- जमानत करा चुके आरोपी को जबरदस्ती गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही थी पुलिस

- कुसम्ही एसबीआई शाखा पर पुलिस को ग्रामीणों ने घेरा, पुलिस लाठी पीटकर खदेड़ा

KUSAMHI BAZAR:

खोराबार थाना क्षेत्र के कुसम्ही में स्थित एसबीआई शाखा में सोमवार को पुलिस ने खूब ड्रामा किया। जमानत करा चुके एक आरोपी को पुलिस गिरफ्तार करने पहुंच गई। उसे बैंक में बंद कर दिया। आरोपी के गांव से पहुंचे प्रधान व ग्रामीणों से पुलिस की बहस हुई। इस दौरान पुलिस ने ग्रामीणों को लाठी पीटकर भगाया। कुछ देर में ही मामला इतना बिगड़ गया कि गिरफ्तारी कर ड्रामा करने वाले पुलिसकर्मियों को एसओ की गाड़ी से वहां से भागना पड़ा।

जमानत की सूचना नहीं

थाना क्षेत्र के रजही निवासी दयानद निषाद किसी मामले में फरार चल रहा था। इस बीच उसने कोर्ट से जमानत ले ली। सोमवार को वह अपनी पत्‍‌नी के साथ कुसम्ही स्थित एसबीआई शाखा में एकाउंट खोलवाने पहुंचा था। बैंक के सामने स्थित चाय दुकान पर खोराबार थाने के दो सिपाही अजीत तिवारी और बृजमोहन सिंह खड़े थे। उन्हें दयानंद दिखा तो वे उसे गिरफ्तार करने के लिए 12.30 बजे बैंक के अंदर दाखिल हो गए। पुलिस वालों ने उसे पकड़ने के लिए बैंक के शटर में ताला लगा दिया।

मांगी और फोर्स

दयानंद ने बताया कि उसकी जमानत हो चुकी है। लेकिन पुलिस वाले नहीं मान रहे थे। उन्होंने थाने को फोन कर हालात बिगड़ने की जानकारी दी और फोर्स मांगी। इधर, दयानंद की पत्‍‌नी संगीता ने अपने गांव के प्रधान रणविजय सिंह मुन्ना और परिजनों को सूचना दे दी। बड़ी संख्या में ग्रामीण बैंक पर पहुंच गए। इसी दौरान थानाध्यक्ष खोराबार रामअशीष यादव भी फोर्स लेकर पहुंच गए।

प्रधान से एसओ की हॉट टाक

बैंक के गेट पर प्रधान और ग्रामीण जमा हो गए थे। एसओ ने उन्हें हटने के लिए कहा। इस पर बात बिगड़ गई। पुलिस जंगल में छेड़छाड़ और फारेस्ट विभाग में किसी मुकदमे में दयानंद को वांछित बताकर उसे गिरफ्तार करने की बात पर अड़ी थी। वहीं प्रधान व गांव वाले यह कह रहे थे कि इस मामले में दयानंद का बेल हो चुका है। मामला बेकाबू होता देख एसओ ने जिले से और फोर्स मांग ली।

2 घंटे बैंक बंद

दयानंद को नहीं छोड़े जाने के कारण ग्रामीण आपे से बाहर होने लगे। स्थिति ऐसी बन गई कि पुलिसकर्मियों की पिटने की नौबत आ गई। तुरंत वरीय अधिकारियों को सूचना दी। इसी बीच जिले से आरै फोर्स पहुंच गई। पुलिसकर्मियों ने दबंगई दिखानी शुरू की। ग्रामीणों को लाठी के बल पर खदेड़ दिया। हालांकि तब भी आरोपी के घर वाले डटे रहे। घर वालों ने पुलिस को बेल पेपर भी दिखाया। हर तरफ से घिरता देख पुलिस को बैक फुट पर आना पड़ा। 2 बजे बैंक का ताला खुलवाकर दयानंद को परिजनों को सौंप दिया।

भागे पुलिस वाले

पुलिस के खदेड़े जाने के बाद भी बैंक के बाहर बड़ी संख्या में ग्रामीण जुटे हुए थे। लोग गुस्से में थे कि जमानत पर रिहा युवक को पकड़ने के लिए पुलिस ने इतना बड़ा ड्रामा किया। बैंक में अपने काम कराने आए कस्टमर्स भी पुलिस की इस करतूत से खफा थे। बैंक में ताला लगाने वाले सिपाहियों पर सभी का गुस्सा देखते हुए एसओ ने उन्हें अपनी गाड़ी में बिठाया और भीड़ से निकालकर थाने ले गए। अन्य पुलिस वाले भी वहां से किसी तरह भाग निकले।

मामला पुराना था। हमें पता नहीं था कि युवक ने बेल करा लिया है। गलतफहमी में पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ लिया था।

- राम आशीष यादव, एसओ, खोराबार

पुलिस की लापरवाही से 2 घंटे तक बैंक बंद रहा। पुलिस को यह सब बैंक के अंदर नहीं करना चाहिए था।

- दिनेश प्रसाद, मैनेजर, एसबीआई ब्रांच