- बीआरडी मेडिकल कॉलेज का मामला, सिस्टर इंचार्ज और हेल्थ एंप्लाइज में हुई बहस
- मात्र 100 रुपए में होने वाली जांच को फ्री में करने के लिए किया हंगामा
GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर पैथालोजी में शुक्रवार को मात्र सौ रुपए की जांच को फ्री में कराने के लिए हंगामा खड़ा हो गया। बच्ची के साथ पहुंची सिस्टर इंचार्ज ने हंगामा किया तो हेल्थ एंप्लाइज भी तनकर खड़े हो गए। आरोप है कि सिस्टर इंचार्ज के साथ आए एक व्यक्ति ने एंप्लाइज को जान से मारने की धमकी तक दे डाली। जिम्मेदारों ने किसी तरह से मामले को शांत कराया। बाद में ट्रामा सेंटर के हेल्थ एंप्लाइज ने इसकी शिकायत प्रिंसिपल से की है।
जान-बूझकर बवाल
सुबह लगभग 11 बजे वार्ड नंबर 5 की सिस्टर इंचार्ज रविता अपनी बेटी की जांच कराने सेंटर पैथालोजी में पहुंची। उनकी बेटी के हार्मोस की जांच की जानी थी। मेडिकल कॉलेज में यह जांच 100 रुपए में वहीं बाहर के पैथोलॉजी में 200 रुपए में होती है। सिस्टर इंचार्ज 100 रुपए भी नहीं देना चाहती थी। वह चाहती थी कि जांच फ्री में हो। लेकिन इसके लिए भी उन्होंने प्रॉपर चैनल का यूज नहीं किया। वह फ्री टेस्ट के लिए गायनी विभागाध्यक्ष से लिखवाई पर्ची लेकर पहुंच गई, जबकि फ्री टेस्ट लिखने का अधिकार सिर्फ सीएमएस और प्रिंसिपल को ही है। मामला इसी पर बिगड़ गया।
हेल्थ एम्प्लाई ने किया इनकार
सिस्टर इंचार्ज ने कम्प्यूटर ऑपरेटर को ओपीडी की पर्ची थमा दी। पर्ची पर गायनी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ। रीना श्रीवास्तव ने फ्री जांच के लिए लिखा था। इस पर कम्प्यूटर ऑपरेटर ने उनसे रिक्वेस्ट किया कि फ्री टेस्ट के लिए लिखने का अधिकार नेहरू चिकित्सालय के सीएमएस और प्राचार्य को ही है। वे उनसे लिखवाकर लाएं या फिर रुपए जमा कर दें। आरोप है कि इतना सुनते ही सिस्टर इंचार्ज भड़क उठीं और उसे भला बुरा कहा। इतना ही नहीं, उनके साथ आए एक व्यक्ति ने कम्प्यूटर ऑपरेटर को धक्का दे दिया और जान से मारने की धमकी दी।
जुट गए एंप्लाइज
जैसे ही मामले की जानकारी अन्य हेल्थ एंप्लाइज को मिली, वहां भीड़ जुट गई। हंगामा सुनकर ट्रामा सेंटर के इंचार्ज व पैथोलॉजी प्रभारी भी पहुंच गए। उन्होंने दोनों पक्षों को समझा कर मामले को शांत करवाया। गुस्साएं कर्मचारी प्राचार्य कार्यालय पहुंच गए। इस संबंध में प्रिंसिपल से शिकायत की। प्रिंसिपल डॉ। राजीव मिश्रा ने मामले को गंभीर बताते हुए सिस्टर इंचार्ज को बुलाकर पूछताछ करने की बात कही। तब एम्प्लाइज वहां से चले गए।
वर्जन
सिस्टर इंचार्ज के पास कार्ड नहीं था। मैंने उन्हें फ्री टेस्ट के लिए सीएमएस के पास जाने की सलाह दी थी।
- डॉ। रीना श्रीवास्तव, गायनी विभागाध्यक्ष
यह गंभीर मसला है। कम्प्यूटर ऑपरेटर के साथ हुए दुर्व्यवहार की जांच की जाएगी।
- डॉ। राजीव मिश्रा, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज