गोरखपुर (ब्यूरो)। अब जब कि 60 से 70 दिन बाद एग्जाम शुरू होने हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स को चाहिए कि वह प्रेशर को इग्नोर कर पेशेंस और खुद पर विश्वास रखकर जो भी पढ़ा है, उसकी तैयारी करें। अब जो भी समय बचा है उसका निगेटिव नहीं पॉजिटिव यूज करें। निश्चित ही उनके अच्छे माक्र्स आएंगे। यह बातें दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से बोर्ड एग्जाम को लेकर आर्गनाइज वेबिनार में साइकोलॉजिस्ट डॉ। श्वेता जॉनसन ने कहीं। इसी तरह वेबिनार में जुड़े स्कूल के डायरेक्टर, प्रिंसिपल और कॅरियर काउंसलर ने स्टूडेंट को अच्छे नंबर लाने के टिप्स दिए। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के सम्पादकीय प्रभारी शिशिर मिश्र ने वेबिनार की रूपरेखा रखी।
टारगेट बेस होनी चाहिए पढ़ाई
रैंपस स्कूल के प्रिंसिपल राजकुमार श्रीवास्तव ने बताया, अब 70 दिन का समय बचा है। इसमें से कुछ समय प्रैक्टिकल में निकल जाएंगे। इस समय बच्चों को टारगेट बेस पढ़ाई करनी होगी। कोर सब्जेक्ट पर फोकस करना होगा। हर दिन एक टारगेट बनाकर पढऩे बैठना होगा कि आज मुझे इस चैप्टर को खत्म करना है। खास तौर से मैथ्स के स्टूडेंट को कैलकुलस पर विशेष ध्यान देना होगा। क्योंकि एग्जाम में कैलकुलस का पार्ट करीब 34 नंबर का पूछा जाएगा।
डाइट और हेल्थ पर ध्यान दें स्टूडेंट
जेपी एजुकेशन के डायरेक्टर और सीबीएसई ट्रेनिंग कोआर्डिनेटर सलिल के। श्रीवास्तव ने बताया, सभी बच्चों की तैयारी का लेवल अलग-अलग होता है। उसी हिसाब से तैयारी करनी होगी। किसी सेे भी खुद को कंपेयर करने की जरूरत नहीं है। इधर प्रैक्टिकल एग्जाम होने हैं। अगर आप अच्छी तैयारी के साथ प्रैक्टिकल देते हैं तो कहीं ना कहीं इसका फायदा थ्योरी में भी जरूर मिलेगा। इस समय जब रोट लर्निंग खत्म हो चुकी है तब बहुत जरूरी है कि बच्चों को इनडेब्थ नॉलेज हो। पेरेंट््स के साथ ही बच्चों को खुद भी अपनी डाइट और हेल्थ का ध्यान देना होगा।
गंभीरता से दें प्री बोर्ड एग्जाम
स्टेपिंग स्टोन इंटर कॉलेज के डायरेक्टर राजीव गुप्ता ने बताया कि बोर्ड एग्जाम करीब हैं, इस समय पेनिक होने की जरूरत नहीं है। स्कूल प्री बोर्ड एग्जाम का पेपर इस तरह तैयार करते हैं, जिससे बोर्ड एग्जाम का रिहर्सल हो सके। जैसे क्वेश्चन बोर्ड एग्जाम में पूछे जाने हैं, उसी तरह से प्री बोर्ड भी लिया जाता है। इसलिए स्टूडेंट प्री बोर्ड एग्जाम को गंभीरता से लें, इससे उनकी कमियों का पता चलेगा, समय रहते उस कमजोर पोर्सन को आप सुधार सकते हैं। जो बच्चा प्री बोर्ड गंभीरता से देता है, उसे बोर्ड एग्जाम जरा भी हौवा नहीं लगेगा। इस समय घबराने की जरूरत नहीं है। अच्छे से रिवीजन करें। अच्छे नंबर आने से कोई नहीं रोक पाएगा।
दो माह में अर्जित की सफलता
आरपीएम एकेडमी के डायरेक्टर अजय शाही ने कहा, मैं कई ऐसे स्टूडेंट्स को जानता हूं, जिन्होंने दो माह में ही बड़ी सफलता यानी बोर्ड एग्जाम में बड़ा स्कोर अर्जित किया है। इसलिए बोर्ड एग्जाम से पहले यह जो दो माह बचे हैं, इस अवधि में कोई भी स्टूडेंट अच्छे से प्रिपरेशन करे तो वह भी अच्छा स्कोर कर सकता है। स्टूडेंट को प्री बोर्ड एग्जाम की कॉपियां और टेस्ट पेपर अवेलबल कराया जा रहा है। अगर स्टूडेंट आंसर बुक की गलतियां सुधार ले और टेस्ट पेपर से तैयारी करें तो उनके जरूर अच्छे नंबर आएंगे। सभी स्टूडेंट प्री बोर्ड को हल्के में ना लें, इसकी गंभीरता समझें। इस समय कुछ भी नया नहीं करने की जरूरत है। जो चैप्टर अच्छे से पढ़ा है, उस पर कमांड रखें और उसी से अच्छा स्कोर करें। पेरेंट्स के लिए जरूरी है कि वह बच्चों के आस-पास अच्छा एन्वायरमेंट बनाएं।
पेरेंट्स को इनवॉल्व होना होगा
जुबली इंटर कॉलेज केमेस्ट्री के लेक्चरर डॉ। दीपक सिंह ने बताया कि बोर्ड एग्जाम करीब हैं, इस समय पेरेंट्स को इनवॉल्व होना ही होगा। उन्हें बच्चों के हर रूटीन पर ध्यान देना होगा। उनकी जरूरतों को बिना नाराज हुए पूरा करना होगा। गार्जियन का सपोर्ट मिलने पर बच्चे से काफी हद तक बोर्ड एग्जाम का प्रेशर कम हो जाता है। इसके साथ ही बच्चों के खान- पान पर भी ध्यान देना होगा। बहुत जरूरी है कि एग्जाम के समय बच्चे बीमार ना पड़ें। बीमारी से वीकनेस आती है, जिससे दिमाग भी वीक हो जाता है। याद करने की क्षमता भी कम हो जाती है।
प्रेशर लें, इतना नहीं कि वह डिरेल हो जाएं
कॅरियर काउंसलर पुर्णेन्दु शुक्ला ने बताया कि बोर्ड एग्जाम का प्रेशर बच्चे जरूर लें लेकिन इतना नहीं कि वह डिरेल हो जाएं। किसी सब्जेक्ट पर उनकी अच्छी पकड़ नहीं है तो परेशान ना हों। वह उस विषय पर अधिक ध्यान दें जो उन्हें अच्छा लग रहा हो, उससे अच्छा स्कोर करने का प्रयास करें। बोर्ड एग्जाम के तुरंत बाद ही कॉम्पेटेटिव एग्जाम भी होने हैं। अधिकतर बच्चे यही चाहते हैं कि 12 वीं के बाद उनका साल बर्बाद ना हो। वह पहले ही अटेंप्ट में अपना गोल अचीव कर लें। स्कूल के लिए जरूरी है कि उनके पास इस समय कोई कमजोर बच्चा भी क्योरी लेकर आता है तो उसको अच्छे से समझाएं, कहीं से भी यह फील ना आने दें वह वीक है।