- इंजीनियर, प्रिंसिपल की हत्या से सब आहत

- दंपति की सज्जनता का कायल था पूरा मोहल्ला

GORAKHPUR: इंजीनियर संजय श्रीवास्तव और उनकी पत्‍‌नी तुलिका की हत्या से हर कोई आहत था। मिलनसार और सज्जन दंपति को खोने का गम सभी चेहरे पर नजर आ रहा था। मोहल्ले में रहने वाले इंजीनियर के दोनों बहनोई का परिवार बिलख रहा था। मौत की खबर सुनते ही रिश्तेदारों और परिचितों के साथ-साथ स्कूल और रेलवे कर्मचारियों का तांता लग गया। पुलिस ने कमरे से दोनों की डेड बॉडी निकाली तो लोग खुद को रोक नहीं सके। वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो उठी। अलबत्ता, आंसुओं से डबडबाई आंखों में दंपति की हत्या, किसने और क्यों की? यह सवाल तैरते रहे। देर शाम तक पुलिस भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। प्रिंसिपल तुलिका की अंगुलियों से अंगूठी गायब होने से लूटपाट की वजह मानती रही। प्रिंसिपल की हत्या से स्कूल में भी मातम पसर गया। स्कूल प्रबंधक सहित पूरा स्टॉफ व्यथित नजर आया।

नहीं जा रहे थे ऑफिस

रेलवे के वर्कशॉप और बीजी ऑफिस में ड्यूटी कर चुके संजय श्रीवास्तव प्रमोशन के बाद उप मुख्य इंजीनियर बने। रिश्तेदारों ने बताया कि एक माह पूर्व वह वाराणसी ट्रेनिंग पर गए थे। एक जनवरी को लौटकर गोरखपुर आए तो सिर्फ दो-तीन बार ही ऑफिस जा सके। उनके दफ्तर से आए लोगों ने पुलिस को बताया कि किसी तरह का कोई मामला नहीं था। उनका किसी से कोई विवाद नहीं रहा, न ही किसी मामले की जांच पड़ताल की फाइल उनके पास पेडिंग थी। पुलिस मान रही थी कि विभाग में किसी ठेके को लेकर विवाद हो सकता है। इस संबंध में कोई ठोस सुराग नहीं मिल सका। साइंस की टीचर रही तुलिका वर्ष 2009 में कार्मल स्कूल से जुड़ी। अप्रैल मंथ में वह एचपी की प्रिंसिपल बनी। तुलिका के पिता एससी श्रीवास्तव इंजीनियरिंग कॉलेज के इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट से रिटायर हैं। वह बेटे के साथ आस्ट्रेलिया में रह रहे हैं। शनिवार को वह आस्ट्रेलिया से भारत के लिए रवाना होंगे। इंजीनियर के बेटे भी शनिवार की शाम तक गोरखपुर पहुंचेंगे।

इनपुट बाक्स

दो टिफिन, तीन कप बनी चाय

पुलिस की जांच में सामने आया है कि बेड रूम की कुंडी टूटी थी। किचन में एक टिफिन, तीन चाय के कप और फ्राइंगपैन पड़ा था। अंदर के बरामदे में टिफिन में पराठा रखा था। इसके अलावा किचन में कोई बर्तन गंदा नहीं था। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सुबह के टाइम कोई आया हो जिसे देखकर डरने के बाद दंपति कमरे में छिप गया हो। इस वजह से कुंडी तोड़कर बदमाशों ने जान ले ली। जाली वाले गेट पर शुक्रवार का अंग्रेजी अखबार हॉकर खोंस गया था।

पुलिस को करीबी पर शक

सिटी में होने वाले कई मर्डर में पुलिस को करीबियों पर शक रहा। लेकिन किसी घटना का पुलिस पर्दाफाश नहीं कर सकी। पुलिस हर बार किसी परिचित के मौजूद होने का हवाला देकर केस को भूलती रही। हर मामले में पुलिस को नाकामी मिली। विन्ध्यावासिनी नगर में मोहल्ले में डबल मर्डर में पुलिस फिर से करीबियों के इर्दगिर्द घूम रही है। लोगों का कहना है कि इस बार मामला पेडिंग चला जाएगा। हालांकि पब्लिक का मानना है कि इस तरह का कोई गैंग भी सकता है। जो घटना के बाद परिस्थितियां ऐसी बना दें जिससे करीबी के शामिल होने के शक में पुलिस उलझ जाए।

कुछ केस -

13 फरवरी 15 को डीआईजी बंगला के सामने टहलने निकलने रिटायर बैक कर्मचारी विश्वनाथ मिश्रा की हत्या

30 जुलाई 15 को शाहपुर के झरना टोला में सैनिक की पत्‍‌नी और तीन बच्चों का मर्डर

11 अक्टूबर 15 कैंट एरिया के दाउदपुर में रिटायर सचिव की पत्‍‌नी शांति देवी का मर्डर

जिस तरह से दोनों की हत्या हुई है, उसमें किसी करीबी का हाथ लगता है। वह जो दंपति से बिल्कुल फैमिलियर था। वारदात लूट की नियत से नहीं हुई। सिर्फ हत्या के इरादे से दोनों को मारा गया है।

डॉ। संदीप श्रीवास्तव, कांउसलर

कानून व्यवस्था अखिलेश सरकार में नहीं रह गई है। सरकार के एजेंट बनकर पुलिस अफसर काम कर रहे हैं। इससे लॉ एंड ऑर्डर खराब हो गया है। इस पर न तो राज्यपाल एक्शन ले रहे हैं और न ही राष्ट्रपति। लॉ एंड आर्डर को लेकर पूरे मंडल में एक दिन, एक साथ स्ट्राइक की जाएगी।

मधुसूदन त्रिपाठी, अध्यक्ष, बार एसोसिएशन सिविल कोर्ट

पॉश कॉलोनी में दंपति की हत्या पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। एसएसपी इस पर गंभीरता से विचार करें। लगातार चोरी, लूट और डकैती हो रही हैसंस्कृति पब्लिक स्कूल का चेयरमैन होने की वजह से एक पि्रंसिपल की हत्या की घोर निंदा करते हैं। इस दोहरे हत्याकांड का शीघ्र पर्दाफाश किया जाए।

सीताराम जायसवाल, अध्यक्ष संयुक्त व्यापार मंडल गोरखपुर