- घटिया नाली निर्माण के विरोध में आने लगी पब्लिक

- रसूलपुर एरिया के अधिकांश क्रॉस टूट चुके हैं

GORAKHPUR: नगर निगम का काम हो और उसमें गोलमाल न हो, ऐसा अक्सर ही देखने को मिलता है। काम होता है और भुगतान से पहले ही टूट-फूट हो जाती है। लेकिन इस बार कुछ और अजब-गजब कारनामे हो रहे हैं। मामला सूरजकुंड एरिया के रसूलपुर में दारुलउलूम मदरसा के पीछे बन रही नाली का है। नाली आगे बनती जा रही है और पीछे से टूटती जा रही है। पब्लिक विरोध करती है तो ठेकेदार कहता है कि जिसको जो करना है कर ले, मैं तो अपने ही हिसाब से काम करूंगा। घटिया नाली निर्माण को देखते हुए पब्लिक को भी डर सताने लगा है। बारिश की कौन कहे ये नाली तो महीने दो महीने ही चल जाए वही बहुत है।

सात माह भी नहीं चलेगी

तीन माह पहले नगर निगम ने रसूलपुर के दारूलउलूम मदरसा के पीछे 6.70 लाख रुपए की लागत से नाली निर्माण का टेंडर निकाला। 1 नवंबर को यहां नाली निर्माण शुरू हो गया। नाली निर्माण शुरू हुआ तो लोगों को लगा कि अब यहां लगने वाले जल जमाव से राहत मिल जाएगी, लेकिन नाली 100 मीटर से आगे बढ़ती कि पीछे से नाली टूटने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता जमशेद खान उर्फ जिद्दी का कहना है कि कल्लू बाबा की दुकान के सामने तीन दिन पहले एक टैम्पो का पहिया रोड के किनारे पड़ते ही नाली की दीवार टूटने लगी। इसकी जानकारी मैंने नगर निगम के चीफ इंजीनियर को दी। इसपर उन्होंने आश्वासन दिया कि आकर देखता हूं, लेकिन अभी तक कोई भी इंजीनियर जांच करने नहीं आया है। ठेकेदार तो खुलेआम बोल रहा है कि मैं अपने मन से जैसे चाहूंगा वैसे काम कराऊंगा। आप लोगों को जहां कंप्लेन करनी है कर लीजिए। यही नहीं कुल पांच फीट चौड़ी इस रोड पर कुल दो फीट की नाली बनाई जा रही है।

मोहल्ले के टूटने लगे हैं क्रॉस

रसूलपुर एरिया के दुकानदार मोहम्मद आलम का कहना है कि मोहल्ले में मई माह में लोगों के काफी विरोध करने के बाद एरिया के 20 से अधिक जगहों पर क्रॉस का निर्माण कराया गया था। घटिया बने क्रॉस सात माह में टूटने लगे हैं। सिधारीपुर जाने वाले रास्ते पर सात क्रॉस की पट्टियां बनाई गई थीं। दो माह बाद जब ये टूटने लगे तो हम लोगों ने कंप्लेन पार्षद से की। जिसके दूसरे दिन पार्षद दो पट्टियां उठवा ले गए। उसकी जगह आज तक खाली पड़ी हुई है।

नाली में पूरी तरह से घटिया सामग्री का प्रयोग हो रहा है। तीन दिन पहले यह नाली बनी थी, लेकिन नाली के ईट टूटने लगे हैं, कई जगह नालियों में दरारें आ गई हैं। अफसरों की कमीशनखोरी में तैयार हो रही यह नाली अब देखना है कितने दिन चलती है।

सिद्दीकी रहमान शाही, रहवासी

नाली बन रही थी तो मोहल्ले के लोगों ने रास्ता बंद कर दिया था। ताकि नाली का सीमेंट सही तरीके से बैठ जाए, लेकिन उसके बाद भी नाली की चार दीवारी पर पैदल चलने पर टूट रही है।

-शमिउल्लाह उर्फ मोनू, रहवासी

पार्षद, अफसर और ठेकेदार की मिलीभगत से तैयार हो रही दारुलउलूम मदरसा के पीछे की नाली एक से डेढ़ माह बाद जल जमाव का कारण बनेगी। क्योंकि कमीशन के खेल में तैयार हो रही है नाली पूरी तरह से घटिया कार्य हो रहा है।

-काजी पप्पू, रहवासी

हम लोगों की समस्या सुनने वाला कोई नहीं है। कई समस्याओं की आवाज नगर निगम के अफसरों और पार्षदों के सामने कई बार उठाई गई, लेकिन अभी तक कोई भी रिजल्ट नहीं निकला है।

-मोहम्मद रईस उर्फ गोल्डन, रहवासी

कॉलोनी में रोड की बहुत बड़ी प्रॉब्लम है। स्थिति यह है कि पिछले तीन साल के अंदर जो भी निर्माण कार्य हुए हैं वह तीन से चार माह में ही टूटने लगे हैं। गर्मी में नाला बनता है और हल्की सी बारिश में ही बह जाता है।

-शब्बू, रहवासी

निर्माण कार्य के लिए पहले ठेकेदार पूरी तरह से मनमाना रवैया अपना रहा है। रोड में जिस तरह का मैटेरियल यूज कर रहा है, उसको लेकर कई बार कहा गया, लेकिन वह कहता है कि हम सीमेंट लगाएंगे तो कमीशन क्या देंगे।

-साकिब, रहवासी

नाली पर स्लैब भी नहीं लगाया गया है। इस वजह से खेलने के दरम्यान बच्चे नाली में गिर जाते हैं। इस रास्ते से जाने वाली लो फ्लोर की गाडि़यां अक्सर फंस जाती है।

-जल्लू बाबा, बुजुर्ग

यहां जल जमाव अधिक होता है, इसलिए एक तरफ की नाली चौड़ी है, नाली निर्माण हो जाने से इस एरिया को जल जमाव से मुक्ति मिल जाएगी।

जयराम यादव, जेई, नगर निगम