- पूर्व राज्यपाल महाबीर प्रसाद के दामाद की हुई थी हत्या
- डॉक्टर सुनील आर्या सहित चार लेागों को कोर्ट ने पाया था दोषी
GORAKHPUR: नवागत प्रिंसिपल डॉ। सुनील एक साल पूर्व सुर्खियों में रहे। मर्डर के मुकदमे में कोर्ट ने डॉ। सुनील सहित चार लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट में अपील के बाद उनको राहत मिली। जमानत मिलने के बाद वह ड्यूटी पर लौटे।
11 जुलाई 2011 को मिली थी डॉक्टर की डेड बॉडी
पूर्व राज्यपाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री, बांसगांव के पूर्व सांसद महाबीर प्रसाद के दामाद डॉक्टर अशोक लापता हो गए। 11 जुलाई 2001 को देवरिया के खुखुंदू स्थित बरडीह, लाला के चौकीदार लालजी ने पुलिस को सूचना दी कि सलेमपुर रोड पर एक डेड बॉडी पड़ी है। बाद में शव की पहचान डॉक्टर के अशोक के रूप में हुई। इस मामले में डॉक्टर सुनील सहित अन्य के खिलाफ हत्या, हत्या के बाद डेड बॉडी छिपाने का मुकदमा दर्ज कराया गया।
सुनील आर्या के गहरे दोस्त थे डॉक्टर अशोक
डॉक्टर अशोक की पत्नी निर्मला ने पुलिस को बताया कि उनके पति और डॉ। सुनील गहरे दोस्त थे। आठ जुलाई 2001 को उनके परिचित अविनाश के घर पार्टी थी। वहां डॉक्टर सुनील आर्या की जगह उनकी पत्नी अकेली आई। डॉक्टर अशोक ने सुनील की पत्नी पर कोई टिप्पणी कर दी। निर्मला ने आरोप मढ़ा कि इसका बदला लेने के लिए 10 जुलाई को पार्टी के बहाने डॉक्टर अशोक को बुलाया गया। उनको पनियरा जंगल स्थित गेस्ट हाउस में ले जाया गया। वहां अशोक को शराब पिलाने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी गई। उसके बाद एनेसिथिसिया विभाग के हेड डॉक्टर सुनील का ट्रांसफर सैफई मेडिकल कालेज कर दिया गया।
मैं पूरी तरह से बेकसूर हूं। मुझे मुकदमे में झूठा फंसाया गया। हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है। किसी पद पर तैनाती करने के पहले गवर्नमेंट हर पहलू की जांच पड़ताल करती है।
डॉॅ। सुनील आर्या, प्रिंसिपल