- शाहपुर स्थित अशोक नगर कॉलोनी में हुई घटना, अलग कमरे में सो रही पत्नी को नहीं लगी भनक
- मृतक के ससुर हैं मुख्यमंत्री सिक्योरिटी में अफसर जबकि सगा बड़ा भाई है बलरामपुर में पुलिस इंस्पेक्टर
- हाईप्रोफाइल मामला देख पुलिस के छूट रहे पसीने, रंजिशन हत्या का संदेह मगर कोई सुराग नहीं
GORAKHPUR:
सीएम सिक्योरिटी में तैनात दीपचंद के दामाद व चार साल के पोते की गुरुवार को निर्मम हत्या कर दी गयी। शाहपुर बशारतपुर स्थित अशोक नगर कॉलोनी में अज्ञात लोगों ने पेश से नेत्र परीक्षक ओम प्रकाश (38) और उनके चार साल अनितेश उर्फ नितिन को सोते वक्त मौत के घाट उतार दिया। मृत ओम प्रकाश यादव के बड़े भाई राजकुमार खुद पुलिस डिपार्टमेंट में इंस्पेक्टर पद पर कार्यरत है और इन दिनों बलरामपुर डिस्ट्रिक्ट में कार्यरत हैं। यह जानकर पुलिस के भी पसीने छूट रहे हैं। हत्यारों ने ओमप्रकाश को जहां हथौड़े से मारा वहीं चार साल के मासूम की गला घोंट कर हत्या की गई।
अलग कमरे में सोई थी पत्नी
डबल मर्डर के इस नये केस में चौंकाने वाली बात ये रही कि ओमप्रकाश की पत्नी अर्चना ठीक सामने के कमरे में अकेले सोई थीं। हत्यारों ने उनके कमरे में बाहर से कुंडी लगा दी थी। सुबह कमरा बंद देख उन्होंने आवाज लगाई तो सास बागेश्वरी देवी ने दरवाजा खोला। इसके बाद जब दोनों ओम प्रकाश के बेडरूम में पहुंचीं तो अंदर का नजारा देख उनकी चीख निकल गई। पुलिस को अर्चना ने बताया कि रात में सिरदर्द था इसलिए वो अलग सोई थीं।
मकसद था सिर्फ हत्या
पुलिस के मुताबिक हत्यारों का एक ही मकसद था हत्या करना। घर में लूटपाट या कुछ चोरी जाने के निशान भी नहीं मिले। ऐसे में पूरी संभावना इसी बात की है कि रंजिशन हत्या की गई है या करवाई गई है। चूंकि ओम प्रकाश काफी मृदु भाषी और सरल स्वभाव के थे इसलिए उनकी किसी से सीधी रंजिश की बात भी अब तक सामने नहीं आई। उस पर मासूम की हत्या इस बात की ओर इशारा करती है कि हत्या के पीछे गहरा षड़यंत्र है।
15 साल से गोरखपुर में
जानकारी के मुताबिक गाजीपुर के मूल और पुलिस डिपार्टमेंट में इंस्पेक्टर पद पर बलरामपुर में पोस्टेड राजकुमार यादव ने 15 साल पहले अशोक नगर में मकान बनवाया है। राजकुमार की पत्नी इन दिनों मायके गई हुई हैं जबकि उनके बच्चे बाहर रह कर पढ़ाई कर रहे हैं। घर पर छोटे भाई ओमप्रकाश, उनकी पत्नी अर्चना, भतीजा और मां बागेश्वरी देवी रहती हैं। ओमप्रकाश बशारतपुर में ही जूम ऑप्टिकल्स नाम से दुकान चलाते हैं। मकान में ग्राउंड फ्लोर पर राजकुमार के परिवार के कमरे और मां रहती हैं। जबकि फर्स्ट फ्लोर पर दो कमरे में ओम प्रकाश का परिवार और एक अन्य हिस्से में महाराजगंज निवासी किरायेदार पति-पत्नी रहते हैं।
किसी को नहीं लगी भनक
घटना के संबंध में मां बागेश्वरी देवी ने बताया कि घर में कुछ निर्माण कार्य चल रहा है। सुबह करीब साढ़े आठ बजे रोज की तरह मजदूर आये तो उन्होंने दरवाजा खोला। तभी छोटी बहू अर्चना की आवाज सुनाई पड़ी जो दरवाजा खोलने के लिए चिल्ला रही थी। उन्होंने जाकर देख तो बेडरूम के सामने वाले रूम में वो बंद थी और बाहर से कुंडी लगी थी। अर्चना के निकलते ही दोनों ओमप्रकाश के बेडरूम में पहुंचे वहां अंदर बाप बेटे की खून से लथपथ लाशें पड़ी थीं। बेड पर ही खून से सना हथौड़ा था जिससे ओमप्रकाश का मर्डर किया गया था। दोनों की चीख सुनकर किरायेदार पति-पत्नी पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। इस दोहरे हत्याकांड की घर में किसी को भनक तक न लगी।
अलग सोई थी पत्नी
अर्चना ने पुलिस को बताया कि कुछ दिन पहले उसके ननद की बेटी घर रहने आई थी तब से वो सामने वाले रूम में भतीजी के साथ सोया करती थीं। तीन दिन पहले वह लौट गई लेकिन बुधवार की रात सिर दर्द की वजह से वह उसी कमरे में जाकर सो गई। रात में पड़ोसी के घर मैरेज एनिवर्सरी की पार्टी थी। सिर दर्द की वजह से वह वहां नहीं गई। ओम प्रकाश ही गए और आकर बेडरूम में बेटे के साथ सो गए। सुबह बाहर से कमरा बंद होने पर उन्होंने आवाज लगाई।
दूसरी पत्नी हैं अर्चना
पुलिस को छानबीन में ये भी पता चला कि अर्चना ओमप्रकाश की दूसरी पत्नी हैं। पहली पत्नी सिंगापुर में जॉब करती थी और फैमिली में एडजेस्ट न कर पाने की वजह से उसने खुद ही ओमप्रकाश से तलाक ले लिया था। इसके बाद 2009 में अर्चना से उनकी शादी हुई। हालांकि पड़ोसियों की माने तो अर्चना और ओमप्रकाश में बहुत अच्छी नहीं बनती थी मगर शांत स्वभाव के ओमप्रकाश किसी को इसका एहसास नहीं होने देते थे।
सांसद और मेयर भी पहुंचे
डबल मर्डर के बारे में सुनकर डीआईजी आरके चतुर्वेदी, एसएसपी लव कुमार, एसपी सिटी हेमंत कुटियाल भी मौके पर पहुंचे। बाद में सांसद योगी आदित्यनाथ और मेयर डॉ। सत्या पांडेय ने भी शोक संतप्त परिवार को ढांढस बधाया। एसएसपी ने कहा कि इस मामले में गंभीरता से छानबीन चल रही है। क्राइम ब्रांच को भी खुलासे में लगाया गया है।
'तुम्हे तो सब पता था, लेकिन कुछ न कर सके'
बेटे और मासूम पोते की लाशें साथ देख बुजुर्ग मां बागेश्वरी देवी मानो बेहोश हो रही थीं। रो-रो का बहू को कोस रही थीं। दोपहर में बड़े बेटे इंस्पेक्टर राजकुमार के घर पहुंचने पर मानो उनके सब्र का बांध ही टूट गया। बिलखते हुए बोलीं कि 'तुम्हें तो सब पता था लेकिन तुम भी कुछ न कर सके'। राजकुमार बस नम आंखों के साथ मां को संभालने में लगे रहे।
नये घर में जाना रह गया सपना
ओम प्रकाश ने मोगलहा में अपने परिवार के लिए एक अलग घर बनवाया है। जल्द ही वह नये घर में शिफ्ट करने वाले थे। 13 फरवरी को बेटे का जन्म दिन और गृह प्रवेश दोनों फंक्शन एक साथ करने की तैयारी थी। लेकिन नये घर में शिफ्ट होना सपना ही रह गया।
कहीं हत्यारे को पहचानता तो नहीं था बेटा?
पुलिस को एक सवाल परेशान किए जा रहा है कि ओम प्रकाश के साथ चार साल के मासूम नितिन को क्यों मारा गया? पुलिस को आशंका है कि संभवत: पिता के हत्या के समय बेटे की नींद खुल गई हो और वह हत्यारे को पहचान रहा हो। ऐसे में सबूत मिटाने के लिए बच्चे की जान लेना मजबूरी बन गया हो। इस मामले में खुलासे के लिए पुलिस परिवार और उसके सभी संबंधियों के मोबाइल कॉल्स की जांच कर रही है क्योंकि पुलिस को शक है कि हत्यारों के साथ कहीं न कहीं परिवार या संबंधियों से जुड़े हो सकते हैं।
किसी रंजिश की वजह से पिता-पुत्र की निर्ममता से हत्या की गई है। शुरूआती जांच में घर से लूटपाट का कोई सुराग नहीं मिला है। ऐसे में ये तय है कि सोची समझी साजिश के तहत ओम प्रकाश की हत्या कर गई है। मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही घटना का खुलासा कर दिया जाएगा।
आरके चतुर्वेदी, डीआईजी गोरखपुर रेंज