- कलेक्ट्रेट के करीब पांच सौ वकीलों और आने जाने वालों को पानी पीने के लिए जाना पड़ता है बाहर
- ध्वस्त पड़ी है पेयजल व्यवस्था, नलों से आ रहा गंदा पानी
-वकील कई बार कर चुके हैं डीएम से मांग
GORAKHPUR: जिले भर में व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार कलेक्ट्रेट ही घोर अव्यवस्था का शिकार है। यहां जिले भर से आने वाले लोगों और कार्य करने वाले करीब 500 वकीलों के लिए शुद्ध पेयजल तक की व्यवस्था नहीं है। कलेक्ट्रेट परिसर में जितने सरकारी नल हैं उनसे सिर्फ गंदा पानी निकलता है। जिस कारण वादकारियों और विभिन्न समस्याओं को लेकर कलेक्ट्रेट आने वाले लोगों को पेयजल को लेकर काफी दिक्कत होती है। इसलिए कई वकील अपने घर से पानी लेकर आते हैं। वकीलों का कहना है कि पिछली गर्मी में ही उन लोगों ने कई बार डीएम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने को कहा था लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
आदेश देना आसान है
पिछले दिनों सम्पन्न हुए चुनावों की बैठकों में आलाधिकारी मतदान की व्यवस्था देख रहे अधिकारियों को बूथों और कार्यालयों में आम जन और कर्मचारियों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं देने का निर्देश देते रहे। लेकिन जहां करीब एक दर्जन आलाधिकारी बैठते हैं वहीं न तो पेयजल की व्यवस्था ह औैर न ही शौचालय ही साफ सुथरे हैं।
लगा है कूड़े का अंबार
सरकार, जिला प्रशासन की मदद से स्वच्छता अभियान चला रही है। अगर इस अभियान की हकीकत देखनी है तो जिले के आलाधिकारियों के कार्यालय के आसपास आ जाइए। यहां जगह-जगह कूड़े के अंबार लगे हुए हैं। वकील इनकी सफाई के लिए कई बार नगर निगम और यहां के अधिकारियों से शिकायत भी कर चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती।
कलेक्ट्रेट में कहीं शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है। हम लोग घर से पानी लेकर आते हैं। वही पानी वादकारियों को भी पिलाया जाता है।
- रवि प्रकाश श्रीवास्तव, वरिष्ठ अधिवक्ता
अधिवक्ताओं और जिले भर के गांवों से आने वाले लोगों के लिए कलेक्ट्रेट में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है। सरकारी नलों से गंदा पानी आता है। इसकी शिकायत की गई थी।
- योगेंद्र मिश्र, महामंत्री कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन
कलेक्ट्रेट में शुद्ध पेयजल की समस्या काफी दिनों से है। पिछले साल कई बार शिकायत करने पर नगर निगम की ओर से कुछ टोटियां लगाई गई थीं। लेकिन उससे पानी नहीं मिलता है।
- रजनीकांत मिश्रा
कई कार्यो से अक्सर कलेक्ट्रेट आना होता है, लेकिन यहां शुद्ध पेयजल की व्यवस्था न होने के कारण बाहर खरीद कर पानी पीना पड़ता है। गर्मी के दिनों में तो काफी परेशानी होती है।
- संजय पांडेय, वादकारी