फ ट्रैफिक के नियमों से संबंधित जानकारी दी जाएगी। बल्कि ध्यान और योग के माध्यम से तनाव दूर करने के लिए काउंसलिंग भी होगी। गोरखपुर राप्तीनगर रीजनल कार्यशाला में ड्राइविंग ट्रेनिंग के साथ काउंसलिंग सेंटर खुल चुकी है। परिवहन निगम के एमडी ने इस ट्रेनिंग सेंटर की सराहना की है। साथ ही अन्य मंडलों में ड्राइविंग ट्रेनिंग व काउंसलिंग सेंटर खोले जाने का निर्देश दिया है। अब सभी मंडलों में सेंटर खोलने की कवायद शुरू कर दी गई है। इस ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर में प्रत्येक दिन ड्राइवर्स के लिए क्लासेस चलेंगी। उन्हें बस संचालन से संबंधित जानकारियां देने के साथ काउंसलिंग कराई जाएगी। ट्रेनिंग के लिए परिवहन निगम के अफसरों के अलावा एक्सपर्ट को भी आमंत्रित किया जाएगा। ट्रेनिंग सेंटर में अलग से ध्यान और योग कक्ष भी बनाए जाएंगे। जहां एक्सपर्ट के माध्यम से ड्राइवर्स को ट्रेंड किया जाएगा।
हादसे पर लगेगा अंकुश
दरअसल, अधिकतर ड्राइवर कुशल नहीं होते। रास्ते में उनकी छोटी गलती भारी पड़ जाती है। कुछ ड्राइवर विभागीय और पारिवारिक कारणों से टेंशन में रहते हैं। ऐसे में दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। शासन ने ड्राइवर्स को पूरी तरह पारंगत और तनावमुक्त बनाने का निर्णय लिया है। ताकि, मार्ग दुर्घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश लग सके।
मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड काउंसलिंग सेंटर का राप्तीनगर रीजनल वर्कशाप का उद्घाटन हो चुका है। इसकी सराहना की गई है। मॉडल की तर्ज पर अन्य मंडलों में भी सेंटर खोले जाने का निर्देश मिला है। सभी जगहों पर कार्य चल रहा है। काउंसलिंग के लिए एक्सपर्ट से संपर्क किया जा रहा है। जो ड्राइवर्स की काउंसलिंग करेंगे। इस नई व्यवस्था से निगम कुशल ड्राइवर तैयार कर सकेगा।
- पीके तिवारी, आरएम, गोरखपुर रीजन